फिल्लौर गैंगरेप की पीड़िता की हालत नाजुक, डाक्टरों ने चढ़ाया खून

punjabkesari.in Saturday, Feb 16, 2019 - 08:56 AM (IST)

फिल्लौर(भाखड़ी): गैंगरेप की शिकार पीड़िता की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है, जिसे डाक्टरों ने आज खून चढ़ाना शुरू किया है। 4 दिन बीत जाने पर भी पुलिस के हाथ मुख्यारोपी बंटी नहीं लगा है, जिसके कारण नाबालिगा की बचाव करते समय टांग टूटी थी।गौर रहे कि गैंगरेप की शिकार पीड़िता की खराब हालत देखते हुए स्थानीय सिविल अस्पताल के डाक्टरों ने 2 दिन पहले ही उसे जालंधर रैफर किया था, वहां भी पीड़िता की हालत में कोई खास सुधार होता नजर नहीं आ रहा।

शरीर से लगातार खून बहने से हुई खून की कमी 
 डाक्टरों के मुताबिक एक तो पीड़िता घटना के कारण काफी सदमे में है, दूसरा लगातार खून बहने से उसके शरीर में खून की काफी कमी आ गई। ऊपर से पीड़िता कुछ खा-पी भी नहीं रही है, जिस कारण डाक्टरों ने आज उसे खून चढ़ाना शुरू कर दिया। डाक्टरों के मुताबिक हो सकता है कि उसे दो से तीन बोतल खून चढ़ाना पड़े। पीड़िता की टूटी टांग का इलाज करने वाले डाक्टर के एक सहायक ने यह भी बताया कि लड़की की टांग की हड्डी बुरी तरह से टूटी हुई है, जिसे जोडऩे के लिए आप्रेशन कर टांग में प्लेटें डाली जाएंगी। आप्रेशन तभी करना संभव हो पाएगा, जब शरीर में खून पूरा होगा और उसका ब्लड प्रैशर सामान्य होगा। 

घटना को अंजाम दे आधी रात को श्मशानघाट में ही सोया था मुख्यारोपी
लोगों ने वहां पड़ा बंटी का बिस्तर दिखाते हुए बताया कि गैंगरेप की घटना को अंजाम देकर बंटी आधी रात को यहीं बिस्तर पर आकर सो गया था। अगले दिन जब उसे पता चला कि मामला पुलिस के पास पहुंच गया है तो वह चुपचाप यहां से भाग निकला। वहीं खड़े एक लड़के ने बताया कि उसके फोन में बंटी की तस्वीर है, जिसकी लोगों ने पुष्टि करते हुए मीडिया को उपलब्ध करवा दी। बंटी का कोई रिश्तेदार भी नहीं है, इसलिए फिल्लौर पुलिस को बंटी को पकडऩा एक बड़ी चुनौती साबित होगा। 


मुख्यारोपी बंटी रहता था श्मशानघाट में, पहनता था मुर्दों के कपड़े
अपने 2 साथियों के साथ मिलकर 15 वर्षीय नाबालिगा से गैंगरेप की घटना को अंजाम देने वाला मुख्यारोपी बंटी जिससे बचने के लिए संघर्ष करते हुए लड़की की एक टांग की हड्डी टूट गई थी, घटना के चार दिन बीत जाने पर भी पुलिस के हाथ नहीं लगा और न ही उसका कोई सुराग मिला है। यहां तक कि पुलिस को उसकी पहचान जानने हेतु न तो उसकी कोई तस्वीर मिल रही है और न ही पुलिस ने उसके पकड़े गए 2 साथियों से पूछताछ कर उसका स्कैच बनवाना जरूरी समझा। आज जब पत्रकारों ने आरोपी की पहचान सामने लाने के संबंध में कुछ लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि बंटी के पिता का काफी देर पहले देहांत हो चुका है, जिसके बाद उसकी मां उसे यहां छोड़ किसी दूसरे व्यक्ति के साथ भाग गई थी। बंटी यहीं श्मशानघाट में रह कर बड़ा हुआ है, वह लोगों के घरों के बाहर साफ -सफाई कर अपना गुजारा चला लेता है। वह रोजाना भांग के नशे का सेवन करता है और देर रात को गढ़ा रोड पर बने श्मशानघाट की दीवार फांद कर अंदर आकर मुर्दों के पड़े कफन और कपड़े ओढ़कर सो जाता था और प्रात: मृतकों के कपड़े पहनकर बाहर निकल जाता था। 
 

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