कनाडा में भारतीय मूल के लोग नशे के चक्रव्यूह में फंसे, पढ़े पूरी खबर

punjabkesari.in Tuesday, Jun 26, 2018 - 08:36 PM (IST)

अमृतसर: कनाडा में रह रहे भारतीय मूल के लोगों में नशे की प्रवृति में तेजी से बढ़ौतरी हो रही है। 

मनोचिकित्सक डा. हरजोत सिंह मक्कड़ ने मंगलवार को यहां बताया कि नशे का नाग सिर्फ पंजाब में नहीं, बल्कि कनाडा जैसे समृद्ध देश में भी अपना फन फैला चुका है। कनाडा के स्थानीय निवासियों में नशे का प्रभाव कम है, लेकिन वहां बसे भारतीय मूल के लोगों में नशा सेवन की प्रवृत्ति बढ़ी है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 21 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया पॉर्लियामेंट में योग, एडीक्शन व साइक्रेट्रिक डिस्ऑर्डर विषय पर आयोजित लेक्चर में भाग लिया था। 

संसद भवन के बाहर लॉन में आयोजित इस सेमीनार में यह तथ्य सामने आए कि कनाडा में भी नशेड़यिों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हालांकि कनाडा में कानून सख्त है। शराब पीकर ड्राइविंग करने वाले को ही पांच सौ डॉलर जुर्माना लगाया जाता है। दूसरी बार शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाने पर गाड़ी जब्त कर ली जाती है। यहां तक कि शराब पीने वालों की गाडिय़ों में एल्कोहल मीटर लगाए जाते हैं। गाड़ी स्टार्ट करने से पहले व्यक्ति को इस मीटर में सांस भरनी पड़ती है, तभी गाड़ी स्टार्ट होती है। उन्होंने बताया कि कानून इतना सख्त है कि एल्कोहल मीटर का कनेक्शन सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़ा है। डा. मक्कड़ ने खुलासा किया कि कनाडा में छात्रों में नशे का चलन ज्यादा बढ़ रहा है। ज्यादातर छात्र भारत खासकर पंजाब से संबंधित हैं। 

कनाडा में वर्क एवं स्टडी वीजा पर पहुंचे ये भारतीय छात्र हर प्रकार का नशा करते हैं। हाल ही में नशे के कारण कनाडा में बड़ी घटना हुई। ड्रग पैडलर ने दो भारतीय छात्रों को मौत के घाट उतार दिया। डा. मक्कड़ ने कहा कि नशे की रोकथाम का एकमात्र तरीका जागरूकता है। नशा इंसान का शत्रु है। युवाओं से लेकर किशोर वर्ग नशे की चपेट में है। इससे बचने के लिए बच्चों को स्कूल स्तर पर ही नशे के दुष्प्रभाव बताने जरूरी हैं। 

Vaneet