PGI ने कैप्टन के बयान को नकारा, "87 फीसदी लोगों को कोरोना की संभावना" ऐसी कोई रिसर्च नहीं

punjabkesari.in Saturday, Apr 11, 2020 - 12:14 PM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह के दावे को चंडीगढ़ पी.जी.आई ने महज घंटे भर के भीतर सिरे से खारिज कर दिया। मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि सितम्बर मध्य तक राज्य की करीब 87 फीसदी आबादी कोरोना वायरस की चपेट में आ सकती है। उन्होंने पी.जी.आई. की स्टडी का जिक्र किया था। यह अलग बात है कि मुख्यमंत्री के दावे से ठीक उलट पी.जी.आई. ने साफ इंकार कर दिया।
PunjabKesari
एक प्रैस विज्ञप्ति जारी कर यह तक कह दिया कि स्टडी से पी.जी.आई. का कोई नाता नहीं है। साथ ही दावा किया कि आंकड़े उनके एक फैक्लटी मैंबर ने सरकार को उपलब्ध करवाए थे जिसका साइंटैफिक आधार नहीं है। साथ ही संबंधित फैक्लटी मैंबर डॉक्टर शंकर परिंजा ने रिसर्च को लेकर पी.जी.आई. को अवगत तक नहीं करवाया। वहीं, न ही डॉक्टर परिंजा ने रिसर्च कमेटी से अनुमति ली। इसलिए पी.जी.आई. ने आंकड़ों को सिरे से खारिज किया है। पी.जी.आई. ने संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई का मन भी बना लिया है। शनिवार को पी.जी.आई. डायरैक्टर डॉक्टर जगत राम ने बैठक भी बुलाई है।उधर, पंजाब सरकार ने आंकड़ों के खारिज होने पर तुरंत अपने बचाव की मुद्रा अख्तियार करते हुए कहा कि आंकड़े पी.जी.आई. ने मुहैया करवाए थे।
PunjabKesari
मुख्यमंत्री ने किया था इस स्टडी का जिक्र
मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि बॉस्टन कंसलटिंग ग्रुप, पी.जी.आई. कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट व जॉन हॉपकिंस के विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस फैलने पर एक स्टडी की है। इसके मुताबिक भारत में जुलाई से सितंबर दौरान कोरोना वायरस से 58 फीसदी लोग प्रभावित होंगे जबकि पंजाब में 87 फीसदी जनसंख्या जद में आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाऊन से बाहर आने के लिए राज्य सरकार हाई लेवल मीटिंग करने जा रही हैं जिसमें तमाम डॉक्टर, मेडिकल टीमें के साथ अन्य एक्सपर्ट रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं कि किस तरह लॉकडाऊन की स्थिति से बाहर आया जा सकता है। फिलहाल लॉकडाऊन बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vatika

Recommended News

Related News