आज भी ट्रेनों के आगमन का इंतजार कर रहा पंजाब का ये Railway Station, पढ़ें...
punjabkesari.in Monday, Aug 11, 2025 - 12:19 PM (IST)

पठानकोट (आदित्य) : सिटी रेलवे स्टेशन जिसे हाल ही में 10 करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक बनाया गया है, एक बार फिर उपेक्षा का शिकार होता दिख रहा है। रेलवे द्वारा नई और महत्वपूर्ण ट्रेनों विशेष रूप से वन्दे भारत एक्सप्रेस का ठहराव पठानकोट कैंट स्टेशन पर दिए जाने से शहर के कारोबारी और आम नागरिक बेहद खुश है लेकिन सिटी स्टेशन को अनदेखा किए जाने से निराश भी हैं।
लोगों का कहना है कि जहां एक तरफ सिटी स्टेशन की सुंदरता पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इसे नई ट्रेनों से वंचित रखकर इसके अस्तित्व पर ही संकट खड़ा किया जा रहा है। स्थानीय व्यापारियों और सामाजिक संगठनों ने एक स्वर में मांग की है कि पठानकोट सिटी स्टेशन पर भी नई ट्रेनों को रोका जाए, क्योंकि इसका सीधा असर शहर की अर्थव्यवस्था और सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी पर पड़ेगा। पठानकोट सिटी रेलवे स्टेशन का ऐतिहासिक महत्व है, जबकि पठानकोट कैंट स्टेशन एक बड़ा जंक्शन होने के कारण पहले से ही काफी व्यस्त रहता है। कैंट स्टेशन पर पहले से ही 50 से अधिक ट्रेनों का ठहराव होता है, जबकि सिटी स्टेशन पर ट्रेनों की संख्या बहुत कम है। ऐसे में जब रेलवे ने नई Vande Bharat Express चलाई तो उम्मीद थी कि नए विकसित सिटी स्टेशन पर भी नई ट्रेनों को लाया जाएगा ताकि यहां के लोगों को फायदा मिल सके।
कैंट रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव, पर स्थानीय व्यापार ठप्प :
नई ट्रेनों का सिटी स्टेशन पर न रुकना सिर्फ एक स्टॉपेज का मामला नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर शहर की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। अगर नई ट्रेनें सिटी स्टेशन पर आती तो इससे रेलवे रोड सहित आसपास के इलाकों के कारोबार में भारी उछाल आता। स्टेशन पर आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ने से वेंडरों, कुलियों, टैक्सी चालकों और छोटे दुकानदारों की आमदनी में वृद्धि होती। रेलवे रोड़ सहित आसापास के बाजारों के कारोबारियों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि रेलवे रोड के कारोबारियों का काम बुरी तरह से प्रभावित है। पहले तीन साल तक नैरोगेज लाइन बंद रही और अब नई ट्रेन को भी सिटी स्टेशन पर शुरु न किया जाना चिंता का विषय है।
उन्होंने भाजपा प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा से अपील करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर तुरंत रेलवे अधिकारियों से बात करें। काफी ट्रेनें धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देती है क्योंकि यह लोकल श्रद्धालुओं के लिए चलाई गई है अगर इसका ठहराव सिटी स्टेशन पर होता तो स्थानीय लोगों को इसका ज्यादा लाभ मिलता। जिस तरह से जालंधर में सिटी स्टेशन पर वन्दे भारत को रोका गया है, उसी तरह पठानकोट में भी ऐसी ट्रेनों की व्यवस्था लागू होनी चाहिए।
सिटी रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के आगमन पर ध्यान देने की जरूरत :
व्यापार मंडल के भारत महाजन, राजेश पुरी, अमित नय्यर, अश्वनी बजाज, मणमहेश बिल्ला ने कहा कि हम वन्दे भारत के चलने का स्वागत करते हैं, लेकिन सिटी रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का स्टॉपेज होना चाहिए। जहां से अपने गंतव्यों पर जाने के लिए यात्रियों को सुविधा मिल सके। वंदे भारत जैसी एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टॉपेज कैंट स्टेशन होना सराहनीय है, लेकिन सिटी में भी ट्रैनों का ठहराव अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि जब सिटी स्टेशन के सौंदर्यीकरण पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं, तो वहां ट्रेनों की संख्या भी बढ़ानी चाहिए। पठानकोट की जनता और व्यापारी चाहते हैं कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि इस मुद्दे को रेलवे मंत्रालय और सरकार के सामने मजबूती से उठाएं ताकि सिटी स्टेशन को उसका उचित सम्मान और स्थान मिल सके। इस पूरे मामले से एक बात तो साफ है कि करोड़ों रुपये खर्च करके स्टेशन की इमारत को चमकाने से उसका अस्तित्व नहीं बचता बल्कि उसे चलाने और उपयोग में लाने से ही उसका महत्व बढ़ता है।
करोड़ों खर्च करने के बावजूद ट्रेनों का ठहराव न होना सरकार की नाकामी : विभूति शर्मा
रेलवे स्टेशन को विकसित रूप देने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किए गए लेकिन उसके बावजूद ट्रेनों का ठहराव न होना सरकार की नाकामी है। इस पर आप पार्टी के हलका इंचार्ज विभूति शर्मा ने कहा कि पठानकोट रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव न होने से आसपास का कारोबार ठप्प हो चुका है इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए सरकार को चाहिए कि रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव को पुन: शुरु करवाना चाहिए। इसके साथ ही वंदे भारत ट्रेन पठानकोट स्टेशन से चलनी चाहिए थी। इससे पठानकोट-हिमाचल के यात्रियों को भी राहत मिलेगी और वहीं स्थानीय व्यापार भी बढ़ेगा।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here