सावधान! बच्चों में अब इस नए वायरस ने पसारे पैर, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की Advisory

punjabkesari.in Wednesday, Aug 10, 2022 - 01:14 PM (IST)

अमृतसर (दलजीत शर्मा): कोरोना महामारी के बीच अब हैंड फुट माउथ नया वायरस जिले में उत्पन्न हो गया है। सैकड़ों की तादाद में 2 से 7 साल के बच्चों में इस वायरस के लक्षण देखे जा रहे हैं। नए वायरस को देखते हुए जहां अभिभावकों में दहशत पाई जा रही है वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को सावधानियां बरतनी तथा सरकारी अस्पतालों में संपर्क करने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। यह वायरस जानलेवा नहीं है परंतु अभिभावकों को फिर भी सावधानियां बरतनी चाहिए। 7 दिन में वायरस का असर बिल्कुल शरीर में से खत्म हो जाता है।

जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई कि अब हैंड फुट माउथ नया वायरस सामने आया है। कोरोना की भांति यह वायरस भी एक दूसरे से हाथ मिलाने तथा एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है। अमृतसर में इस वायरस के सैकड़ों बच्चे गिरफ्त में आए हैं। प्राइवेट डॉक्टरों के पास धड़ाधड़ जहां इस बीमारी से पीड़ित बच्चों को लेकर अभिभावक पहुंच रहे हैं। वहीं सरकारी गुरु नानक देव अस्पताल की ओ.पी.डी. में भी उक्त वायरस के लक्षणों वाले बच्चे काफी सामने आ रहे हैं। पहली बार सामने आए इस वायरस को देखते हुए लोग दहशत में है कोई इसे मंकीपॉक्स के साथ जोड़ रहा है जबकि कहीं इसे अन्य पॉक्स के साथ जोड़ रहा है जबकि यह दोनों में से कोई भी फॉक्स नहीं है। फिलहाल बच्चों को लेकर अभिभावकों में भारी दहशत पाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी लोगों को सूचित करने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। गत दिवस एक प्राइवेट स्कूल के विद्यार्थियों में भी इस बीमारी के लक्षण पाए गए थे जिसके बाद विभाग द्वारा उक्त विद्यार्थियों को क्वारंटाइन कर दिया गया था तथा स्कूल को कुछ समय के लिए बंद करवा दिया गया था। 

क्या है लक्षण
सरकारी मेडिकल कॉलेज के गुरु नानक देव अस्पताल के बच्चा विभाग के माहिर डॉकर संदीप अग्रवाल ने बताया कि इस वायरस को हैंड फुट माउथ का नाम दिया गया है। इसके मुख्य लक्षण हाथों तथा पैरों पर लाल रंग के निशान पड़ना, मुंह में छाले होना, शरीर पर मोटे-मोटे पानी वाले, तेज बुखार होना, उल्टियां आना, भूख कम लगना इत्यादि। यदि कोई भी गंभीर लक्षण दिखाई दे तो तुरंत सरकारी अस्पताल में बच्चा विभाग के माही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वायरस को मंकीपॉक्स का नाम नहीं दिया जा सकता यह एक दूसरा वायरस है जिसका समय पर करवाया इलाज ठीक रहता है। 
इम्यूनिटी रहे बरकरार तो नहीं पास आ सकता बच्चों के वायरस
शहर के प्रसिद्ध एलर्जी माहिर तथा पूर्व जिला टीबी अधिकारी के डॉक्टर नरेश चावला ने बताया कि इस वायरस के काफी मामले देखने को मिल रहे हैं बच्चों की इम्युनिटी यदि सही है तो यह वायरस उन्हें अपनी जकड़ में नहीं ले सकता बच्चों को सलाद फ्रूट दही डालें प्रोटीन इत्यादि देना चाहिए। इसके अलावा बाजार का फास्ट फूड तथा अन्य सामग्री बच्चों को देने से गुरेज करना चाहिए। यह बीमारी इलाज योग्य है यदि किसी भी बच्चे में कोई भी बीमारी का लक्षण पाया जाता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि कोई भी बीमारी समय पर करवाया गया इलाज ठीक रहता है, लोगों को स्वास्थ्य विभाग की गई लेंस की पालना करनी चाहिए।
 

कम लक्षण होने पर दे पेरासिटामोल
मेडिसिन के प्रसिद्ध डॉक्टर रजनीश शर्मा ने बताया कि वैसे तो यह बीमारी अपने आप ही ठीक हो जाती है। यदि बच्चे को बुखार है तो पेरासिटामोल दी जा सकती है यदि ज्यादा बीमारी है तो उसे एंटीबायोटिक डॉक्टर के अनुसार दी जा सकती है। इसके अलावा यदि बच्चे को सांस लेने में या अन्य कोई दिक्कत आती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए तथा बच्चे को उसकी हालत बिगड़ने से पहले ही डॉक्टर से बातचीत करनी चाहिए। डॉ रजनीश ने बताया कि एक दूसरे से फैलने वाली इस बीमारी को देखते हुए बच्चों को भीड़भाड़ वाले स्थानों में ना ही भेजना चाहिए।

शिक्षा विभाग को जारी की गई है गाइडलाइंस
सिविल सर्जन डॉक्टर चरणजीत सिंह ने बताया कि हैंड फुट माउथ के लक्षणों वाले यदि कोई भी बच्चा सामने आता है तो उसका टेस्ट पीजीआई चंडीगढ़ से करवाया जाता है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद ही उसे पॉजिटिव माना जाता है।सिविल सर्जन के अनुसार बाबा बकाला अजनाला तथा सरकारी मेडिकल कॉलेज में माही डॉक्टर तैनात किए गए हैं जो इस बीमारी के कोई भी इलेक्शन वाला बच्चा सामने आता है तो तुरंत इन अस्पतालों में संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिक्षा विभाग को भी गाइडलाइन जारी की गई है तथा बच्चों की सावधानियां बरतने के लिए बोला गया है। सिविल सर्जन डॉक्टर चरणजीत सिंह ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है यह बीमारी इलाज योग्य है स्वास्थ्य विभाग पूरी मुस्तैदी से अपना कार्य कर रहा है। 
 

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Vatika