मानवाधिकार आयोग के पास पंजीकृत शिकायतों का आंकड़ा पहुंचा 2.80 लाख के पार

punjabkesari.in Tuesday, Feb 18, 2020 - 11:50 AM (IST)

चंडीगढ़(एच.सी.शर्मा): पंजाब में मानवाधिकार हनन के मामलों पर सख्ती से निपटने के लिए वर्ष 1997 में गठित पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष 31 दिसम्बर 2019 तक 2,80,047 मामले दर्ज हो चुके हैं। लगभग 96 प्रतिशत मामलों का निपटान किया जा चुका है। वर्ष 2019 दौरान मानवाधिकार हनन के कुल 11118 मामले दर्ज हुए जो पिछले वर्ष के 12009 मामलों के मुकाबले 7.42 प्रतिशत कम है। 

आयोग के समक्ष दर्ज प्रदूषण व पर्यावरण से संबंधित मामलों में बढ़ौतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2018 दौरान इस श्रेणी के 24 मामले आयोग के समक्ष दर्ज किए गए थे जबकि वर्ष 2019 दौरान संख्या बढ़कर 34 हो गई। वर्ष 2019 दौरान मानवाधिकार हनन के कुल 11118 मामलों में से आधे से भी अधिक 6159 मामले पुलिस ज्यादतियों या पुलिस की मामलों पर उदासीनता या लापरवाही से संबंधित है। बेशक वर्ष 2018 के इस श्रेणी के 6300 दर्ज मामलों के मुकाबले आंकड़ा कम है लेकिन फिर भी वर्ष 2016 में दर्ज 5979 व वर्ष 2017 में दर्ज 5548 मामलों के मुकाबले अधिक है। 

महिलाओं विरुद्ध अत्याचार या महिलाओं के मानवाधिकारों से संबंधित मामलों में वर्ष 2018 के 570 मामलों के मुकाबले वर्ष 2019 में 426 मामले दर्ज होने के चलते बेशक कमी दर्ज की गई है लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि राज्य में महिलाओं के मानवाधिकारों के हनन पर रोक लग गई है। हालांकि वर्ष 2007 से अभी तक मानवाधिकार हनन के मामलों का आंकड़ा वाॢषक तौर पर हमेशा 426 से अधिक रहा है। बच्चों के बाल मानवाधिकारों के मामले में भी बेशक वर्ष 2018 में दर्ज 21 मामलों के मुकाबले वर्ष 2019 में 17 मामलों के रूप में कमी दर्ज की गई हो लेकिन यह आंकड़ा भी वर्ष 2013 के बाद वाॢषक तौर पर सर्वाधिक है। इस श्रेणी के आयोग के पास वर्ष 2013 में 14, वर्ष 2014 में 9, वर्ष 2015 में 14, वर्ष 2016 में 8, वर्ष 2017 में 7 मामले दर्ज किए गए थे। 

इसके अलावा आयोग के समक्ष वर्ष 2019 के दौरान स्वास्थ्य विभाग से संबंधित 76, जेल विभाग से संबंधित 232, न्यायिक प्रणाली से संबंधित 3, माफिया या अंडरवल्र्ड से संबंधित 2, श्रम विभाग से संबंधित 99, अल्पसंख्यक से संबंधित 1, धार्मिक या साम्प्रदायिक दंगों से संबंधित 7, कर्मचारियों की सेवा शर्तों से संबंधित 347,  जूवेनाइल या भिखारी गृहों से संबंधित 1 व अन्य श्रेणियों के 3691 शिकायतें दर्ज की गई है। 

अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ा वर्ग के मामलों में उदाहरणीय कमी
आयोग के रिकार्ड अनुसार अनुसूचित जाति/ जनजाति/पिछड़ा वर्ग के मानवाधिकार हनन के दर्ज मामलों में वर्ष 2019 के दौरान उदाहरणीय कमी दर्ज की गई है। वर्ष 1997 में आयोग के गठन के बाद वर्ष 1999 को छोड़ कर जब इस श्रेणी के कुल दर्ज 2134 मामलों में से 8 मामले दर्ज किए गए थे, को छोड़कर अब तक के सबसे कम मामले वाॢषक तौर पर दर्ज किए गए हैं। 

वर्ष 2019 के दौरान अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ा वर्ग के मानवाधिकार हनन के कुल 23 मामले दर्ज किए गए जबकि इससे पहले वाॢषक तौर पर यह आंकड़ा कभी 45 से कम नहीं रहा। वर्ष 2009 के दौरान इस श्रेणी के सर्वाधिक 201 मामले आयोग के समक्ष दायर किए गए थे। जबकि 2004, 2005, 2006, 2008, 2010 व 2011 में यह आंकड़ा 100 से अधिक रहा।

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