अमरेन्द्र सरकार पर नया संकट

punjabkesari.in Friday, Sep 27, 2019 - 01:17 PM (IST)

जालंधर(खुराना): आने वाले समय में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार एक नए संकट में घिरने वाली है क्योंकि धान की फसल आने को कुछ ही समय शेष बचा है जबकि पंजाब के गोदामों में नए चावल को रखने के लिए समुचित जगह नहीं है। गौरतलब है कि अच्छी वर्षा के कारण इस वर्ष पंजाब में धान की पैदावार 170 लाख टन के करीब होने की सम्भावनाएं व्यक्त की जा रही हैं, जिससे 114 लाख टन धान शैलरों द्वारा बनाकर सरकार को दिया जाएगा।  पंजाब में चावल स्टोर करने की क्षमता 110 लाख टन आंकी जा रही है जबकि राज्य के गोदामों में 92 लाख टन चावल पहले से पड़ा हुआ है, जो सरकार के लिए बड़ी दिक्कत बन सकता है।

इस संबंध में पंजाब राइस मिलर्स वैल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश जैन की अध्यक्षता में एक शिष्टमंडल ने गत दिनों पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशू व डायरैक्टर आनंदिता मिश्रा से मुलाकात की और उनसे साफ शब्दों में कहा कि शैलर मालिक 31 मार्च तक स्पेस के मुताबिक मिलिंग का चावल सरकार को देंगे, 31 मार्च के बाद बची हुई पैडी पर किसी किस्म का ब्याज नहीं देंगे। पंजाब सरकार को बैंक गारंटी खत्म करनी होगी और सरकारी एजैंसियों की तरफ मिलर्स का जो करोड़ों रुपया फंसा हुआ है, उसे वापस किया जाएगा। सभी प्रकार की सिक्योरिटी रिफंड की शर्त पर लेनी होगी।

श्री जैन ने मंत्री आशू को बताया कि जिस प्रकार पुराने चावल को दूसरे राज्यों में भेजने की समस्या आ रही है, उस हिसाब से केवल 18 लाख टन नया चावल पंजाब के गोदामों में स्टोर हो सकेगा। दिल्ली की सूचनाओं के मुताबिक पंजाब से केवल 4 लाख टन चावल हर महीने दूसरे राज्यों को मूव होगा। ऐसी परिस्थितियों में 31 मार्च 2020 तक केवल 24 लाख टन चावल को स्टोर करने की जगह बचेगी। इसलिए एफ.सी.आई. के अधिकारियों को साफ कह दिया गया है कि इस साल मिलिंग को एक साल से ज्यादा का समय भी लग सकता है। उन्होंने बताया कि ऐसी ही समस्याओं के चलते मालवा क्षेत्र की ज्यादातर चावल मिलें बंद होने के कगार पर पहुंच चुकी हैं और बाकी मिलर्स भी सोचने को विवश हैं। मंत्री आशू ने शिष्टमंडल को आश्वासन दिया कि उक्त सभी समस्याओं बारे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र से बात करके सोमवार तक कोई न कोई हल निकाला जाएगा।

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Sunita sarangal