पंजाब में लगातार मासूमों से हो रही वारदातें, प्रवासी मजदूरों को लेकर बड़ी लापरवाही आई सामने

punjabkesari.in Tuesday, Sep 16, 2025 - 05:43 PM (IST)

जालंधर (शौरी): पंजाब में प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण को लेकर प्रशासन की लापरवाही अब गंभीर खतरे का रूप ले रही है। हाल ही में होशियारपुर में मासूम की निर्मम हत्या और जालंधर में प्रवासी मजदूर द्वारा बच्चे को अगवा करने की कोशिश ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। कानून के मुताबिक प्रदेश में किसी भी क्षेत्र में काम करने वाले हर प्रवासी मजदूर का नजदीकी पुलिस थाने में पंजीकरण अनिवार्य है। इसके लिए पहचान पत्र, निवास प्रमाण और मालिक/ठेकेदार का विवरण देना आवश्यक है। यह प्रक्रिया पूरी तरह नि:शुल्क है। लेकिन जमीनी स्तर पर इस नियम का पालन बेहद ढीला है, जिसकी वजह से आपराधिक प्रवृत्ति के लोग आसानी से छुपकर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं।

लोगों का कहना है 'क्या पुलिस अपराध होने का इंतजार कर रही है?' होशियारपुर की हत्या और जालंधर की किडनैपिंग की कोशिश इस बात का साफ संकेत है कि अब केवल अपील और चेतावनी काफी नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इंडो-अमरीकन फ्रैंड्स ग्रुप के चेयरमैन रमन दत्त ने इन घटनाओं को पुलिस प्रशासन की गंभीर लापरवाही बताते हुए कहा कि लगातार हो रही वारदातें साफ दिखाती हैं कि प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण और उनकी निगरानी सही ढंग से नहीं हो रही। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वह सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट और सख्त संदेश दें कि पंजीकरण हर हाल में सुनिश्चित हो और लापरवाही करने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जाए।

उन्होंने आगे कहा कि यह भी उतना ही अहम है कि ज्यादातर प्रवासी मजदूर बेहद मेहनती और ईमानदार हैं। वे पंजाब की कृषि, उद्योग और निर्माण क्षेत्र में दिन-रात काम करके राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहे हैं लेकिन दुख की बात है कि कुछ आपराधिक तत्व हत्या, चोरी और अन्य अपराधों में शामिल होकर पूरे प्रवासी समुदाय की छवि खराब कर रहे हैं।

रमन दत्त ने चेतावनी दी कि गिने-चुने अपराधियों की वजह से समाज में नफरत और अविश्वास फैल रहा है। अगर सरकार और पुलिस ने तुरंत ठोस कदम नहीं उठाए तो हालात और गंभीर हो सकते हैं। सरकार को चाहिए कि मेहनती प्रवासी मजदूरों और अपराधियों में स्पष्ट अंतर करे। अच्छे मजदूरों की सुरक्षा, सम्मान और अधिकार सुनिश्चित करे, जबकि अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने जनता से भी अपील कि फैक्टरी मालिक, ठेकेदार और आम नागरिक पुलिस प्रशासन का सहयोग करें और प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण तुरंत करवाएं ताकि सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हो और अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।

लापरवाही का खामियाज

-पुलिस के पास मजदूरों का सही रिकॉर्ड न होने से अपराधियों पर नजर रखना मुश्किल।
- आपात स्थिति या हादसे में पीडि़तों को मदद पहुंचाने में देरी।
- कानून में सख्ती के प्रावधान होने के बावजूद कार्रवाई का अभाव।

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News Editor

Kalash

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