बजट पर सांसदों, अध्यक्षों और कारोबारियों की राय

punjabkesari.in Sunday, Feb 02, 2020 - 09:24 AM (IST)

होशियारपुर/चंडीगढ़/लुधियाना(अश्विनी कपूर/शर्मा/धीमान): वर्ष 2020-21 के लिए आज संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट का उद्योग जगत में ज्यादा उत्साह से स्वागत नहीं हुआ।

विजनरी नहीं है 2020-21 का केंद्रीय बजट: अमृत सागर मित्तल
देश के प्रमुख उद्योगपति व सोनालीका ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज तथा पंजाब प्लानिंग बोर्ड के वाइस चेयरमैन अमृत सागर मित्तल ने बजट प्रस्तावों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह एक विजनरी बजट नहीं है। उद्योग जगत को बजट में जिन राहतों के मिलने की संभावना थी वह नहीं दी गई। डिवीडैंड टैक्स समाप्त करने का भी कोई खास लाभ नहीं मिलेगा। प्रत्यक्ष कर में इसकी अदायगी करनी ही पड़ेगी।

पंजाब और दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार : भगवंत मान
वहीं 'आप' के सांसद व अध्यक्ष भगवंत मान का कहना है कि मोदी सरकार ने इस बार फिर न केवल पंजाब और दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार किया है, बल्कि किसान, नौजवान, देहाती गरीब और दलितों समेत नौकरी पेशा और व्यापारियों-कारोबारियों को नजरअंदाज किया है। आज केंद्रीय वित्त मंत्री से पहाड़ जितना बजट भाषण पढ़वाया गया, परंतु साल 2020 के लिए कुछ नहीं निकला है’।

बजट देश के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा : अश्वनी 
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने आम बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह आम आदमी का सराहनीय बजट है। बजट में मध्यम वर्ग को कई सुविधाएं दी गई हैं। जहां एक तरफ प्रत्यक्ष टैक्स में किया गया सुधार आम जनता के जीवन को सुगम बनाने में सहायक होगा, वहीं आधारभूत ढांचा सरंचना, हैल्थ केयर, स्वच्छ भारत, स्किल डिवैल्पमैंट, ट्रांसपोर्ट एवं सड़क मार्ग, बिजली व रिन्यूएवल एनर्जी में किया 
गया निवेश भारत के बहुपक्षीय विकास में मील का पत्थर साबित होगा। 

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बजट में हरियाणा को कुछ खास नहीं मिला है। बजट में किसानों व हरियाणा की पूरी तरह अनदेखी की गई है। हरियाणा के लिए नए रेलवे ट्रैक, एयरपोर्ट, ट्रेन, यूनिवर्सिटी, बड़े उद्योग या संस्थान का जिक्र नहीं है। देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहे हरियाणा को बड़ी रोजगार परियोजना की जरूरत थी, लेकिन लगता है भाजपा सरकार के पास कोई योजना ही नहीं है।

पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि यह देश के लोगों के साथ भद्धा मजाक किया गया और यही नहीं देश वासियों को धोखे में रखा गया। बजट से जी.डी.पी. की ग्रोथ रेशो 4.8 प्रतिशत रह जाएगी, जबकि केंद्र सरकार बजट की सराहना करते हुए कह रही है कि जी.डी.पी. 10 प्रतिशत हो जाएगी, यह उनका एक बहुत बड़ा भ्रम है। मुझे नफरत है इस बजट से जिसमें महंगाई चर्म सीमा तक पहुंचेगी और बेरोजगारी बढ़ेगी।

कार्पोरेट सैक्टर को समझ नहीं आया बजट
आज से पहले तक अक्सर देखने में आता था कि केंद्रीय बजट में कार्पोरेट सैक्टर अहम भूमिका निभाता है, लेकिन इस बार कार्पोरेट जगत से जुड़े कारोबारियों का मानना है कि वित्तमंत्री सीतारमण ने अढ़ाई घंटे की बजट स्पीच में ऐसा कोई प्वाइंट नहीं बोला जिस पर डिस्कशन किया जाए। बजट में ऐसा कुछ नहीं है जिससे लगे कि देश की अर्थव्यवस्था का ग्राफ ऊपर की ओर जाएगा। आइए जानते हैं कि लुधियाना के कार्पोरेट जगत बजट को कैसे समझा...

एवन साइकिल्स लिमिटेड के चेयरमैन ओंकार सिंह पाहवा ने कहा कि आयकर की स्लैब को जो कम किया गया है वह अच्छा कदम है लेकिन इससे निजी तौर पर बहुत कम राहत दी गई है। पी.पी.पी. मॉडल पर मैडीकल प्रमोशन के लिए जो घोषणा हुई उससे मैडीकल में नई तकनीक आएगी। इंफ्रास्ट्रक्चर डिवैल्पमैंट के लिए कुछ खास नहीं बोला गया। इसी से तो रोजगार में इजाफा होना था। इसके अलावा क्या कहा जाए उसको समझने के लिए बजट को आराम से रिव्यू करना पड़ेगा।

ड्यूक फैशंस लिमिटेड के सी.एम.डी. कोमल जैन बजट ने कंफ्यूज कर दिया है। कैसे एनेलेसिस करें कि किसको क्या मिला, लेकिन इतना जरूर है कि जो घोषणाएं हुई हैं उन पर अमल हो जाए तो देश की अर्थव्यवस्था में कुछ जान आ जाएगी। आज रोजगार बढ़ाने के लिए कारोबार को प्रोत्साहन देने वाला बजट होना चाहिए था। 

हीरो साइकिल लिमिटेड के एम.डी. एस.के. राय का कहना है कि बजट को समझने के लिए कुछ समय चाहिए। ऐसा कुछ नजर नहीं आया जिससे कहा जाए कि कौन-सा प्वाइंट जानदार है या कौन-सा प्वाइंट बजट में गलत पेश किया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस होना जरूरी था उसी से देश का विकास संभव है।

Edited By

Sunita sarangal