सुखबीर के आदेश पर गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों के रिकार्ड में हो रही हेराफेरी, 'जागो' का आरोप

punjabkesari.in Friday, Sep 04, 2020 - 09:38 PM (IST)

नई दिल्लीः 'जागो' पार्टी ने सिख मसलों पर शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रबंध में अव्यवस्थाओं का हवाला देते हुए मौजूदा प्रबंधकी ढांचे के ध्वस्त होने का दावा किया हैं। पार्टी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने आज पार्टी दफ्तर में मीडिया से बातचीत करते हुए मई 2016 में गुरुद्वारा रामसर साहिब, अमृतसर में सुखासन स्थान पर लगी आग के कारण नुकसान हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूपों की संख्या पर शिरोमणी कमेटी की दुविधा का खुलासा किया। साथ ही आज गुरुद्वारा बंगला साहिब, दिल्ली में दशम ग्रंथ की कथा पर हुए विवाद के बीच संगत में हुए आपसी टकराव को दिल्ली कमेटी के प्रबंध के लचर होने के तौर पर परिभाषित किया। जीके ने दावा किया कि मई 2016 में लगी आग के कारण हुए नुकसान का लेखा अब फरवरी 2020 में कमेटी के खातों में पुरा किया जा रहा है। 

जीके ने शिरोमणी कमेटी का एक आॅफिस नोट दिखाते हुए बताया कि फरवरी 2020 में बनें इस नोट में मुख्य सचिव डाॅक्टर रूप सिंह के हस्ताक्षर है और 80 पावन स्वरूप आग में नुकसान होने के बाद गोईंदवाल साहिब अंतिम संस्कार के लिए भेजे जाने का हवाला हैं। लेकिन कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रजिंदर सिंह मेहता और रूप सिंह मार्च 2020 में की गई प्रेस कांफ्रेंस में नुकसान हुए स्वरूप की संख्या 14 बताते है। जबकि श्री अकाल तख्त साहिब की जांच कमेटी को इसकी संख्या 5 बताई जाती है। जीके ने कहा कि जब 2016 में आग लगती है तो पुलिस व फायर विभाग के अधिकारियों को शिरोमणी कमेटी प्रभावित स्थान पर अंदर नहीं जाने देती। 

जीके ने आरोप लगाया कि शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के दवाब में शिरोमणी कमेटी के रिकार्ड में 4 साल बाद गड़बड़ी करके डेरों को दिए गए स्वरूपों को आग में जला हुआ साबित करने की कोशिश की जा रहीं है। हमने पिछले दिनों सुखबीर की जमीर जागने की अरदास इसलिए की थी, ताकि सच सामने आए। लेकिन सामने आया कि 4 साल पुराने रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। जीके ने दावा किया कि आॅफिस नोट के अनुसार 80 स्वरूप गोईंदवाल साहिब गए है पर गोईंदवाल में इस संबंधी कोई रिकार्ड नहीं है।

कल अफगानिस्तान से आए 8 पावन स्वरूपों को दिल्ली हवाई अड्डे पर लेने गए दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा पर मर्यादा का ध्यान ना करने का भी जीके ने आरोप लगाया। जीके ने कहा कि प्रत्येक स्वरूप के ऊपर 1 चवर साहिब झूलाने के लिए मर्यादा अनुसार होना चाहिए, पर 1 चवर साहिब के साथ 8 स्वरूप को लाकर सिरसा ने अपनी धार्मिक अज्ञानता की एक बार फिर पोल खोली है। अपनी फोटो खिंचवाने की होड़ में सिरसा ने सिर पर स्वरूप लेकर जहाज से बाहर आए सिखों को काफी समय रोके रखा। यह गुरु साहिब का अनादर है। गुरु गोबिंद सिंह जी के समय प्रशादी हाथी के दवारा गुरु साहिब पर चवर करने का इतिहास में हवाला है, पर सिरसा को कुछ नहीं पता। जीके ने गुरुद्वारा बंगला साहिब में दशम ग्रंथ की बाणी की कथा को लेकर आज हुए टकराव का जिम्मेदार दिल्ली कमेटी को बताया।

जीके ने कहा कि मेरे अध्यक्ष रहते भी दशम ग्रंथ की कथा हुई है, पर इस तरह की हुल्लड़बाजी कभी नहीं हुई थी। अगर कुछ लोग कथा का विरोध कर रहें है, तो उन्हें समझाना कमेटी का काम था। जीके ने जम्मू-कश्मीर में पंजाबी भाषा को केन्द्र सरकार द्वारा बताई गई आधिकारिक भाषाओं से बाहर रखने को लेकर दिए गए आदेश को गलत बताते हुए इस संबंधी केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र भेजने का ऐलान किया।

Mohit