पंजाब में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर ओ.पी. सोनी का केजरीवाल को करारा जवाब

punjabkesari.in Saturday, Dec 11, 2021 - 10:15 AM (IST)

जालंधर (सुनील धवन): पंजाब के तेज-तर्रार उप-मुख्यमंत्री ओ.पी. सोनी का कांग्रेस की राजनीति में दबदबा हमेशा से बना रहा है। 1997 में पंजाब विधानसभा के लिए सोनी अमृतसर पश्चिमी सीट से निर्दलीय तौर पर निर्वाचित हुए थे। उसके बाद 2002, फिर 2007 में वह कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने। 2012 में वह पुन: कांग्रेस की टिकट पर अमृतसर केंद्रीय सीट से निर्वाचित हुए। अप्रैल 2018 में उन्हें पंजाब में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल कर स्कूल शिक्षा विभाग का उत्तरदायित्व सौंपा गया था। कांग्रेस हाईकमान ने हिन्दू नेता सोनी को 20 सितम्बर, 2021 को उप-मुख्यमंत्री का पदभार सौंपा तथा इस समय वह स्वास्थ्य विभाग को देख रहे हैं। पंजाब में आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के मामले को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमला किया जा रहा है। इस संबंध में सोनी से विभिन्न प्रश्नों को लेकर बातचीत की गई जिनके उन्होंने बेबाक उत्तर दिए।

प्र. : आम आदमी पार्टी चुनावी जंग में बार-बार दिल्ली में 500 मोहल्ला क्लीनिक व 204 सब-सेंटर खोलने का दावा कर रही है? उसका मानना है कि दिल्ली में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं।
उ. : आम आदमी पार्टी व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दावों में दम नहीं है। हेल्थ तथा वैलनेस सेंटरों की अगर तुलना की जाए तो पंजाब में इनकी गिनती 2896 है जबकि दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक 500 व उप केंद्र 204 हैं। पंजाब में अगर 2.85 करोड़ जनसंख्या है तो दिल्ली में 1.9 करोड़ जनसंख्या है। इन आंकड़ों से पता चल जाता है कि पंजाब में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हैं।

प्र. : दिल्ली की सरकार प्राइमरी हेल्थ सेंटरों व कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों को लेकर कई दावे करती है, इसके बारे में आपका क्या कहना है?
उ. : अगर प्राइमरी हेल्थ सेंटरों के आंकड़े देखे जाएं तो इनकी गिनती पंजाब में 524 है जबकि दिल्ली में 268 है। कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों पंजाब में 160 काम कर रहे हैं जबकि दिल्ली में इनकी गिनती शून्य है। अगर सब-डिवीजन अस्पताल देखे जाएं तो इनकी गिनती पंजाब में 41 है जबकि दिल्ली में मात्र 9 है। जिला अस्पताल पंजाब में 23 हैं जबकि दिल्ली में 32। अगर कुल अस्पतालों व उप केंद्रों के आंकड़ों को देखा जाए तो पंजाब में 3644 गिनती बनती है जबकि दिल्ली में इनकी गिनती 1013 है।

प्र. : पंजाब में सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों की कमी का मामला भी बार-बार उठाया जा रहा है, इस बारे में क्या कहेंगे?
उ. : पंजाब में इस समय 5079 मेडिकल अफसर हैं जिनके पास एम.बी.बी.एस. की डिग्री है। एन.एच.एम. के अधीन काम कर रहे स्पेशलिस्ट डाक्टरों की गिनती 105 है जबकि डेंटल मेडिकल अफसर 327 काम कर रहे हैं। एन.एच.एम. के अधीन आयुष मेडीकल अफसरों की गिनती 571 है। इस तरह राज्य में कुल डाक्टरों की गिनती 6082 है, जबकि दिल्ली में एम.बी.बी.एस. की डिग्री वाले डाक्टरों की गिनती 2326 व स्पेशलिस्ट डाक्टरों की गिनती 28 है। पैरामेडीकल स्टाफ की पंजाब में गिनती 13875 है तो दिल्ली में यह संख्या 13093 है। सरकार आने वाले समय में और डाक्टरों और स्पेशलिस्ट विशेषज्ञों की भर्ती करेगी।

प्र. : प्रति लाख जनसंख्या के पीछे डाक्टरों की गिनती को लेकर आंकड़े क्या कहते हैं?
उ. : अगर इन आंकड़ों को देखा जाए तो पंजाब में प्रति लाख जनसंख्या के पीछे डाक्टरों की गिनती 21.34 जबकि दिल्ली में 12.4 है। इसमें भी पंजाब बेहतर स्थिति में है। कुल स्वास्थ्य सेवाओं को अगर प्रति लाख जनसंख्या के पीछे देखा जाए तो पंजाब में यह आंकड़ा 12.8 जबकि दिल्ली में 5.3 बनता है। 

प्र. : आम आदमी पार्टी झूठे तथ्यों का सहारा क्यों ले रही है?
उ. : वास्तव में विधानसभा चुनाव निकट आ गए हैं इसलिए गरीब जनता को भ्रमित करने के उद्देश्य से झूठे तथ्य उछाले जा रहे हैं।

प्र. : केजरीवाल बार-बार महिलाओं को 1000 रुपए की पैंशन देने का मामला उछाल रहे हैं।
उ. : पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री को अपने प्रदेश में रहने वाली महिलाओं को 1000-1000 रुपए की पैंशन देनी चाहिए। पहले वह अपने क्षेत्र में लोगों से किए वायदों को पूरा करें, उसके बाद उन्हें पंजाब में बोलने का हक है।

प्र. : चुनावों के निकट ही सभी राजनीतिक पार्टियां लोकप्रिय वायदे क्यों करती हैं?
उ. : कांग्रेस लोकप्रिय वायदे करती ही नहीं बल्कि उन्हें पूरा भी करती है। पंजाब में नई सरकार ने पिछले कुछ समय के दौरान जितने वायदों को पूरा किया है उतना तो आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में लोगों को राहत देने बारे सोच भी नहीं सकती।

प्र. : कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन का मुकाबला करने के लिए पंजाब में सरकार की क्या तैयारियां हैं?
उ. :
पंजाब में सरकार ने टीकाकरण की रफ्तार को और तेज करने का फैसला किया है। सरकार ने पर्याप्त मात्रा में दवाइयों व उपकरणों की खरीद करने का भी फैसला किया है। इसके साथ-साथ बाहर से आने वाले यात्रियों के टैस्ट भी शुरू कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

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News Editor

Kalash

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