NRIs  ने नहीं निभाई सही जिम्मेदारी,इसलिए बढ़ा कोरोना का खतरा

punjabkesari.in Friday, Mar 27, 2020 - 04:33 PM (IST)

जालंधर (विशेष): शुक्रवार तक पंजाब में कोरोना वायरस के 37 मामले सामने आने के बाद हालात बदतर होते जा रहे हैं। ऐसे हालात में राज्य में विदेश से लौटे एन.आर.आईज. की स्क्रीनिंग पर सवाल उठने लगे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उनकी स्क्रीनिंग पर शक की सुई घूमना स्वाभाविक है। कई हवाई अड्डों पर तो कई सप्ताह तक विदेश से आने वाले एन. आर.आईज  की स्क्रीनिंग तक नहीं हुई। उसके बाद एन.आर.आईज ने भी अपना मैडीकल चैकअप करवाना जरूरी नहीं समझा और खुलेआम अपने घर, गांव, रिश्तेदारें और बाजारों में घूमते रहे। जब हालात बिगड़े तब जाकर सरकार जागी । यह हालात सिर्फ पंजाब के नहीं, देश के सभी सूबे ऐसी हालात में से गुजर रहे हैं।

इसलिए पंजाब में बढ़ा खतरा
ज्यादा एन.आर.आईज जो वापस आ गए हैं, आदेशोे का पालन नहीं कर रहे। जिला आधिकारियों के लिए उनको ट्रेस करना मुश्किल हो रहा है। दोआबा में एक सिविल सर्जन ने कहा,''इनमें से एक प्रतिशत एन.आर.आईज. ने भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए खुद को  कुवारंटाईन नहीं किया।' विदेश से एन.आर.आईज अपने रिश्तेदारों, दूसरे गांवों और यहां तक कि बाजारों में खुलेआम घूम रहे हैं। उन कहा कि हमारी टीम उनको घरों, उनकी रिश्तेदारी या फिर उनके साथियों के घरों तक ढूंढ रही है।
 
इस कारण यूरोप से लौट रहे एन.आर.आईज.
कोरोना वायरस कारण पूरा यूरोप बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इटली के बाद स्पेन और फ्रांस जैसे अन्य कई देश प्रभावित हो रहे हैं। इटली में काफी संख्या में पंजाबी हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद इटली में चिकित्सा प्रणाली असफल हो जाने के बाद एन.आर.आईज अपने देश लौटने लगे हैं।

उसी समय फ्लाईट्स पर रोक लगा देना चाहिए थी
पंजाब के एक मंत्री ने बातचीत दौरान बताया कि जब फरवरी माह में यूरोप में कोरोना वायरस के मरीज सामने आने का पता लगा था, उस समय केंद्र सरकार ने यूरोप से आने वाली फ्लाईट्स को नहीं रोका। यदि उसी समय रोक लगा दीं जातीं तो शायद यह हालात न होते। फिर भी अब जब ऐसे हालात बन गए हैं तो सरकार कोरोना वायरस की रोकथाम और बचाव के कामों में बहुत तेजी के साथ कदम उठा रही है। इसके लिए गांवों की पंचायतों की मदद भी ली जा रही है।  

केंद्र से 40 हजार की मिली सूची

पंजाब सरकार को केंद्र सरकार से लगभग 40 हजार एन.आर.आईज की सूची मिली, जो हाल ही में पंजाब आए हैं। एक अनुमान अनुसार सिर्फ दोआबे से ही 55 हजार से अधिक एन.आर.आईज विदेश में सैटल हैं। पंजाब सरकार को केंद्र सरकार से जो सूची मिली है, उसमें दोआबा क्षेत्र के लगभग 23 हजार एन.आर.आईज शामिल हैं, जिन में जालंधर, होशियारपुर, कपूरथला और नवांशहर जिले शामिल हैं। यह एन.आर.आईज विदेश से पंजाब लौटे हैं। पिछले एक हफ्ते में 10 हज़ार से अधिक एन.आर.आईज आए हैं। जालंधर को पिछले 2 सप्ताह में 12,906 एन.आर.आईज की सूची मिली 

रोजाना 1500 के करीब एन.आर.आईज की मिल रही है सूची  
 जालंधर के डिप्टी कमिशनर वरिन्दर शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हमें हर रोज जिले के 1000 से 1500 एन.आर.आईज  की सूची मिल रही है। इन को उनके सम्बन्धित गांवों या कस्बों में सूची अनुसार ढूंढने के लिए सेहत और पुलिस विभाग की तरफ से टीमों का गठन किया गया है। 

हवाई अड्डों पर सिर्फ शरीर का तापमान मापना कारगर विधि नहीं
इंडियन कौंसिल आफ मैडीकल रिर्सच (आई. सी. एम. आर.) की रिपोर्ट पर नजर मारें तो हवाई अड्डों पर सिर्फ शरीर का तापमान मापना कारगर विधि नहीं है।  इस तरह की स्क्रीनिंग के साथ 46 -50 प्रतिशत यात्रियों में लक्षण का पता नहीं लगाया जा सका। रिपोर्ट में लिखा है,''देश के अंदर इस प्रकोप के फैलने में देरी लाने के लिए कम से कम 75 प्रतिशत ऐसे व्यक्तियों की पहचान करना जरूरी है, जिनमें इंफैक्शन के लक्षण नहीं दिखाई देते और यदि 90 प्रतिशत ऐसे व्यक्तियों का पता लगा लेते हैं तो माहामारी फैलने के औसत समय में 20 दिन की देरी लाई जा सकती है।''

देश की एक -चौथाई आबादी आ सकती है चपेट में
आई.सी.एम. आर. की तरफ से किए गए एक गणितक विश्लेषण अनुसार भारतीय आबादी का एक -चौथाई हिस्सा कोरोना की चपेट में आ सकता है। मतलब यदि महामारी की रोकथाम नहीं की गई तो देश की करीब 34 करोड़ आबादी इनफैकटिड हो सकती है । इस  हालात में करीब 7लाख लोगों की मौत हो सकती है। डाउन टू अर्थ पत्रिका ने आई.सी.एम. आर. की इस रिपोर्ट का अपने न्यूज पोर्टल पर विश्लेषण भी किया है। इस रिपोर्ट अनुसार कोरोना के जिन मरीजों में लक्षण नहीं दिखाई देते, वह टैस्ट से बच जाते हैं । उनकी पहचान भी नहीं हो पाती। 

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