पाक मीडिया का खुलासाः सिखों को रिझाने के लिए मोदी सरकार ने खोला करतारपुर कॉरिडोर

punjabkesari.in Monday, Nov 26, 2018 - 03:40 PM (IST)

जालंधरः यहां एक तरफ पंजाब के डेरा बाबा नानक में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायड़ू ने करतारपुर कॉरिडोर का नींव पत्थर रख दिया है। वहीं पाकिस्तान के उर्दू मीडिया में भी करतारपुर बॉर्डर खोलने पर बनी रजामंदी की ही चर्चा है। पाक मीडिया का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कॉरिडोर बनाने का यह ऐलान दोतरफा रिश्तों में एक ठंडी हवा का झोंका है। वहीं पाकिस्तानी अखबार इस मौके पर भी भारत को खरी-खोटी सुनाने से नहीं चूके। उनका कहना है कि भारत में अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव से पहले सिखों को अपनी तरफ रिझाने के लिए मोदी सरकार बॉर्डर खोलने को राजी हुई है। फिर भी इस कदम से दोनों देशों के बीच तनाव में कमी आएगी। 


रोजानामा दुनिया लिखता है कि इस कॉरिडोर से सीमा के आर-पार सफर में  सुविधा होगी। इससे सिर्फ भारतीय सिख तीर्थयात्री ही पाकिस्तान नहीं आएंगे, बल्कि भारत जाने की इच्छा रखने वाले पाकिस्तानियों को भी इसका फायदा मिलेगा।  कुछ और ऐसे मुकाम तलाशे जाएंगे जिनसे दोनों देशों के नागरिकों को एक दूसरे से मिलने का मौका मिले।  हालांकि इसके साथ ही अखबार ने कश्मीर का राग भी अलापते लिखा है कि दोतरफा तनाव को तभी कम किया जा सकेगा जब कश्मीर के लोगों पर जुल्म और अत्याचार बंद होंगे। 

सिद्धू के तारीफों के बांधे पुल 

इसके साथ ही पंजाब कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू के तारीफों के पुल बांधते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव उस समय सुर्खियों में आया जब प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने पाकिस्तान आए सिद्धू की मौजूदगी में सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने इसका ऐलान किया था। अखबार का दावा है कि इसी बात से खुश होकर सिद्धू ने पाकिस्तानी आर्मी चीफ को गले से लगा लिया था, जिसे भारत में पसंद नहीं किया गया था। सिद्धू के खिलाफ हुए बवाल को देखकर लगता नहीं था कि इस प्रस्ताव पर अमल होगा।  पर 3 माह विचार-विमर्श करने के बाद भारत सरकार ने सिख सुमदाय की हमदर्दी के लिए कॉरिडोर खोलने का फैसला किया। 

पंजाब की सियासत से अंजान पाक मीडिया

वहीं रोजनामा औसाफ ने भी मोदी सरकार के इस फैसले को होने वाले  आम चुनावों से जोड़ा है। बावजूद इसके अखबार के संपादकीय को पढ़कर साफ पता चलता है कि उनको भारतीय पंजाब की सियासत के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अखबार ने लिखा है कि भारत को सिखों के खालिस्तान आंदोलन का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब को हाथ से निकलता देख मोदी सरकार को यह फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।  दूसरी तरफ, रोजनामा जंग लिखता है कि भारत सरकार की तरफ से करतारपुर बॉर्डर को खोलने पर सहमति और इसके लिए पाकिस्तान को धन्यावाद देना इस क्षेत्र के लिए एक अच्छा शगुन है। पाक कॉरिडोर बनाकर भारत को अगले साल गुरु नानक देव के 550वें जन्मदिन का तोहफा देना चाहता हैं।   

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