इस गांव से दिखता है पाकिस्तान के खेतों और गांवों का नजारा

punjabkesari.in Tuesday, Nov 13, 2018 - 05:20 PM (IST)

पठानकोटः जिला पठानकोट से 40 किलोमीटर दूर ब्लाॅक बमिआल के अंतर्गत भारत-पाकिस्तान सरहद की जीरो लाइन पर स्थित गांव सिंबल सकोल लगातार सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है, क्योंकि इस गांव में बी.एस.एफ. की पोस्ट से दूरबीन के जरिए पाकिस्तान के खेत और गांव आसानी से देखे जा सकते हैं। जब से लोगों को इस जगह के बारे में पता लगा है तब से यहां पर लोगों का मेला लगना शुरू हो चुका है। इसके अलावा यहां शहीद कंवलजीत का शहीदी स्मारक और पीर बाबा की दरगाह होने के कारण लगातार सैलानी आ रहे हैं। इससे पहले यह नजारा किसी और पोस्ट पर नहीं देखा जा सकता था। यहां तक कि डेरा बाबा नानक से भी सिर्फ गुरूद्वारा ननकाना साहिब के ही दर्शन होते हैं। 

पोस्ट पर तैनात बी.एस.एफ. से मिली जानकारी के मुताबिक इस पोस्ट पर रोजाना 100 के करीब और हर वीरवार 600-700 के करीब सैलानी आते हैं लेकिन कई बार सैलानियों को निराशा का सामना भी करना पड़ता है क्योंकि बी.एस.एफ. के अधिकारियों की तरफ से सुरक्षा नियमों को ध्यान में रखते हुए सैलानियों को सरहद पर पाकिस्तान देखने से इनकार कर दिया जाता है। लोगों की मांग है कि इस गांव को बाघा बाॅर्डर की तरह टूरिस्ट जगह बनाया जाए तांकि इस गांव को रोजगार मिलने के साथ-साथ सैलानियों को निराश वापिस ना जाना पड़े।  

टूरिस्ट जगह बनाने की कोशिश की जाएगीः सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू के साथ जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह मसला उनके ध्यान में नहीं है। जल्द ही विभाग को इस विष्य की जानकारी हासिल करने के हुक्म दिए जाएंगे और सारी रिपोर्ट मिल जाने के बाद इस गांव को टूरिस्ट जगह बनाने के लिए पूरी कोशिश की जाएगी। 

Mohit