Punjab : ठंड के बीच खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर प्रदर्शन कर रहा एम्स नर्सिंग स्टॉफ, देखें तस्वीरें

punjabkesari.in Friday, Dec 08, 2023 - 06:32 PM (IST)

बठिंडा (विजय): अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रहे एम्स के 600 से अधिक नर्सिंग स्टाफ प्रशासन के तानाशाही रवैए से परेशान है। उन्हें सर्दी में भी खुले में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। दरअसल प्रशासन द्वारा धरने पर बैठे एम्स नर्सिंग स्टाफ को टैंट लगाने की इजाजत तक नहीं दी गई, जिससे इस बड़े अस्पताल की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है। हड़ताल के चलते मरीज भी दुविधा में हैं तथा वे निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर हो रहे हैं। नर्सिंग स्टाफ को अन्य संगठनों का भी समर्थन मिलने लगा है। किसान यूनियन एकता, व्यापारी वर्ग, विद्यार्थी परिषद भी उनके हक में जुटने शुरू हो गए हैं। बेशक एम्स प्रबंधकों ने मेन गेट पर कड़ा पहरा बिठा दिया है तथा किसी को भी अंदर जाने नहीं दिया जा रहा। वहीं किसान यूनियन भी बाहर से लौट गई। एम्स का पूरा प्रबंध वहां के 120 सिक्योरिटी गार्डों के हाथ में हैं, जो एक निजी कंपनी से संबंध रखते है। पिछले लंबे समय से यहीं निजी सिक्योरिटी एम्स का अधिकतर कार्य कर रही है और किसी को भी वहां फटकने नहीं दिया जा रहा। अगर कोई मरीज भी एम्स की कार्यकुशलता से नाखुश होता है तो सिक्योरिटी गार्ड उन्हें बाहर का रास्ता दिखा देते हैं। यही सिक्योरिटी गार्ड अब हड़ताली नर्सिंग स्टाफ पर भी भारी पड़ रहे हैं। 600 से अधिक हड़ताली नर्सिंग स्टाफ को उनके शौचालय में भी नहीं जाने दिया जा रहा। वे आम पब्लिक शौचालय का प्रयोग कर रहे हैं और उनकी स्थिति दिन-ब-दिन दयनीय होती जा रही है। एम्स प्रशासन टस से मस होने के लिए तैयार नहीं, जिसके चलते एम्स प्रशासन व प्रदर्शनकारियों के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। अब इसका असर एम्स अस्पताल व आम मरीजों पर भी पडऩे लगा है। दूर-दूर से आने वाले मरीज हड़ताल के मद्देनजर वापिस लौटने लगे हैं और वे इलाज से भी वंचित रह रहे हैं। 

केन्द्र सरकार द्वारा आम लोगों की सहूलियतों के लिए एम्स का गठन कर बठिंडा में 1000 करोड़ रुपए की लागत से बड़ा अस्पताल तो खोल दिया गया, लेकिन वहां की प्रशासन की मनमानियों से यह अस्पताल बदनाम होने लगा है। शांतमयी प्रदर्शन कर रहे हड़ताली नर्सिंग ऑफिसर के साथ एम्स का अमानवीय व्यवहार अब उनकी जान पर जोखिम बनने लगा है। रात के समय पारा लुढक कर 4 डिग्री पर पहुंच जाता है, जिससे हड्डियों को चीरने वाली ठंड में नर्सिंग स्टॉफ को खुले आसमान में जमीन पर सोना पड़ रहा है, जिससे प्रदर्शनकारियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है। हड़ताली एम्स कर्मचारियों को जुकाम, खांसी, पेट की बीमारी, चर्म रोग आदि की शिकायत आने लगी है, लेकिन प्रशासन का इस पर कोई ध्यान नहीं। अगर यही स्थिति चलती रही तो एम्स को भयानक परिणाम भुगतने पड़ पड़ सकते हैं। 

Content Editor

Subhash Kapoor