स्कूल में घुसा पिटबुल,9 साल की छात्रा को बेरहमी से नोचा

punjabkesari.in Saturday, Mar 14, 2020 - 12:14 PM (IST)

काठगढ(राजेश): सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल माजरा जट्टां में उस समय अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया जब एक पिटबुल कुत्ते ने स्कूल के बच्चों पर हमला कर दिया। स्कूल के अन्य बच्चे तो इधर-उधर भाग गए लेकिन 9 वर्षीय अमनदीप कौर जोकि 5वीं कक्षा की छात्रा है,पर  पिटबुल ने हमला कर दिया। जैसे-तैसे करके बच्ची को पिटबुल के चंगुल से छुड़वाया गया। इसके उपरांत उसे बलाचौर स्थित अस्पताल में ले जाया गया। पीड़िता की मां आशा ने बताया कि  स्कूल के पास ही स्थित एक घर में रखा गया पिटबुल खुला था,जो स्कूल में घुस आया और बच्चों को देखकर उन पर हमला करने के लिए दौड़ पड़ा। बाकी बच्चे तो सुरक्षित बच गए लेकिन उसकी बेटी को उक्त खूंखार कुत्ते ने नोच डाला। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधकों व पंचायत के माध्यम से बच्ची को बलाचौर स्थित अस्पताल में लाया गया और वहां पर उसका उपचार करवाया गया।
 
पिटबुल द्वारा स्कूल में घुसकर बच्चों पर हमला करने का मामला गांव की सरपंच कमला देवी के पास पहुंच गया और उन्होंने पिटबुल के मालिकों को पंचायत में बुलाया और पूरी जानकारी प्राप्त की। सरपंच कमला देवी ने बताया कि पिटबुल के मालिकों ने भविष्य में कुत्ते को बांध कर रखने एवं अपनी गलती को मान लेने के साथ-साथ बच्ची के उपचार का पूरा खर्च वहन करने की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने इस पर सहमति प्रकट की है।

कई देशों में पिटबुल डॉग पालने पर है बैन

अक्सर पिटबुल कुत्ते द्वारा हमला करने की कई घटनाएं सामने आई हैं। लोग अब भी इस प्रजाति के जानवर को पालना बंद नहीं करते। कई देशों में पिटबुल कुत्ते को पालने पर बैन कर दिया है लेकिन भारत देश में अभी तक इस कुत्ते पर बैन नहीं किया गया है। शौक की वजह से लोग इस कुत्ते को पालते हैं। कुछ समय पहले भी जालन्धर में एक बच्चे को पिटबुल कुत्ते ने बुरी तरह से काट खाया था और लोगों द्वारा बच्चे को बड़ी मुश्किल से बचाया था।

सबसे खतरनाक व आक्रामक नस्ल के होते हैं पिटबुल

पिटबुल प्रजाति के कुत्ते सबसे खतरनाक और आक्रामक नस्ल के होते हैं। इसका वजन 16 से 30 किलो के बीच होता है। दुनियाभर के कई देशों ने इन कुत्तों को रखने पर प्रतिबंध तक लगा दिया है। हालांकि, अमरीका सहित कई अन्य देशों में पिटबुल को आज भी पाला जाता है लेकिन इनके आक्रामकता को रोकने के लिए बेहतर ट्रेनिंग की जरूरत होती है। 2015 में सिर्फ अमरीका में ही पिटबुल के हमले से 28 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

हमला करने के बाद अपने जबड़े को कर लेता है लॉक

पिटबुल जब भी किसी पर हमला करता है तो हमले के उपरांत वह अपने जबड़े को लॉक कर लेता है, जिससे कोई भी इसके हमले से बच नहीं सकता है। यही कारण है कि इस खतरनाक प्रजाति को कई देशों ने बैन किया है। दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने भी जिला प्रशासन से मांग की है कि पिटबुल जैसी खतरनाक प्रजाति पर शीघ्र बैन लगाया जाए ताकि फिर से इस तरह की घटना न हो सके।

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