श्रमिकों की कमी के चलते 1 सप्ताह पहले शुरू होगी धान की रोपाई

punjabkesari.in Saturday, May 09, 2020 - 02:18 PM (IST)

पंजाब: कोरोना वायरस के कारण लगाए गए कर्फ्यू में प्रवासी श्रमिकों के निरंतर पलायन हो रहा है। इससे पंजाब में श्रमिकों की कमी होने के चलते राज्य सरकार ने एक सप्ताह पहले 10 जून से धान की फसल रोपाई शुरू करने का फैसला किया है।

इस मामले पर राज्य मंत्रिमंडल द्वारा शुक्रवार को बैठक भी की गई और मुख्यमंत्री और कृषि विभाग के प्रभारी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंज़ूरी दे दी है। इस संबंध में शनिवार को अधिसूचना जारी होने की संभावना है। अधिकारियों ने कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर धान की रोपाई का निर्णय सोशल डिस्टैन्सिंग प्रोटोकॉल को और श्रम की कमी में सही तरीके सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। हालांकि, इस मामले में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) ने भी किसानों को निर्धारित समय पर (20 जून) से शुरू करने के लिए शिक्षित कर रहा है। पीएयू राज्य भर में मिट्टी की पानी की तीव्र गिरावट को ध्यान में रखते हुए बदलने के पक्ष में नहीं था। 

गौरतलब है कि शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने 1 जून को धान की बिजाई को आगे बढ़ाने की मांग की थी। राज्य के कृषि विभाग के एक अनुमान के अनुसार, 30 दिनों में 12.5 लाख श्रम प्रमुखों को धान की रोपाईआवश्यक है। राज्य में धान एक प्रमुख खरीफ फसल है, जिसकी आने वाले सीजन में 70 लाख एकड़ से अधिक बिजाई होने की उम्मीद है।

प्रवासी मज़दूरों पर निर्भर हैं पंजाब के किसान
पंजाब में करीब 10 लाख से ज़्यादा प्रवासी मज़दूरों ने घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन कराई है, हालाँकि मई और जून महीनो में बिहार और यू. पी. से बड़ी संख्या में मज़दूर पंजाब में धान की रोपाई के लिए आते थे परन्तु कोरोना संकट और लाकडाउन के कारण इस बार मज़दूरों के आने का सवाल ही नहीं है और पंजाब का किसान ज़्यादातर यू. पी. और बिहार के किसानों पर ही निर्भर करता है। 

पंजाब में 30 लाख हेक्टेयर भूमि पर होती है धान की खेती
भारतीय किसान यूनियन के मुख्य सचिव हरिवन्दर सिंह लक्खोवाल का कहना है कि पंजाब में 30 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती होती है। पिछले साल 180 लाख मीट्रिक टन धान की पैदावार हुई थी परन्तु इस बार आधा भी होने की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। पंजाब में धान की खेती प्रवासी मज़दूरों से बिना संभव नहीं है, इस लिए उन्होने सरकार को मांग की है कि मज़दूरों को जाने से रोका जाये। उन कहा कि पंजाब में धान की खेती के लिए 13 जून से मंज़ूरी दी गई थी परन्तु इस बार इस को एक जून कर देना चाहिए।

 


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Edited By

Tania pathak

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