PGI में 2 ब्रेन डैड मरीजों के ऑर्गन 8 लोगों को ट्रांसप्लांट, 4 को मिली किडनी

punjabkesari.in Friday, Aug 27, 2021 - 07:39 PM (IST)

चंडीगढ़(पाल): पी.जी.आई. में एक बार फिर दो ब्रेन डैड मरीजों के परिजनों की बदौलत 8 लोगों को एक नई जिंदगी मिल पाई है। इस मुश्किल वक्त में भी ऑर्गन डोनेट करने के इस फैसले की वजह से 4 लोगों को किडनी और 4 लोगों को कॉर्निया ट्रांसप्लांट हो पाया है। जिन लोगों को किडनी ट्रांसप्लांट हुई है, वह काफी वक्त से पी.जी.आई. से अपना इलाज करवा रहे थे। उनके जीने की आस भी खत्म हो चुकी थी। 

डायरैक्टर पी.जी.आई. डॉ. जगतराम ने बताया कि उम्मीद है कि इन लोगों के इस फैसले के कारण दूसरे कई लोग ऑर्गन डोनेशन को लेकर जागरूक होंगे। यह नेक काम है। पी.जी.आई. डॉक्टर्स ने एक बेहतरीन काम किया है। नेफ्रोलॉजी डिपार्टमैंट के हैड प्रो. एच.एस. कोहली कहते हैं कि जिन लोगों को किडनी लगाई है कि वह अपनी जिंदगी के आखिरी पड़ाव पर थे। किडनी की वेटिंग लिस्ट हमारे पास बहुत ज्यादा है। ऐसे में डोनर्स फैमिली ने इसे कम करने का काम किया है।

54 साल के पुरुष के ऑर्गन हुए डोनेट
कैथल के अश्वनी कुमार 14 अगस्त को एक रोड एक्सीडैंट में घायल हो गए थे, जिन्हें एमरजैंसी में सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन हालत ज्यादा खराब होने की वजह से उन्हें पी.जी.आई. रैफर किया गया। 54 साल के अश्वनी को उसी दिन रैफर किया गया। इलाज के बावजूद हालत में कोई सुधार नहीं हो पा रहा था।  इसके बाद 17 अगस्त को डॉक्टरों ने सभी प्रोटोकॉल के तहत उसे ब्रेन डैड घोषित कर दिया। परिवार को जब यह पता लगा तो उन्होंने अश्वनी की मौत को जाया नहीं होने दिया। परिवार पहले से ऑर्गन डोनेशन के बारे में जानता था, यही नहीं उन्होंने ऑर्गन प्लेज भी किया हुआ था। ऐसे में अश्वनी की पत्नी अनिता ने बताया कि राख में मिला देने से कही बेहतर है कि यह ऑर्गन किसी के काम आ जाएं। यही सोचकर ऑर्गन डोनेशन के लिए रजामंदी दी। हमारे दिल को पता है कि हमने एक सही कदम उठाया है।

लगातार दो ट्रांसप्लांट
इस हफ्ते में यह दूसरा ऑर्गन ट्रांसप्लांट हैं। पंजाब का रहने वाला 28 साल का युवक रोड एक्सीडैंट में घायल हो गया था,  जिसे 10 अगस्त को लोकल हॉस्पिटल से बाद पी.जी.आई. रैफर किया गया। 3 दिन जिंदगी और मौत से लडऩे के बाद उसे 13 अगस्त को ब्रेन डैड डिक्लेयर कर दिया गया। परिवार की सहमति के बाद उसके ऑर्गन डोनेट हुए। पी.जी.आई. रोटो के नॉडल ऑफिसर डॉ. विपिन कौशल कहते हैं कि इन दो परिवारों ने कई लोगों को जिंदगी का नया तोहफा दिया है। लोगों को इसके बारे में जागरूक होने की जरूरत है ताकि कई जरूरतमंदों को बचाया जा सके।

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Vatika