बिजली कटों से परेशान लोग, अकाली सरकार को किया याद

punjabkesari.in Wednesday, Oct 13, 2021 - 01:43 PM (IST)

जालंधर (पुनीत): कोयले का प्रबंधन नहीं होने से घोषित बिजली कटौती से लोगों को परेशानी हो रही है। कांग्रेस द्वारा पूर्व अकाली सरकार पर सरकारी प्लांट बंद करके निजी प्लांट लगाने को उत्साहित करने के आरोप लगते आए हैं। परन्तु अकाली सरकार के समय में लोग बिजली कटों को भूल चुके थे। परन्तु अब कांग्रेस सरकार के समय बिजली कटों वाले दिन फिर वापस आ गए हैं। सरकार को जून में बिजली संकट की चेतावनी दी गई थी, लेकिन उसने पुख्ता इंतजाम नहीं किए, जिससे जनता बेबस है। दूसरी ओर, बिजली कटौती के कारण अघोषित बिजली कटों ने आग में घी का काम किया है क्योंकि घोषित और अघोषित बिजली कटोम के कारण मंगलवार को कई शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 7-8 घंटे बिजली गुल रही।

विडंबना यह है कि बिजली कटौती से लोगों का काम प्रभावित हुआ है। मुख्य कारण यह है कि कट लगने का कोई समय नहीं है। कभी सुबह कट लगा रहे हैं तथा कभी शाम को कट लगने से ब्लैक आऊट हो जाता है। जनता को समझ नहीं आ रहा कि वह अपनी रूटीन को किस हिसाब से सैट करें। पहले पावर कॉम की मार सुबह 8.30 बजे पड़ी। इस दौरान लोग घर के कई निजी कार्य करते हैं मगर बिजली कट लगने कारण बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, रात की ड्यूटी के कारण दिन में सोए लोगों को सुबह भी नींद नहीं आई, क्योंकि बिजली कटौती से उनकी नींद में खलल पड़ा। सुबह 10 बजे तक चली पहले कट के दौरान लोगों के सभी काम अधूरे पड़े रहे और लोग पानी आदि भी नहीं भर सके। दफ्तरों और दुकानों पर जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। 

दोपहर करीब 1 बजे पानी की आपूर्ति बहाल हो जाती है लेकिन बिजली निगम ने उसी समय फिर से इसे काट दिया। काम अभी तक लोगों द्वारा पूरा नहीं किया गया था और टैंकियों को नहीं भरा जा सका था। दोपहर में भी किचन की व्यवस्था अस्त-व्यस्त रही और लोगों को परेशानी होती रही। इस दौरान 3 बजे लगभग बिजली चालू हो सकी। घोषित कटौती के अलावा जहां अघोषित कटौती की बात है तो हर जगह लोगों को परेशानी हो रही है। अघोषित कटौती के कारण दोपहर करीब 12 बजे वेस्ट डिवीजन और मॉडल टाउन डिवीजन के कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। इससे लोगों को भारी परेशानी हुई।

उक्त दोनों डिवीजनों में घरेलू उपभोक्ता ज्यादा हैं और मंगलवार को यहां 100 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं। केंट और वेस्ट डिवीजन में भी दर्जनों शिकायतें मिलीं। लोगों का कहना था कि पावर कारपोरेशन के 1912 के नंबर पर लगातार कॉल करने के बाद भी नंबर नहीं मिल रहा था, जिसके चलते वे समय पर अपनी शिकायत दर्ज नहीं करा पाए। उनका कहना है कि व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। दूसरी तरफ देखने में आ रहा है कि कई इलाकों में बिजली की खराबी कारण स्ट्रीट लाइटो के प्वाइंट भी खराब हो जाते हैँ। इससे सड़कों पर अंधेरा हो जाता है। लोगों का कहना है कि सड़कों पर रोजाना वारदातें हो रही हैं। इसलिए स्ट्रीट लाइट बंद होने पर इन्हें तत्काल प्रभाव से चालू किया जाए।

सुबह उठते ही बिजली कटौती का सामना करने वाले लोग सबसे पहले अपना मोबाइल फोन उठाते हैं और सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा निकालते हैं। इस बीच सोशल मीडिया के जरिए लोगों की नीतियों पर व्यंग्य किया जाता है। जो मैसेज आ रहे हैं, वे भी वाट्सएप के जरिए खूब फैलाए जा रहे हैं। आज सुबह से एक मेसेज घूम रहा है, जिसमें कहा गया है, खुश रहो, बिजली आएगी, भले ही न आए, लेकिन बिजली का बिल आएगा। पंजाब में कोयला गया, कागज नहीं। ऐसे कई संदेश आज प्रचलन में हैं। 

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Content Writer

Sunita sarangal