CM अमरेंद्र व पुत्र रणइंद्र के खिलाफ आयकर विभाग की शिकायतों में ED ने अदालत में दायर की अर्जियां

punjabkesari.in Wednesday, Sep 02, 2020 - 11:03 AM (IST)

लुधियाना(मेहरा): प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह और उनके बेटे रणइंद्र सिंह के खिलाफ लुधियाना की पी.एस. कालेका की अदालत में चल रहे मामलों में आयकर विभाग द्वारा दायर नए दस्तावेजों के निरीक्षण के लिए 3 आवेदन दायर किए हैं। ई.डी. ने मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट लुधियाना में विशेष सरकारी वकील लोकेश नारंग के माध्यम से उपरोक्त अर्जियां दायर की हैं। इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा फैल गई है कि क्या केन्द्र की मोदी सरकार आयकर के मामलों के साथ सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह को किसी अन्य नए मामले में उलझाना चाहती है। 

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह व उनके पुत्र रणइंद्र सिंह पर पहले ही आयकर विभाग द्वारा अदालत में आयकर संबंधी शिकायतें दायर की गई हैं लेकिन महामारी कोरोना के चलते अदालतें बंद होने के कारण अभी इन पर कार्रवाई रुकी हुई है। लेकिन इस दौरान अचानक ई.डी. द्वारा अदालत में उपरोक्त अर्जियां दाखिल किए जाने से एक नई चर्चा शुरू हो गई है। ई.डी. ने 3 आवेदनों को यह जानने के लिए दायर किया कि आयकर विभाग ने कैप्टन अमरेंद्र सिंह और रणइंद्र सिंह की केस फाइलों पर नए दस्तावेज क्या रखे हैं। सूत्रों के मुताबिक ई.डी. विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत अपनी जांच को आगे बढ़ाने के लिए दस्तावेजों का निरीक्षण करना या प्राप्त करना चाहता है। अपनी अर्जियों में ई.डी. ने अदालत से आग्रह किया है कि वह उन्हें केस फाइल का निरीक्षण करने की अनुमति दे।

आई.टी. विभाग का दावा, जांच में रणइंद्र ने गुमराह किया
उल्लेखनीय है कि सी.एम. अमरेंद्र और रणइंद्र के खिलाफ  3 आयकर मामलों की सुनवाई लुधियाना की अदालत में चल रही है। सी.एम. के मामले में अगली सुनवाई 9 सितम्बर को है जबकि रणइंद्र के मामले की 10 सितम्बर, लेकिन अदालतें बंद होने के कारण फिलहाल इन पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आई.टी. विभाग ने शिकायतों में दावा किया कि जांच के दौरान रणइंद्र ने उसे गुमराह किया और दावा किया कि उसके पास परिवार की आय और विदेश में ट्रस्ट से संबंधित दस्तावेज हैं। 

आई.टी. विभाग ने आरोप लगाया कि रणइंद्र जकरंदा ट्रस्ट का एक ‘लाभपात्र’ है जिसे परिवार ने बनाया था। अन्य अघोषित ट्रस्टों में मूलवाला होल्डिंग्स लिमिटेड और ऑलवर्थ वैंचर होल्डिंग लिमिटेड शामिल हैं। पिता और पुत्र ने कथित तौर पर एच.एस.बी.सी. जिनेवा और एच.एस.बी.सी. फाइनैंशियल सॢवसेज लिमिटेड (मध्य पूर्व) में एक बैंक खाते के माध्यम से अज्ञात वित्तीय लेन-देन किया। आई.टी. विभाग ने शिकायतों में कहा कि ट्रस्ट 2005 में स्थापित किए गए थे और अधिकांश सौदे वॢजन द्वीप समूह के माध्यम से किए गए थे। उसने अदालत में दावा किया कि उसके पास वॢजन द्वीप समूह के दस्तावेज हैं जो कैप्टन अमरेंद्र सिंह और उनके बेटे रणइंद्र को दुबई में मरीन मेंशन और यूनाइटेड किंगडम की अन्य संपत्तियों के मालिक बताते हैं। अमरेंद्र और रणइंद्र ने किसी भी गलत काम से इंकार किया था और आयकर विभाग के आरोपों को गलत बताया था।

उल्लेखनीय है कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार बेरी की अदालत ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र 
सिंह व उनके पुत्र रणइंद्र सिंह की तरफ  से दाखिल की गई याचिकाओं पर अपना फैसला देते हुए निचली अदालत को आयकर विभाग की शिकायतों पर दोबारा बहस सुनकर फिर उस पर नया फैसला देने को कहा था। वहीं अदालत ने शिकायतों पर लुधियाना की निचली अदालत द्वारा तलब किए जाने के आदेश को खारिज कर दिया था।

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