23 दिसम्बर के मनहूस दिन को याद कर सिहर उठते है मंडी डबवाली के लोग

punjabkesari.in Sunday, Dec 23, 2018 - 09:21 AM (IST)

जलालाबाद (स.ह.): मंडी डबवाली अग्निकांड का 23 दिसम्बर 1995 का मनहूस दिन, जिसमें इसी दिन सैंकड़ों बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया था, उन बच्चों तथा विधवाओं को इस दिन की याद आते ही आंखों से बहने वाली अश्रु धारा रुकने का नाम नहीं लेती। इस अग्निकांड से प्रभावित मंडी डबवाली निवासी राहुल ग्रोवर ने अपनी व्यथा प्रकट करते हुए बताया कि वह अपने पिता सुरेंद्र ग्रोवर के साथ 23 दिसम्बर 1995 को डी.ए.वी. सेंटनरी स्कूल का वार्षिक समारोह देखने के लिए राजीव पैलेस में गया था कि अचानक दोपहर 1.47 पर पैलेस के पंडाल को आग लग गई। 


 
इस भीषण आग में 442 लोग अपनी जान गंवा बैठे तथा 250 के करीब लोग जख्मी हो गए। इस भीषण अग्निकांड में उसके पिता सुरेंद्र ग्रोवर भी चपेट में आ गए और वह खुद जख्मी होकर बड़ी जद्दोजहद के साथ पंडाल से बाहर आ गया और बच गया था। इस त्रासदी का शिकार हुए राहुल ग्रोवर ने बताया कि वह उस समय मात्र 5 वर्ष का था और यह मंजर उसने अपनी आंखों से देखा था। त्रासदी के बाद 29 दिसम्बर 1995 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव द्वारा मंडी डबवाली में एक सार्वजनिक श्रद्धांजलि कार्यक्रम के  समय घोषणा की गई कि प्रदेश सरकार अग्निकांड से प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता के  साथ-साथ मृतक के परिवार के  एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। अपने पिता की मौत के बाद उसकी विधवा माता श्रीमती पूनम ग्रोवर ने सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए हरियाणा सरकार को कई बार आवेदन किया, लेकिन सरकारी नौकरी का इंतजार करते-करते उसकी माता पूनम ग्रोवर 24 जून 2007 को दम तोड़ गई।


पीड़ित राहुल ने बताया कि 1995 के  बाद कई प्रदेश सरकारें आईं, लेकिन किसी भी सरकार ने आर्थिक मदद के सिवाए नौकरी जैसे वायदों को पूरा नहीं किया। दूसरी तरफ इस त्रासदी का शिकार हुए के.सी. सेठी (अब दमन निवासी) ने कहा कि इस भीषण अग्निकांड में उसके  दो बच्चे तथा पत्नी भी दम तोड़ गए थे। इस दुर्घटना के दौरान श्री सेठी ने अपनी जान की परवाह न करते हुए कई बच्चों को पंडाल से बाहर जिंदा निकाला, लेकिन वह अपने परिवार को उस समय न बचा सका।

इस त्रासदी के बाद मंडी डबवाली में पीड़ितों द्वारा फायर विकटम एसोसिएशन का गठन किया गया था, श्री सेठी एसो. के खुद सदस्य होने पर एसो. ने पहले तो प्रभावित लोगों को सर्वाधिक आर्थिक मदद दिलाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था और इंसाफ मिला था।  अब एसोसिएशन प्रभावित लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के  लिए अदालत में जाने की तैयारी कर रही है। एसो. को पूरी उम्मीद है कि अदालत का फैसला सही होगा और प्रभावित लोगों को इंसाफ मिलेगा। 23 दिसंबर को मंडी डबवाली में प्रत्येक वर्ष काला दिवस मनाया जाता है और मृतकों की याद में बनाए गए स्मारक पर उनको श्रद्धांजलि दी जाती है। 

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