बस हो या ट्रेन, अब स्तनपान में असहज महसूस नहीं करेगी मां

punjabkesari.in Monday, Oct 29, 2018 - 11:28 AM (IST)

चंडीगढ़ (अर्चना सेठी): सार्वजनिक तौर पर स्तनपान को लेकर अभी भी महिलाएं असहज महसूस करती हैं। हालांकि समाज इसके खिलाफ नहीं है लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता है। बस या ट्रेन में सफर के दौरान बच्चा जब भूख से रोने लगता है तो मां दुविधा में होती है कि दूध कैसे पिलाया जाए। दिल्ली की एक महिला ने ऐसा प्रोडक्ट तैयार किया है जिससे जब भी बच्चा रोएगा तो मां बिना झिझक उसे दूध पिला सकेगी। सार्वजनिक स्थान हो या फिर बस या ट्रेन, कोई भी मां और बच्चे के बीच बाधा नहीं बनेगा और स्तनपान के दौरान कोई भी मां-बच्चे को देख नहीं सकेगा।

इंजीनियर श्रुति मिश्रा ने इसे ‘मामा स्क्रीन’ नाम दिया है। यह एक ऐसी स्क्रीन है, जो दूध पीने वाले बच्चे और मां को समाज की नजर से बचाएगी।  प्रोडक्ट को 20 ऐसी माताओं को दिया गया जिन्हें घर से बाहर आना-जाना पड़ता था। उन्होंने स्क्रीन के अंदर आराम से बच्चों को दूध भी पिलाया और किसी तरह की लज्जा या शर्म का सामना भी नहीं करना पड़ा।

बच्ची को देखा था भूख से तड़पते
श्रुति मिश्रा का कहना है कि उन्होंने अपने अनुभवों को ध्यान में रख प्रोडक्ट तैयार किया है। उन्हें अपनी बच्ची को दूध पिलाना होता था,लेकिन लोगों की नजरों से घबराकर घंटों उसे भूख से तड़पने देती थीं। उन्हें अक्सर हवाई जहाज से आना-जाना होता था। यात्रा दौरान वह बेबी को फीड देने से बचती रहती थीं जबकि जानती थीं कि मां का दूध बच्चे के लिए कितना महत्वपूर्ण है । दूध न पिलाकर वह बच्ची को पोषण से दूर कर रही हैं। श्रुति ने ऐसा प्रोडक्ट तैयार किया जो मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिहाज से बिल्कुल फिट था।

2 साल के लंबे अनुसंधान के बाद तैयार हुआ प्रोडक्ट
श्रुति मिश्रा ने बताया कि मामा स्क्रीन दुनिया का पहला ऐसा उत्पाद है, जो दूध पिलाने वाली मां के लिए बनाया गया है। उन्होंने पेटैंट के लिए भी आवेदन कर दिया है। स्क्रीन का कोना-कोना नन्हे-मुन्ने के लिए सुरक्षित बन सके इसलिए कई किस्म के लैबोरेटरी टैस्ट भी किए जा चुके हैं। सभी परीक्षणों में प्रोडक्ट बच्चे और मां के लिए सुरक्षा के पैमानों पर खरा उतरा है। चेन्नई की कंपनी ने एक-एक क्लिप से कपड़े में इस्तेमाल डाई कलर तक को परखा है। दो साल के लंबे अनुसंधान के बाद यह तैयार किया गया है।

हैडबैंड की तरह है स्क्रीन
मामा स्क्रीन हैडबैंड की तरह है। नकाबनुमा कपड़ा बांध स्क्रीन तैयार की है। सामने के हिस्से में कपड़े को वैजिटेबल डाई से गहरा रंग दिया गया है जबकि 
पिछले हिस्से में नैट को अटैच किया गया है ताकि बच्चे को घबराहट महसूस न हो सके। फ्रेम के 4 हिस्सों और स्क्रीन को बनाने में शीप लैदर, दो किस्म के कपड़े (कॉटन व नैट) और कुछ डाइज का प्रयोग किया गया है। यह बहुत ही हल्का है और आसानी से हैंडबैग में ले जाया जा सकता है। 

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