लिंग परीक्षण करने वालों की अब नहीं खैर, स्वास्थ्य विभाग उठाने जा रहा यह कदम

punjabkesari.in Monday, May 22, 2023 - 05:29 PM (IST)

जालंधर (नरेन्द्र मोहन ):  पंजाब का स्वास्थ्य विभाग शीघ्र ही विभाग में जासूसी विंग स्थापित करने जा रहा है। जासूसी विंग का मकसद पंजाब में जगह-जगह गुप्त रूप से चल रहे लिंग परीक्षण केन्द्रों और मामलों को पकड़ना है। अभी तक विभाग ने निजी जासूसी एजेंसियों को हायर किया हुआ था, परंतु उनका परिणाम निराशाजनक निकला  जिसके चलते सरकार ने अब विभाग में खुफिया विंग बनाने का फैसला किया है। इस पर विभाग में होमवर्क शुरू हो गया है। विभाग में पहले से ही चल रहा फ्लाइंग स्क्वाड अलग से काम करता रहेगा।

गौरतलब है कि पंजाब में लिंगानुपात निराशाजनक है। 1000 पुरुषों के पीछे 895 महिलाएं हैं। यह औसत राष्ट्रीय औसत से कम है। राष्ट्रीय औसत प्रति हजार पुरुषों के पीछे 940 महिलाएं हैं। पंजाब में लिंग परीक्षण के गुप्त रूप से लगातार बढ़ रहे  मामलों को लेकर पूर्व की सरकार के समय ही गंभीरता से तैयारी की गई थी जिसमें वर्ष 2018 में सरकार ने एक निर्णय लिया जिसके तहत राज्य भर में लिंग परीक्षण के नेटवर्क को नेस्तनाबूद करने के लिए निजी जासूसी कंपनियों की सेवाएं ली गई। परंतु सरकार के समक्ष इन निजी जासूसी एजेंसियों का परिणाम भी संतुष्टिजनक नहीं रहा।

 प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2018-19 और 2019-20 में एक निजी जासूसी एजेंसी स्पीड सर्च एंड सिक्योरिटी एजेंसी को काम सौंपा गया  जिसमें उसने 2 सालों में 19 मामले पकड़े जबकि बदले में सरकार ने निजी जासूसी एजेंसी को करीब साढ़े 35 लाख रुपए की फीस अदा की। इसी प्रकार वर्ष 2020 -21 और 2021-22 में एक अन्य निजी जासूसी एजेंसी मिशन डिस्कवरी डिटेक्टिव एजेंसी को लिंग परीक्षण के मामले पकड़ने का काम सौंपा गया  जिसने 2 वर्षों में महज 6 मामले ही पकड़े और बदले में सरकार को इस निजी जासूसी एजेंसी को 12 लाख रुपए से अधिक की राशि अदा करनी पड़ी। कुल मिलाकर सरकार के भीतर यह बात उठी के निजी जासूसी एजेंसी का चयन करने में कोताही हुई  जिसके चलते सरकार अपने लिंग परीक्षण रोकने के अभियान में सफल नहीं हो पाई। 

कुछ दिन पहले ही सेहत विभाग की स्टेट सुपरवाइजरी बोर्ड की एक बैठक हुई, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह शामिल थे।  इस बैठक  में गहन विचार किया गया और उसके बाद यह फैसला हुआ स्वास्थ्य विभाग अपनी खुद की जासूसी टीम बनाए, ताकि राज्य में हो रहे गैरकानूनी लिंग परीक्षण को रोका जा सके और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इस बैठक में निजी जासूसी एजेंसियों से काम वापिस लेने के बाद विभाग के अधिकारियों द्वारा लिंग परीक्षण करने वालों के विरुद्ध की गई कार्रवाई की भी सराहना की गई।

काबिले गौर है कि विभाग की टीम ने लुधियाना, फिरोजपुर और बठिंडा में तीन सफल स्टिंग ऑपरेशन किए।  बठिंडा जिला की भुच्चो मंडी में तो एक अल्ट्रासाउंड केंद्र के मालिक ने विभाग की टीम को 28 लाख रुपए रिश्वत देने की कोशिश भी की  परंतु विभाग के अधिकारियों ने ये राशी भी बरामद भी कर ली और अल्ट्रासाउंड मालिक के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवा दिया। इसी प्रकार फिरोजपुर में भी विभाग के अधिकारियों को रिश्वत पांच लाख  की रिश्वत देने का प्रयास करते हुए एक अल्ट्रासाउंड मालिक के विरुद्ध कार्रवाई की गई।  लुधियाना में एक अल्ट्रासाउंड केंद्र पर छापामारी करके लिंग परीक्षण का मामला भी पकड़ा और चीन से आयात की जा रही छोटी अल्ट्रासाउंड मशीन भी पकड़ी गई,  जिसका आकार लैपटॉप जैसा है।

विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पंजाब में चाइना से बड़ी संख्या में लिंग परीक्षण की छोटी मशीन आयात की जा रही है और गाड़ी में चलते -चलते ही लिंग परीक्षण करके यह गिरोह अपना काम निपटा रहा है। इसके लिए केन्द्रों की भी जरूरत नहीं रही। सूत्रों के मुताबिक पंजाब भर में ऐसी मशीनों की तादाद काफी है और सरकार इस प्रयास में है कि किसी ढंग से आयात की मशीनों का विवरण एकत्र करके ऐसे लोगों पर निगाह रखी जाए। यहां यह भी गौरतलब है कि पंजाब सरकार गैर कानूनी लिंग परीक्षण की सूचना देने वाले को 50 हजार रुपए और खुद मरीज बनकर जाने वाली महिला को एक लाख रुपए  का इनाम देने की अधिसूचना पहले से ही जारी कर चुकी है।

जानकारी अनुसार विभाग में अब अलग से जासूसी विंग बैंक तैयार करने जा रहा है।  वह हेड क्वार्टर  पर ही रहेगा  जो अपने सूत्रों के माध्यम से गैर -कानूनी लिंग परीक्षण की सूचना प्राप्त करके तत्काल कार्रवाई करने पहुंचेगा। इसके लिए विभाग द्वारा विभिन्न एन.जी.ओस. से भी संपर्क किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग में स्थापित किया जाने वाला खुफिया विंग निजी अस्पतालों के लोक संपर्क अधिकारियों पर भी नजर रखेगा। पूर्व में लुधियाना समेत कुछ अन्य स्थानों पर पकड़े गए मामलों में यह बात सामने आई है कि निजी अस्पतालों के पी.आर.ओ. ऐसे मामले अल्ट्रासाउंड केंद्रों को भिजवाते हैं और अपना कमीशन भी लेते हैं। ऐसे पी.आर.ओ. का नेटवर्क पंजाब , हरियाणा और हिमाचल तक बना हुआ है।

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News Editor

Urmila