नौजवान की मौत से भड़के परिजनः रोष मार्च करके किया संगरूर रोड जाम

punjabkesari.in Monday, Jul 02, 2018 - 08:08 AM (IST)

पटियाला (बलजिन्द्र): पिछले महीने 5 जून को हुई मारपीट के बाद सुपिंद्र सिंह (18) पुत्र हरनेक सिंह निवासी प्रीतम पार्क कालोनी की राजिन्द्रा अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। सुपिंद्र सिंह की मौत के बाद उसके माता-पिता भड़क गए और पुलिस के खिलाफ रोष मार्च करके संगरूर रोड पर जाम लगा दिया।

काफी देर नारेबाजी करने के बाद जब कोई पुलिस अधिकारी नहीं आया तो प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री निवास की तरफ  मार्च करने की घोषणा कर दी, तब जाकर 2 पी.सी.आर. कर्मचारी आए और उन्होंने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत शुरू की। इसके बाद थाना सिविल लाइन के एस.एच.ओ. इंस्पैक्टर जतिंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने मां-बाप की बात सुनी और मौके पर केस दर्ज करने के आदेश जारी करके हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस पार्टी भी मौके से रवाना की। इसके बाद मां-बाप ने धरना उठाया और पोस्टमार्टम के बाद लाश परिजनों के हवाले कर दी।

एक महीने तक क्या करती रही पुलिस
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के अपने शहर में एक आम नौजवान को कुछ व्यक्तियों द्वारा हमला करके जख्मी कर दिया जाता है। उसकी बाजू तोड़ दी जाती है और उसके बयान भी लिए जाते हैं, परंतु एक महीने तक इस मामले में हमलावरों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया जाता। जी हां ऐसा ही किया थाना सिविल लाइन की पुलिस ने। सुपिंद्र सिंह के पिता हरनेक सिंह ने बताया कि उनके बेटे पर हमला किया गया, उसकी बाजू तोड़ दी गई, उसके सिर में चोटें मारी गईं और मामले के जांच अधिकारी ए.एस.आई. गुरमीत सिंह की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि उलटा उन पर समझौते के लिए दबाव बनाया गया। उन्होंने मांग की कि ए.एस.आई. गुरमीत सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

मौके पर पहुंचे एस.एच.ओ. जतिंद्र सिंह ने हालांकि मां-बाप को भरोसा दिया कि गुरमीत सिंह की भूमिका की जांच की जाएगी, परंतु सवाल यह खड़ा होता है कि मुख्यमंत्री के अपने शहर में यदि पुलिस इस तरह गरीबों को इंसाफ नहीं देगी तो बाकी राज्यों में क्या हालात होंगे। हरनेक सिंह एक मजदूर व्यक्ति है और उसका हाल ही में जवान हुआ पुत्र मृतक सुपिंद्र सिंह भी दुकान पर काम करके परिवार को पालने में अपने पिता की मदद करता था।

Anjna