पंजाब में धान की रोपाई आज से, 8 घंटे मिलेगी बिजली

punjabkesari.in Thursday, Jun 13, 2019 - 07:20 PM (IST)

गुरदासपुर (हरमनप्रीत): भूजल को बचाने के लिए राज्य सरकार की ओर से 2009 में बनाए गए पंजाब प्रीजर्वेशन आफ सब सायल वाटर एक्ट के मुताबिक पंजाब में 13 जून से धान की रोपाई की जा सकेगी। जिसके लिए किसानों समेत खेतीबाड़ी विभाग ने सभी तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं। पावरकॉम ने भी कल से ट्यूबवैलों के लिए 8 घंटे बिजली सप्लाई देने के प्रबंध कर लिए हैं। सिंचाई विभाग की ओर से नहरों में पानी तो छोड़ा गया है, मगर कई रजबाहे अभी भी सफाई को तरस रहे हैं। इस बार किसानों को मजदूरों की किल्लत का सामना तो करना पड़ ही रहा है, बल्कि कई किसानों का यह दावा है कि अभी तक उनकी पनीरी तैयार नहीं हुई। जिससे धान की रोपाई का काम अभी कुछ दिनों के बाद ही तेज होगा।

धान का रकबा घटाने की कोशिश में है खेतीबाड़ी विभाग
 पंजाब के खेतीबाड़ी विभाग के डायरैक्टर डा. सुतंत्र कुमार ऐरी ने बताया कि पिछले साल पंजाब में 31 लाख 50 हजार हैक्टेयर रकबे में धान की फसल थी, जिसमें करीब 5 लाख 46 हजार हैक्टेयर रकबा बासमती में था, जबकि शेष रकबा परमल और धान की किस्मों में था। इस बार सिर्फ 30 अलग हैक्टेयर रकबे में ही धान की काश्त करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया, जिसमें 25 लाख हैक्टेयर रकबे में परमल और 5 लाख हैक्टेयर में बासमती की काश्त करने के लिए किसानों को प्रेरित किया गया है।

बिजली और नहरी पानी की स्थिति
पंजाब में कुल खेती योग्य रकबे में से 29 लाख 54 हजार हैक्टेयर रकबा ट्यूबवैलों पर निर्भर करता है, जबकि 11 लाख 16 हजार रकबे की सिंचाई नहरी पानी पर निर्भर करती है। बिजली पर चलने वाले ट्यूबवैलों को तीन फेज बिजली सप्लाई देने के लिए पॉवर कार्पोरेशन को 12 हजार मैगावाट सप्लाई की जरूरत है। जिस संबंधी पावरकॉम ने पंजाब के विभिन्न सर्कलों में बिजली सप्लाई की बांट करके बाकायदा 8 घंटे निर्विद्दन बिजली देने के लिए शैड्यूल जारी कर दिया है, मगर नहरों में पानी छोडऩे और रजबाहों के मामले में अभी भी किसान संतुष्ट नहीं हैं।  

किसान रोपाई देरी से करने की कोशिश करें : डा. हरतरनपाल  
खेतीबाड़ी माहिर और जिले के मुख्य खेतीबाड़ी अधिकारी डा. हरतरनपाल सिंह ने किसानों को अपील की कि अगर पिछले सीजन में गेहूं की फसल को डाया खाद डाली थी तो उस खेत में धान की रोपाई के समय डाया खाद न प्रयोग की जाए। उन्होंने यह भी अपील की कि भले ही सरकार ने 13 जून से धान की रोपाई करने की अनुमति दे दी है, मगर किसानों को संयम रखकर कुछ दिन और रुकने की जरूरत है, क्योंकि आने वाले दिनों में गर्मी और बढऩे की संभावना है। जिससे अब से ही लगाए गए धान को बचाने हेतु पानी की बहुत ’यादा जरूरत पड़ेगी। खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी की ओर से अब बहुत कम समय में पकने वाली धान की किस्में विकसित कर दी गई हैं। 

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