टल्ली होकर गाड़ी चलाई तो 10000, बिना सीट बैल्ट के 1000 रुपए जुर्माना

punjabkesari.in Sunday, Aug 11, 2019 - 01:13 PM (IST)

जालंधर(नरेश): अब टल्ली होकर गाड़ी चलाना आपको महंगा पड़ेगा। इस अपराध के लिए आपको 2 हजार की बजाय 10 हजार रुपए जुर्माना चुकाना पड़ेगा जबकि बिना लाइसैंस के गाड़ी चलाने पर 5 हजार रुपए और बिना सीट बैल्ट पर अब 1000 रुपए जुर्माना देना होगा।

संसद के बजट सत्र के दौरान पास किए गए  मोटर व्हीकल (अमैंडमैंट) बिल 2019 के प्रावधानों को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है। यह यह बिल भारत सरकार के गजट में भी नोटीफाई कर दिया गया है। इसका सीधा मतलब है कि मोटर व्हीकल एक्ट के तमाम प्रावधान अब देश भर में लागू हो गए हैं।  आज से ही पुलिस द्वारा किए जाने वाले चालान पर अब नए कानून के मुताबिक जुर्माना होगा।  नए बिल के मुताबिक बच्चों के ड्राइविंग करने की स्थिति में उसके अभिभावकों को 25 हजार रुपए का जुर्माना और 3 साल तक की सजा का प्रावधान रखा गया है। इसके साथ ही बच्चा जिस वाहन का उपयोग कर रहा होगा उसका रजिस्ट्रेशन भी रद्द करने का प्रावधान है।

टैम्परेरी रजिस्ट्रेशन बंद होगी 
 वाहनों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में सुधार लाते हुए इस बिल में टैम्परेरी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को जटिल बनाया गया है और वाहन के नंबर को जारी करने के लिए डीलरों के नैटवर्क का ही प्रयोग किया जाएगा। हालांकि राज्य सरकारों के परिवहन विभाग के अधिकारी डीलरों के पास जाकर नंबर जारी करने की प्रक्रिया की जांच कर सकते हैं लेकिन कानून में वाहन का नंबर अब एक ही बार जारी किए जाने पर जोर दिया गया है।

वापस मंगवाए जाएंगे पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाने वाले वाहन 
 यदि किसी कम्पनी के वाहनों से प्रदूषण होता है और यह पर्यावरण पर खतरे के अलावा  सड़क अथवा आम लोगों के लिए नुक्सानदायक हैं तो ऐसे वाहनों को वापस बुलाने के लिए बिल में केंद्र सरकार को अधिकार दिए गए हैं। वापस बुलाए गए वाहनों का निर्माण करने वाली कम्पनी खरीददारों को पैसे वापस करने अथवा खराब पुर्जे को रिप्लेस करने के लिए बाध्य होगी।

थर्ड पार्टी इंश्योरैंस में 5 लाख हर्जाना का दावा
नए कानून में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन और लापरवाही पर जुर्माना 10 गुना तक बढ़ा दिया गया है। बिना हैल्मेट और बिना सीट बैल्ट जैसे अपराधों पर अब 100 की बजाय 1000 रुपए जुर्माना लगेगा। नए संशोधन बिल में 24 तरह के अपराधों को शामिल किया गया है ।  इनके जुर्माने में संशोधन किया गया है। इसके साथ ही आपके वाहन की फिटनैस के अलावा वाहन चालकों की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया गया है। उदाहरण के तौर पर किसी भी जगह पर दुर्घटना की स्थिति में फर्स्ट एड और गंभीर इलाज भी कैशलैस किया जाएगा। इसके अलावा थर्ड पार्टी इंश्योरैंस में ड्राइवर के साथ-साथ उसके साथ जा रहे व्यक्ति को भी बीमे में शामिल किया गया है। थर्ड पार्टी इंश्योरैंस में अब 50 हजार की जगह 5 लाख रुपए के हर्जाने का दावा किया जा सकेगा और यह राशि पीड़ित के परिवार को एक माह में देनी होगी।

पुलिस ने कानून तोड़ा तो दोगुना जुर्माना
नए कानून में आम जनता को नियम व कानून मानने के लिए बाध्य बनाने के साथ-साथ इन नियमों को लागू करवाने वाली अथारिटीज पर भी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। सैक्शन 210 बी के तहत यदि कानून को लागू करवाने वाली सरकारी एजैंसियों के अधिकारी अपराध करते हैं तो उन पर आम जनता के मुकाबले दोगुना जुर्माना होगा। सामान्य तौर पर ट्रैफिक का विषय पुलिस के अधीन आता है और शहरों का ट्रैफिक पुलिस ही मैनेज करती है। हालांकि हाईवेज पर बड़े वाहनों में ओवरलोङ्क्षडग और अन्य प्रकार के अपराधों को लेकर ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी भी इसी दायरे में आएंगे।

पुलिस को मिलेगी टे्रङ्क्षनग : कमिश्रर
बिल को संसद की मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति ने इस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और यह बिल गजट में नोटीफाई भी हो गया है। सरकारी स्तर पर हालांकि इस संबंध में कोई कम्युनिकेशन नहीं हुआ लेकिन इसके बावजूद हम नए कानून को लागू करने के लिए जमीनी स्तर पर पुलिस के मुलाजिमों को ट्रेङ्क्षनग देने का सिलसिला शुरू कर रहे हैं क्योंकि नए कानून में कई ऐसे प्रावधान हैं जिनके बारे में मुलाजिमों को जानकारी होना जरूरी है। हालांकि अदालत में जाने वाले चालानों पर अदालत नए कानून के मुताबिक ही जुर्माना करने का प्रावधान कर सकती है।     -गुरप्रीत सिंह भुल्लर, कमिश्नर जालंधर पुलिस

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