ऑनलाइन फ्रॉड के मामले रुकने का नहीं ले रहे नाम, हैकर आए दिन नए तरीके से लोगों को बना रहे मूर्ख

punjabkesari.in Saturday, Jan 27, 2024 - 03:11 PM (IST)

अमृतसर : देश में जब से सभी कार्य व विभागों ने अपने आपको ऑनलाइन करने की कवायद छेड़ी हुई है, तब से ही ऑनलाइन फ्रॉड के मामले काफी संख्या में सामने आ रहे हैं। गौरतलब है कि सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए सभी विभागों के कार्य ऑनलाइन करने प्रति प्रयासरत है और इनमें बैंक व अन्य पैसे संबंधी बने ऐप्स वगैरा भी अछूते नहीं है। परंतु अब ये लोगों के लिए सुविधा कम और असुविधा साबित हो रही है। ऑनलाइन फ्रॉड वाले इतने शातिर है कि शिक्षित व पढ़े लिखे लोगों को भी अपनी बातों के झांसे में लेकर उनसे मोटी राशि का फ्रॉड कर डालते है। ये नहीं कि इस संबंध पुलिस को ज्ञात नहीं है, ऐसे फ्रॉड कई पुलिस वालों के साथ भी हो चुके है, जिन्होंने अपनी बचत की लाखों रुपए की राशि इस धोखाधड़ी में खो दी। अधिकांश लोग अपने मोबाईल फोन पर ही बैंकों व पैसों व बचत सबंधी सारी जानकारियां रखते है।

पैसों की पैमेंट को सुलभ बनाने के लिए बनाए गए थे ऐप्स 

पैसों के आदान-प्रादान करने के लिए सबसे सुलभ कार्य मोबाईल फोन द्वारा एक अकाऊंट से दूसरे अकाऊंट में ट्रांसफर करना बनाया गया था, परंतु इसे सिस्टम को शातिर लोगों ने ठगी करने का साधन बना लिया। इसके अलावा अब मोबाइल फोन पर कई एप्स, गूगलपे, फोन पे, पेटीएम व कई आनलाइन ऐप्स इतयादि विशेषज्ञों ने लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए बनाए गए थे, परंतु ये ऐप्स अब ठगी करने वाले शातिर लोगों ने अपने हथियार बना लिए है। जिससे वे कही बैठे हुए भी मात्र कुछ ही मिंटो में किसी के बैक खाते से पूरी राशि निकाल लेते है।

कई प्रकार सुविधाएं देने के नाम पर मारते है ठगी

हैकर लोग भोले भाले लोगों को मोबाईल फोन पर कई प्रकार सुविधाएं देने का झांसा देते है या फिर धमकाते है कि आपका क्रेडिट कार्ड खतम हो रहा है, या फिर आपका सिम नंबर की वैलेडिटी खत्म होने के कारण बंद किया जा रहा है ,क्यों कि आपकी पूरी जानकारी हमारी कंपनी के पास नहीं है और अगर आपकों यही नंबर जारी रखवाना है तो आप ऐसे करेंगे तो आपकों एक ओ.टी.पी. नंबर आएगा, जोकि हमसे शेयर करना होगा। जब व्यक्ति ओ.टी.पी. नंबर शेयर करता है तो फिर पांच मिंट के भीतर ही उसका बैंक खाता हैकर खाली कर देता है।

पुलिस के लिए फांस की हड्डी बने मामले

ऑनलाइन फ्रॉड के ऐसे कई मामले अभी भी अमृतसर की सिटी व देहाती पुलिस के लिए फांस की हड्डी बने हुए है, यानि कि अभी तक हल नहीं हो पाए है। ऐसे मामलों के मद्देनज़र पुलिस जानकारी मिलने पर केसों को दर्ज तो उसी समय कर देती है, परंतु इनके हल करने मे असमर्थ ही साबित होती है। हालांकि पुलिस ने इस प्रति अब एक अलग से साइबर सैल बनाया हुआ है, जोकि हैकर की काफी हद तक जानकारी तो जुटा लेता है, परंतु फिर अपराधी को ट्रेस करने को लेकर पुलिस माथा पीटती रह जाती है। ऐसे ही विगत कई दिनों से ऑनलाइन फ्रॉड के कई मामले अमृतसर सिटी पुलिस के सामने आए है, जिनमें पीड़ित लोगों से ऑनलाइन फ्रॉड के माध्यम से कई लाखों रुपयों की ठगी हो गई।

हैकरों ने निकाला नया तरीका

अब हैकरों ने ठगी का नया तरीका निकाला है। इसकी उदाहरण कैनेडा के ब्मोनेटरल में रह रहे नवजोत सिंह टंडन ने दी। उन्होंने बताया कि उनका इंस्टाग्राम हैकरों ने हैक कर लिया और उनके कुछ परिचितों को फोन कर डराने लगे कि उसको किसी कारणवश कुछ हज़ारों रुपए की राशि चाहिए, पहले तो उनके परिचित डर गए और फिर जब उन्होंने हार्दिक से सीधे कैनेडा फोन कर पूछा तो उसे कुछ नहीं हुआ और ना ही उसे पैसों की जरूरत हैतो फिर सभी परिचितों की सांस में सांस ई कि वह ठीक-ठाक है। यानि कि ये हैकर अब लोगों के मनों से खिलवाड़ करके डराकर लोगों को फोन पर पैसों की डिमांड करते है और फिर जब लोग अचानक डरकर तुरंत ही पैसे डाल दे, तो फिर वे ठगी का शिकार हो जाते है।

लोगों को होना पड़ेगा जागरूक

लोगों को अब ऐसे मामलों प्रति खुद ही जागरूक होना पड़ेगा, तो ही ऐसे मामलों पर अंकुश लग पाएगा। अगर किसी को भी किसी अपरिचित लोगों से फोन आता है तो वे फिर फोन को ध्यान से सुने और किसी को भी ना तो कोई भी ओ.टी.पी. शेयर करे तथा अन्य बैंक संबंधी या फिर क्रेडिट कार्ड सबंधी किसी भी प्रकार की कोई भी जानकारी किसी को ना बताएं। वर्ना ये जानकारियां सांझा करने पर किसी भी समय उनके साथ ऑनलाइन फ्रॉड हो सकता है।  ऐसे ही कई ओर मामले आए दिन ही सामने आ रहे है, परंतु इसे रोकना पुलिस प्रशासन के लिए फिलहाल दूर की कौड़ी ही साबित हो रहा है।

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News Editor

Kalash