अब प्राइवेट बसों के रास्ते माल लाना नहीं होगा आसान

punjabkesari.in Friday, Apr 06, 2018 - 10:17 AM (IST)

अमृतसर  (इन्द्रजीत): 1 अप्रैल से शुरू हुए ई-वे बिल सिस्टम से जहां सरकार की आमदन 60 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। वहीं इसका सरकार को और भी लाभ होने वाला है। दरअसल इस सिस्टम से अब दो नंबर का माल किसी भी सूरत में प्राइवेट बसों के माध्यम से नहीं आ सकता है। इस सिस्टम से ऐसे लोगों पर शिकंजा कसेगा।

 

बसों में जैनरेट नहीं होते बिल
ई-वे बिल में फार्म-ए पर माल की डिटेल, क्रेता-विक्रेता का नाम, पता, जी.एस.टी. नंबर, वैल्यू के साथ अन्य पहचान संबंधी चीजें होती हैं जबकि फार्म बी में लिखना होता है कि माल किस माध्यम से जाता है। इसमें ट्रांसपोर्ट कंपनी, रेलवे व अन्य प्राइवेट साधन जो माल लाने के लिए अधिकृत होते हैं, दर्ज करने पड़ते हैं। अब इसमें यदि उपरोक्त साधनों का वर्णन हो तो बिल निकल आता है किन्तु इसमें प्राइवेट अथवा सरकारी यात्री बस दर्ज किया जाए तो बिल जैनरेट नहीं होता। 

 

कैसे फंसेगा दो नंबर का माल
ट्रांसपोर्ट कंपनी में माल भेजे जाने पर व्यापारी यह समझता है कि 50 हजार से बिल कम काटा तो ई-वे बिङ्क्षलग नहीं करनी पड़ेगी और माल सिस्टम में नहीं आएगा। इसमें यदि कोई बिल को आगे पीछे कर ले तो विभाग को पता नहीं चलता। नए सिस्टम में यदि 50 हजार से कम माल भी ट्रांसपोर्ट पर आए तो बचना मुश्किल है, क्योंकि जी.एस.टी. कानून में प्रावधान है कि किसी वाहन पर 50 हजार से अधिक की खेप नहीं आएगी। ट्रक के अंदर कुल 100 व्यापारी का माल आता है तो इसमें यदि एक व्यापारी का 10 हजार रुपए का माल भी आता है तो 100 का माल लाखों में बन जाएगा। इसमें ट्रांसपोर्ट कंपनी को उस व्यक्ति का माल भी ई-वे सिस्टम में लाना पड़ेगा, जिसका माल कम भी होगा क्योंकि 50 हजार की सहूलियत वाहन को है यदि कंसाइनमैंट ज्यादा हैं तो उसे ई-वे बिल में 50 हजार के नीचे की राहत नहीं मिल सकती। 

 

दो नंबर का माल रोकने के लिए जी.एस.टी. में विशेष नियम बनाए गए हैं। यदि कोई माल बस के द्वारा लाना चाहता है तो उसे माल के साथ खुद आना पड़ेगा। कोई अन्य व्यक्ति नहीं आ सकता, केवल वही आ सकता है जो अधिकृत डीलर हो। यदि बिना नियम के माल पकड़ा जाता है तो उसे अवैध माना जाएगा। प्राइवेट बसों के रास्ते दो नंबर का माल लाने की कवायद अब दो नंबर का माल लाने वालों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है।                                                          - नवदीप कौर भिंडर, डायरैक्टर इन्फोर्समैंट ऑफिसर पंजाब

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