NRI गांवों में लगाना चाहता है पानी साफ करने की मशीन,पैसे नहीं सरकार से सिर्फ चाहता है इजाजत

punjabkesari.in Monday, Dec 23, 2019 - 11:36 AM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब में दूषित पानी के कारण कैंसर जैसी बीमारी दिन-ब दिन बढ़ती जा रही है। कुछ ऐसी ही अपनी व्यथ सुनाते हुए एन.आर.आई. परमजीत सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले उसकी मां बीमार हो गई, जांच में पता चला कि उन्हें कैंसर है। वह नवांशहर के गांव ‘भरो माजरा’ में रहती थी और वह कनाड़ा में। बीमारी का पता चलने पर वह उन्हें अपने साथ ले गया। वहां टैस्ट करवाने पर पता चला कि मां को कैंसर होने का मुख्य कारण प्रदूषित पानी है।  उनका इलाज असंभव था।

कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई। इसके बाद उसने ठान लिया कि वह पंजाब के लोगों को शुद्ध पानी उपलब्ध करवाने का प्रयास करेंगे। इस काम में कुछ साथियों के साथ मिलकर ऐसी मशीन तैयार की जो पानी से सभी बीमारी के कणों को नष्ट करके उसे शुद्ध कर देती है। इसे वह पंजाब के सभी 12,700 गांवों में इंस्टाल करेंगे। जैसे ही सरकार से हमें इसकी अनुमति मिल जाएगी हम गांवों में यह मशीन इंटाल करना शुरू कर देंगे।

पंजाब प्रदेश के लोगों को बीमारियों से बचाना ही हमारा लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि वे पंजाब के सभी गांव में यह पानी शुद्ध करने वाली मशीन लगाना चाहते हैं ताकि लोगों को शुद्ध पानी मिल सके। उन्होंने सबसे पहले अपने गांव ‘भरो माजरा’ में इस मशीन को स्थापित कर दिया है। वहां के लोग अब शुद्ध पानी पी रहे हैं। शुद्ध पानी पीने के चलते अब वे कम बीमार पड़ते हैं। उन्हें इसके लिए पैसे की नहीं है, केवल सरकार से इजाजत की जरूरत है। हमने जो मशीन तैयार की है वह वाटर स्टोरेज टैंक पर लगाई जा सकती है ताकि उससे जाने वाले हर नल में शुद्ध पानी की सप्लाई आए।   उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद मालवा और माझा के विभिन्न गांव से पानी के सैंपल लेकर जांच कराई हैं, ये सैंपल सरकारी जांच में फेल पाए गए हैं, लेकिन वहीं पानी पीने को लोग मजबूर हैं, क्योंकि उनके पास उसे शुद्ध करने का ठोस उपाय नहीं है।

इस कारण हो रहा है पानी प्रदूषित :
पंजाब में पानी का स्तर बहुत नीचे जा चुका है। जिस गहराई से पानी निकाला जा रहा है वहां से शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है। उस पानी में सैंकडों प्रदूषित कण मिले हुए हैं। जमीन के पानी में लगातार सीवरेज का पानी मिल रहा है, क्योंकि सीवरेज का पानी ट्रीट नहीं हो रहा। सरकार के अधिकतर प्लांट काम नहीं करते और गंदा पानी धीरे-धीरे जमीन में मिल रहा है।
 

swetha