नॉर्थ हलके में कोई सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट ही नहीं

punjabkesari.in Friday, Jan 03, 2020 - 08:41 AM (IST)

जालंधर(खुराना): पंजाब के प्रमुख शहर जालंधर का लगातार विकास किसी से छिपा नहीं है परंतु शहर के विस्तार के बावजूद समय-समय की सरकारों ने नागरिक सुविधाओं को बढ़ाने की ओर ध्यान नहीं दिया जिस कारण जनसमस्याओं में लगातार वृद्धि होती जा रही है। आजकल जालंधर के नार्थ विधानसभा क्षेत्र के कई वार्ड सीवरेज बंद व सीवरेज ओवरफ्लो की समस्या से जूझ रहे हैं जिससे लाखों लोग प्रभावित हैं। रिहायशी कालोनियों में आई सीवर की समस्या के दृष्टिगत फोकल प्वाइंट का मेन डिस्पोजल बंद कर दिया गया है जिससे आने वाले दिनों में इंडस्ट्री को समस्या आनी निश्चित है।

देखा जाए तो यह समस्या जालंधर नगर निगम की नालायकी और लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण है क्योंकि इतने साल बीत जाने के बावजूद अभी तक जालंधर नार्थ विधानसभा हलके में एक भी सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट नहीं है। शहर का मुख्य ट्रीटमैंट प्लांट फोल्ड़ीवाल में है जो नार्थ से कई किलोमीटर दूर छावनी विधानसभा हलके के एक छोर पर पड़ता है। दूसरा ट्रीटमैंट प्लांट बस्ती पीरदाद में है जो भी नार्थ से दूर तथा वैस्ट विधानसभा क्षेत्र में है। नार्थ हलके का कुछ सीवरेज ट्रीट होने के लिए सैंट्रल विधानसभा क्षेत्र में बने जैतेवाली प्लांट में जाता है। तीनों ही प्लांट विभिन्न स्थानों पर स्थित होने के कारण नार्थ विधानसभा क्षेत्र के लिए सिरदर्द बन गए हैं क्योंकि इन प्लांटों तक जाने वाली सीवर लाइनें अगर भरी हुई मिलती हैं तो टेल एंड यानी सबसे पिछले छोर पर होने के कारण नार्थ विधानसभा क्षेत्र को सीवर ओवरफ्लो झेलना पड़ता है।

इंडस्ट्री भी चुप बैठने वाली नहीं
रिहायशी कालोनियों को सीवर समस्या से बचाने हेतु निगम ने फोकल प्वाइंट के डिस्पोजल पर ताला तो लगा दिया है परंतु इससे इंडस्ट्री में भी रोष व्याप्त हो रहा है, जो आने वाले दिनों में विधायक तथा मंत्री से होते हुए चीफ सैक्रेटरी तक पहुंच सकता है। 

इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों का कहना है कि यह फोकल प्वाइंट 1981 में सरकार ने काटा था परंतु कालिया कालोनी जैसी कालोनियां 1995 में काटी गईं और वे भी अवैध रूप से। कालिया कालोनी का लैवल भी फोकल प्वाइंट से कई फुट नीचे है, जिस कारण भी पानी उधर जाता है। उद्योगपति कहते हैं कि फोकल प्वाइंट में सीवर व्यवस्था व ट्रीटमैंट प्लांट इत्यादि का काम सरकार का है उनका नहीं परंतु सरकार सोई हुई है। आने वाले दिनों में इंडस्ट्री का गुस्सा भी इस मामले पर उभर कर सामने आ सकता है।

कूड़े के साथ-साथ अब सीवर समस्या से जूझने लगा शहर
कभी जालंधर शहर को पंजाब का सबसे सुंदर तथा रहने लायक शहर माना जाता था परंतु पिछले कुछ सालों से जालंधर के हालातों में लगातार गिरावट आई है। इन दिनों यह शहर जहां खुले में पड़ी गंदगी और कूड़े के ढेरों की समस्या से परेशान है वहीं अब इस शहर में सीवरेज की समस्या भी लगातार खराब होती जा रही है। माना जा रहा है कि निगम ने शहर की सीवर व्यवस्था को कभी गम्भीरता से नहीं लिया। अगर निगम काला सिंघा ड्रेन के साथ-साथ थोड़ी-थोड़ी क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट लगा लेता तो उसे आज समस्याओं का सामना न करना पड़ता और न ही नार्थ का सीवरेज ट्रीट होने के लिए 20 कि.मी. दूर फोल्ड़ीवाल तक जाता। अब भी समस्या का हल यही है कि नार्थ विधानसभा क्षेत्र में नाले के किनारे ट्रीटमैंट प्लांट लगाए जाएं।


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Edited By

Sunita sarangal

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