3 साल पहले बम मिलने पर सुर्खियों में आया था नीटू शटरां वाला, अब देश के इतिहास में दर्ज हुआ नाम

punjabkesari.in Saturday, Jun 01, 2019 - 11:17 PM (IST)

जालंधर। आम चुनाव में परिवार की 9 में से 5 वोटें पडऩे के बाद सुर्खियों में आए आजाद उम्मीदवार नीटू शटरां वाला अब जालंधर लोकसभा क्षेत्र में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। मीडिया में इतनी कवरेज शायद चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के उम्मीदवार संतोख चौधरी को भी न मिली हो जितनी नीटू शटरां वाला को मिली है। मीडिया में लाइम लाइट में आने के बाद नीटू शटरां वाला को डिप्रैशन से बाहर निकालने के लिए विश्व विख्यात रैसलर खली उनके साथ खड़े हैं। अब उन्हें लुधियाना की एक निजी कंपनी ने अपना ब्रांड एम्बैसेडर बनाया है। अब नीटू शटरां वाले चुनाव लडऩे के बाद उन्हें मिली ख्याति को संभाल पाएं या नहीं पर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि उन्होंने चुनाव आयोग के पन्नों में अपना नाम सदा के लिए दर्ज करवा लिया है। यह पहली बार नहीं था कि जब नीटू मीडिया में हीरो बने हों। 26 जनवरी 2016 में पंजाब हाई अलर्ट के दौरान नीटू को जालंधर शहर में बम मिल गया था जिसे लेकर वह सीधा पुलिस थाने जा पहुंचे थे। इस घटना के अगले दिन पंजाब के मुख्य अखबारों के पन्ने नीटू शटरां वाले और पंजाब पुलिस की हाई अलर्ट के दौरान लापरवाही की कहानियों से लबरेज थे। 

जब दहशत के साए में आ गया था जालंधर शहर 
बम मिलने की खबरों से शहर में दहशत का माहौल था। बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया। शहर के हाईवे को कुछ घंटों के लिए बंद कर दिया गया। बम को सड़क किनारे रेत की बोरियां रखकर बंकर बनाया गया। बम को रस्सी से बांध कर घसीट कर बंकर में लाया गया। संदिग्ध बम पर हल्का-सा धमाका करवाया गया था। बम को पुलिस की गाड़ी में रख कर गांव राओवाली के पास हाईवे से 500 मीटर की दूरी पर एक खेत में लाया गया था जहां इसे पूरी तरह डिफ्यूज कर दिया गया था।  

किस तरह का था बम
खाली बोरी में रखे एक पैकेट पर एल्यूमीनियम फॉयल चढ़ी थी। ऊपर वोल्ट मीटर बांधा था। पीले रंग की मोटी तार पैकेट में लिपटे 3 यूनिट से जोड़ी गई थी। डिफ्यूज करने पर इस संदिग्ध बम से व्हाइट पाऊडर, इलैक्ट्रीकल सॢकट, स्पंज और तांबे की तारें निकलीं। इसके 3 यूनिट को सेबे से बांधा गया था। 

शटरां वाला की चुनावी दास्तां
नीटू शटरां वाला को भले ही उनके अपने बूथ पर उनके ही परिवार के 9 सदस्यों में से 5 के ही वोट मिले हैं लेकिन वह अब अपने शहर जालंधर ही नहीं पूरे पंजाब में एक शख्सियत के रूप में उभरे हैं। हार जाने के बाद उन्होंने जब रो-रो कर अपना दर्द मीडिया में बयां किया तो उन्हें सहानुभूति प्रकट करने के लिए हजारों फोन आए हालांकि उन्हें चुनाव में कुल 854 वोट ही हासिल हो पाए। लाखों रुपए के कर्ज में पहले से ही डूबे नीटू ने फिर 50 हजार रुपए उधार लिए और जालंधर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे का फैसला लिया। चुनाव उन्होंने अपने आत्म सम्मान के कारण लड़ा। 

नीटू की मानें तो वह कांग्रेस सांसद संतोख चौधरी के खिलाफ  कभी चुनाव लडऩा ही नहीं चाहते थे। वह उनके वोटर और पक्के समर्थक भी रहे हैं लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान वह जब उनके साथ सैल्फी ङ्क्षखचवाना चाहते थे तो एक आदमी ने उनका फोन नीचे गिरा दिया। नीटू के दिल में यह घटना घर कर गई। वह इसे अपनी गुरबत की जलालत समझ बैठे और उन्होंने चुनाव लडऩे का निर्णय लिया। टिक-टॉक वीडियो बनने के बाद नीटू को अमरीका, इंगलैंड व कनाडा से फोन आए हैं। उनका दावा है कि विदेशों में रह रहे प्रवासियों ने उनकी वित्तीय सहायता करने का भी वादा किया है।

Vaneet