निगम में पी.एफ. घोटाला : 3 में से 1 अधिकारी पर गिरी गाज

punjabkesari.in Saturday, Nov 10, 2018 - 10:33 AM (IST)

अमृतसर (रमन): नगर निगम में वर्ष 2017 दिसम्बर में पंजाब केसरी द्वारा पी.एफ. घोटाला उजागर किया गया था। इस केस में पहले एक महिला क्लर्क ने खुद को सरैंडर किया व जेल पहुंची तथा उसने 3 अधिकारियों की मिलीभगत का नाम लिया। महिला क्लर्क ने खुद तो गबन की राशि निगम के खाते में जमा करवा दी थी लेकिन पी.एफ. खाते की राशि सूत्रों के अनुसार डेढ़ करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है। इस केस में महिला क्लर्क एवं एक सेवादार को अभी तक सस्पैंड किया गया था व 3 अधिकारी अभी तक सीटों पर थे।

शुक्रवार को पी.एफ. केस में नया मोड़ आया, जिसमें सरकार ने तुरंत प्रभाव से एस.ई. प्रद्युम्न सिंह की सेवाएं समाप्त कर दीं। सितम्बर माह में निगम यूनियनों ने कमिश्नर सोनाली गिरि से गुहार लगाई थी व संघर्ष का रास्ता अख्तियार करने की चेतावनी दी थी कि दोषी अधिकारी अभी तक सीटों पर हैं उन पर कार्रवाई नहीं हो रही। कर्मचारियों का कितना पैसा गबन हुआ है इसका कोई हिसाब नहीं है। इसे लेकर कमिश्नर गिरि ने यूनियन नेताओं को आश्वासन दिया था कि इन तीनों अधिकारियों को लेकर सरकार को फिर रिमाइंडर भेजेंगे।   

वहीं स्थानीय सरकार विभाग के प्रमुख सचिव ए.वेणू प्रसाद के आदेशानुसार प्रद्युम्न सिंह पुत्र अमर सिंह कार्पोरेशन इंजीनियर ओ.एंड.एम. नगर निगम अमृतसर को 58 साल उम्र तक 31/1/2018 को पूरी करने के पश्चात आदेश नंबर 1/189/2017-2सस1/234-235, 30.1.2018 द्वारा 1/2/2018 से 31/01/2019 तक के प्रथम वर्ष की बढ़ौतरी की गई थी, को नगर निगम अमृतसर के पैंशन कंट्रीविशन फंड्ज (पी.एफ.) में हुई हेराफेरी के दोषों को लेकर पंजाब सिविल सेवाएं (सजा एवं अपील) नियमावली 1970 के नियम 8 अधीन चार्जशीट जारी होने एवं राज्य सरकार की हिदायतों 7/5/2018 के पहले वर्ष की बढ़ौतरी को तुरंत प्रभाव से खत्म करते हुए 9 नवम्बर 2018 को दोपहर बाद रिटायर्ड किया जाता है।

जब यह आदेश निगम में पहुंचे तो प्रद्युम्न सिंह अपनी सीट पर बैठे थे जिससे निगम प्रशासन ने उन्हें उसी समय रिलीव कर दिया।पी.एफ. केस को लेकर जैसे ही एक अधिकारी पर गाज गिरी तो निगम कर्मचारियों में फिर से पी.एफ. केस चर्चा का विषय बन गया, कि आगामी समय में बाकी बचे 2 अधिकारियों पर भी गाज गिरनी तय है। कर्मचारियों में लंबे समय से रोष था कि उनके पी.एफ.की राशि गबन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही लेकिन जब आदेश निगम कार्यालय पहुंचे तो कर्मचारियों ने कहा कि देर है पर अंधेर नहीं।

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