‘आऊट आफ कंट्रोल’, नगर निगम की लापरवाही और नालायकी की एक झलक ये भी

punjabkesari.in Monday, Feb 13, 2023 - 12:56 PM (IST)

जालंधर: केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और जालंधर निगम जैसे सरकारी विभागों को लोग कई तरह के टैक्स देते हैं परंतु फिर भी यदि उन्हें मूलभूत सुविधाएं ही न मिले तो लोगों में नाराजगी पनपना स्वाभाविक ही है। सड़क, पानी और साफ वातावरण के साथ-साथ सीवरेज सिस्टम सबसे मुख्य जरूरत है जो हर परिवार को चाहिए परंतु यदि सरकारें लोगों को सही सीवरेज सिस्टम ही उपलब्ध न करवा पाए तो ऐसे सिस्टम को फ्लॉप भी कहा जा सकता है। हालांकि केंद्र की मोदी सरकार ने शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अरबों रुपए परंतु उस पैसे का भी सही से उपयोग नहीं हुआ है।

जालंधर नगर निगम के भी पिछले कुछ समय से ऐसे ही हालात चल रहे हैं। पिछले लंबे समय से यह शहर टूटी सड़कों और कूड़े की गंभीर समस्या के साथ-साथ बंद सीवरेज के दृश्यों को भी झेल रहा था। मौसम साफ होते ही टूटी सड़कों की समस्या तो दूर होती दिख रही है और नए कमिश्नर ने शहर में ‘ऑपरेशन क्लीन और ऑपरेशन ग्रीन’ चलाकर साफ सफाई की ओर ध्यान देना भी शुरू कर रखा है परंतु जालंधर शहर का सीवरेज सिस्टम लगातार बिगड़ता चला जा रहा है और इस समय सरकारी अफसरों के हाथों से आऊट ऑफ कंट्रोल हो चुका है।

इस समय शहर की दर्जनों पॉश कालोनियों में जिस प्रकार सीवरेज की समस्या आ रही है उससे शहर के चारों विधायक अत्यंत परेशान हैं क्योंकि इस समय नगर निगम का पार्षद हाऊस न होने के कारण विधायकों के ऑफिस में शिकायतों के अंबार लगे हुए हैं और इनमें से सीवरेज से संबंधित शिकायतें सबसे ज्यादा हैं। लोगों का कहना है कि सीवरेज ओवरफ्लो होकर कई घरों में बैक भी मार रहा है।

शहर के सीवरेज सिस्टम के जानकार नहीं हैं ज्यादातर अफसर

शहर के सीवरेज सिस्टम और वाटर सप्लाई व्यवस्था को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी नगर निगम के ओ. एंड एम. सैल की है परंतु इस विभाग के ज्यादातर अफसर दूसरे शहरों से आते हैं जिन्हें जालंधर के सीवर सिस्टम बारे ज्यादा जानकारी नहीं है। हाल ही में पंजाब सरकार ने एस.ई. के रूप में अनुराग महाजन को तैनात किया है परंतु जालंधर उनका मूल शहर नहीं है जिस कारण वह भी स्थिति को सुधारने में नाकामयाब सिद्ध हो रहे हैं। बाकी एक्सियन और एस.डी.ओ. लेवल के अधिकारी भी दूसरे शहरों से आते हैं जिसके कारण उन्हें काम करने में परेशानी आ रही है। ओ. एंड एम. सैल के कई जे.ई. समस्या की ओर ध्यान ही नहीं दे रहे और उससे निचला स्टाफ भी लापरवाही और नालायकी बरत रहा है जिस कारण सीवरेज संबंधी आई शिकायतों पर कई-कई दिन कार्रवाई ही नहीं होती।

हर सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट में है गड़बड़ी 

शहर का मुख्य सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट फोल्ड़ीवाल में स्थित है जहां केपेसिटी से कहीं अधिक पानी जा रहा है। अब तो 66 फुट रोड पर बस रही नई कालोनियों का सीवरेज भी इधर जोड़ा जा रहा है जिस कारण फोल्ड़ीवाल प्लांट पर दबाव काफी बढ़ रहा है। इसके कामकाज को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खास बात यह है कि यहां से ट्रीट हुआ साफ पानी फिर गंदगी से भरी काला संघिया ड्रेन में ही फैंका जा रहा है। इसी तरह बस्ती पीरदाद प्लांट पर भी क्षमता से कहीं अधिक पानी आ रहा है। इस क्षेत्र में काला संघिया ड्रेन के किनारों पर सीवर के खुले आऊटलेट संत बाबा सीचेवाल के निर्देशों पर बंद कर दिए गए हैं और सारे प्वाइंट सीवर लाइन से जोड दिए गए हैं जो पहले से ही भरी हुई है। इस कारण न्यू रतन नगर, बाबू लाभ सिंह नगर और आसपास की कालोनियों में सीवरेज का गंदा पानी गलियों में खड़ा है। शहर के बाकी ट्रीटमैंट प्लांट भी कामकाज को लेकर विवादों में चल रहे हैं।

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News Editor

Urmila