सोनी ने शिक्षा विभाग को सुधारा, अफसरशाही को रास न आया काम

punjabkesari.in Friday, Jun 14, 2019 - 11:13 AM (IST)

जालंधर (पुनीत): कैबिनेट मंत्री ओ.पी. सोनी ने सिफारिशों को नजरअंदाज करके केवल काम पर फोकस किया जिसका नतीजा 10वीं व 12वीं के बोर्ड के नतीजों के रूप में सामने आया। सोनी के कार्यकाल के दौरान शिक्षा विभाग ने पिछले कई वर्षों के मुकाबले बढिय़ा रिजल्ट के साथ खुद को साबित किया। 

सोनी द्वारा किए गए अच्छे कार्य अफसरशाही को रास नहीं आए जिस कारण अंतत: उनका विभाग बदल दिया गया। स्कूल शिक्षा से जुड़े अनेकों संगठनों ने सोनी के मामले में सरकार को पुनर्विचार करते हुए उन्हें शिक्षा विभाग वापस देने की गुहार लगाई है।  पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड को ऊपर उठाने के लिए उन्होंने कई योजनाएं तैयार कीं, जिसके अमल में आने के बाद पंजाब की सरकारी शिक्षा कई राज्यों को पीछे छोड़ जाती। कई अधिकारियों की बातों को नजरअंदाज करने के चलते सोनी के खिलाफ साजिशें रचते हुए उनके कामकाज में दखलअंदाजी शुरू हो गई। इसी क्रम में पिछले दिनों हुए मंत्रिमंडल के फेरबदल के दौरान उनसे शिक्षा विभाग वापस ले लिया गया।

सोनी के विरोधियों ने भले ही इससे राहत की सांस ली लेकिन यह राज्य की शिक्षा प्रणाली के लिए अच्छी खबर नहीं कही जा सकती। इसका मुख्य कारण यह है कि नए शिक्षा मंत्री को योजनाएं बनाने व सिस्टम को समझने में समय लगेगा जबकि सोनी लंबे अर्से से इस पद पर कार्य करते हुए बढिया योजनाएं बना चुके हैं, वहीं इस पूरे घटनाक्रम के चलते कई एसोसिएशनों द्वारा भी शिक्षा मंत्री से विभाग छीने जाने का विरोध किया जा रहा है।बीते रोज स्कूलों के मुख्य संगठन एसोसिएटिड स्कूल्ज आर्गेनाइजेशन ने भी राज्य की शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए सोनी को वापस पुराना विभाग देने की मांग की।

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