ब्यास दरिया को जहरीला करने वालों के जब्त हुए महज 25 लाख

punjabkesari.in Saturday, May 19, 2018 - 08:29 AM (IST)

जालंधर (विशेष): देश की सरकार गंगा जैसी पवित्र नदियों की सफाई के लिए 5 साल हेतु 20,000 करोड़ रुपए के बजट का ऐलान करती है लेकिन ब्यास जैसी नदी को दूषित करने के लिए कथित तौर पर जिम्मेवार शूगर मिल की महज 25 लाख रुपए की गारंटी मनी जब्त की गई है हालांकि सरकार व प्रदूषण नियंत्रण विभाग इस मामले में जांच के बाद जुर्माने की रकम बढ़ाने की बात कह रहा है लेकिन 55 करोड़ रुपए की रकम के साथ शुरु हुई इस फैक्टरी की इतनी कम राशि जब्त करने पर सबाल खड़े हो रहे हैं। 

 

मिल सील, जांच कमेटी 3 दिन में देगी रिपोर्ट, सरना बंधु सोनी से मिले


कैबिनेट मंत्री ओ.पी. सोनी ने ब्यास नदी में शीरा फैंकने वाली कीड़ी अफगाना की चड्ढा शूगर मिल सील करने और मिल की 25 लाख रुपए की सिक्योरिटी राशि जब्त करने का आदेश दिया है। वर्णनीय है कि ब्यास दरिया के पानी में शीरा घुलने से लाखों मछलियां और बड़े स्तर पर अन्य जीव-जंतु मरे हुए पाए गए थे। सोनी ने जांच कमेटी गठित कर 3 दिन में रिपोर्ट मांगी है। जांच रिपोर्ट में यदि मिल प्रबंधक दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


उद्योगों का बिना साफ किया पानी नालों में फैंका तो अधिकारी जिम्मेदार
पंजाब भवन में पर्यावरण विभाग के अधिकारियों से मीटिंग दौरान कैबिनेट मंत्री सोनी ने स्पष्ट हिदायत दी कि यदि किसी नगर निगम और नगर कौंसिल के अधीन पड़ते उद्योग बिना साफ किया पानी नालों या नदियों में फैंकते पाए गए तो उननिगमों और कौंसिलों के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि उद्योगों में ट्रीटमैंट प्लांट लगाना यकीनी बनाया जाए। उन्होंने जिम्मेदारी तय की कि जिस एक्सियन के अधीन पड़ते इलाकों में कोई उद्योग नियमों का उल्लंघना करता पाया गया तो उसके लिए संबंधित एक्सियन जिम्मेदार होगा।

 

चड्ढा शूगर मिल मामले में किसी तरह का दबाव नहीं : कैप्टन

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि चड्ढा शूगर मिल की ओर से ब्यास नदी में शीरा फैंककर पैदा किए गए प्रदूषण के मामले में किसी तरह का राजनीतिक या अन्य दबाव नहीं है। शुक्रवार को यहां राज्यपाल से मिलने के बाद पंजाब राजभवन के बाहर पत्रकार वार्ता दौरान इस संबंधी पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार के लिए सबसे पहले पर्यावरण महत्वपूर्ण है व इसमें किसी तरह का समझौता नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मामला सामने आने के बाद सरकार ने तुरंत बनती कार्रवाई की है व व्यवस्था में जांच के लिए विभाग के मंत्री ओ.पी. सोनी ने कमेटी गठित कर दी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर बिना किसी दबाव के कार्रवाई की जाएगी। मिल मालिकों को बचाने के लिए राजनीतिक दबाव संबंधी सवाल पर्यावरण विभाग के मंत्री ओ.पी. सोनी की दिल्ली के अकाली दल के नेता परमजीत सिंह सरना से मुलाकात करने के बाद उठे हैं। उल्लेखनीय है कि चड्ढा शूगर मिल का संबंध सरना परिवार से है। 

 

ब्यास नदी की घटना ने केंद्र सरकार की नदी सफाई योजना की निकाली हवा

एक तरफ केंद्र सरकार देश के 24 समुद्री तटों और कई बड़ी नदियों की सफाई के लिए योजनाएं बना रही है, वहीं ब्यास दरिया की इस घटना ने केंद्र सरकार की नदी सफाई योजना की हवा निकाल दी है। सरकार ने प्रदूषित तटों व नदियों की सफाई के लिए 19 टीमों का भी गठन किया है। वहीं भारत इस साल के विश्व पर्यावरण समारोहों के कार्यक्रमों के लिए मेजबानी कर रहा है। इसके लिए मुख्य संस्करण थीम है प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को मात दें। 


ब्यास नदी में गंदा पानी गिरना एक दुर्घटना
 उधर मामले बारे चेयरमैन पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के काहन सिंह पन्नू का कहना है कि विश्व पर्यावरण दिवस में मुख्य थीम ‘प्लास्टिक लिफाफों के प्रदूषण से बचाव’ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के समुद्री तटों और नदी तटों की सफाई बारे उनके पास अभी कोई लैटर नहीं आया है। उन्होंने कहा कि ब्यास नदी में गंदा पानी गिरना एक दुर्घटना है और इसके कारणों बारे गठित जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। 

Sonia Goswami