अनसुने किस्सेः घोड़ी पर चढ़ स्कूल जाया करते थे प्रकाश सिंह बादल

punjabkesari.in Monday, Apr 09, 2018 - 06:22 PM (IST)

जालंधरः पूर्व मुख्यमंत्री सिंह बादल का नाम आपने सुना होगा लेकिन उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास यादों के बारे आपको नहीं पता होगा। आज हम आपको उन यादों के बारे बताने जा रहे हैं।  स. बादल का जन्म 8 दिसम्बर 1927 को पंजाब के छोटे से गांव अबुल खुराना (फरीदकोट) के जाट सिख परिवार में हुआ।  प्रकाश सिंह बादल की पत्नी सुरिंदर कौर का देहांत हो चुका है। इनका एक बेटा और एक बेटी हैं। प्रकाश सिंह बादल के बेटे सुखबीर सिंह बादल पंजाब के उप-मुख्यमंत्री रह चुके हैं। प्रकाश सिंह बादल की बेटी का विवाह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों के पोत्र से  हुआ है।

 

स.बादल ने बातचीत दौरान अपने जीवन के उन लम्हों को ताजा किया जिनके बारे शायद ही आपने सुना होगा। उन्होंने बताया कि वह घोड़ी पर स्कूल जाया करते थे,क्योंकि उस समय न तो अच्छी सड़के थी न हीं आवाजाई का कोई साधन। उस वक्त न बिजली होती थी न पानी का कोई खास प्रवंध। स्कूलों में कोई स्टैण्डर्ड की पढ़ाई तक नहीं थी। लंबी में स्कूल था वहां से पढ़ाई की। इसके बाद मनोहर लाल मैमोरियल स्कूल फिरोजपुर में मैट्रिक की और फिर लाहौर कालेज में दाखिला लिया।

 

बादल ने बताया कि उनका परिवार बहुत बड़ा था। सभी एक साथ खाना खाते बहुत अच्छा लगता था। उन्होंने ये भी बताया कि उनके दादा जी उनसे बहुत प्यार करते थे। खास बात उन्होंने ये भी बताई कि दादा जी ने उन्हें दी थी अपनी मौत से पहले। उन्होंने बताया कि उस समय सिंह सभा हुआ करती थी, अंग्रेजों के समय जो जत्थे जाते थे उन्हें उनके दादा जी खाना खिलाते थे इसलिए दान-पुन उन्हें विरास्त में मिला है। अपनी माता जी को याद करते उन्होंने बताया कि मेरी माता जी ने मुझे प्यार ही नहीं हौंसला भी दिया। उस समय जब मैं जेल जाता तो वे इतने अच्छे पत्र मुझे लिखते और कहते कि हमेशा चढ़ती कला में रहना। वहीं उन्होंने बताया कि जब भी कोई गिरफ्तारी हुई तो उन्होंने सबसे पहले खुद गिरफ्तारी दी।

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