प्लॉट अलॉटमैंट घोटाले की सी.बी.आई. जांच पर अड़ी ‘आप’

punjabkesari.in Thursday, Sep 19, 2019 - 09:58 AM (IST)

चंडीगढ़(शर्मा): पंजाब लघु उद्योग एवं निर्यात निगम (पी.एस.आई.ई.सी.) में हुए इंडस्ट्रीयल प्लॉट अलॉटमैंट घोटाले के लिए आम आदमी पार्टी के सीनियर व विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब के उद्योग मंत्री शाम सुंदर अरोड़ा का इस्तीफा मांगा है। इसके साथ ही घोटाले में सीधे तौर पर शामिल पी.एस.आई.ई.सी. के अधिकारियों व कर्मचारियों की बर्खास्तगी और विजीलैंस जांच रिपोर्ट में आरोपी पाए गए उच्च अधिकारियों को क्लीनचिट देने वाली राहुल भंडारी के नेतृत्व वाली आई.ए.एस अधिकारियों की 3 सदस्यीय समिति की भूमिका भी सी.बी.आई. जांच के घेरे में लाने की मांग की है।
 

आई.ए.एस. अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री के सलाहकारों तक पहुंचेगी जांच की आंच 
चीमा ने आरोप लगाया कि विजीलैंस जांच रिपोर्ट को नकारने के लिए मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के एक बेहद करीबी की भूमिका भी संदिग्ध है। चीमा के मुताबिक यदि सी.बी.आई. इस अरबों रुपए के घोटाले की बारीकी के साथ जांच करती है तो इसकी आंच कई आई.ए.एस. अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री के सलाहकारों तक पहुंचेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि गत 30 जनवरी 2019 को विजीलैंस ब्यूरो के संयुक्त डायरैक्टर ने निगम के उच्च अधिकारियों व इनके दर्जन भर पारिवारिक सदस्यों को दोषी करार देते हुए इनके विरुद्ध कई अन्य धाराओं के तहत मुकद्दमा दर्ज करने की इजाजत मांगी थी परंतु सरकार ने मुकद्दमा दर्ज करने की इजाजत देने की बजाय राहुल भंडारी के नेतृत्व वाली 3 सदस्यीय समिति को विजीलैंस की जांच रिपोर्ट की जांच सौंप दी। 

इस समिति ने पूरे घोटाले के मुख्य सूत्रधार सहित कई अधिकारियों को क्लीनचिट देकर सिर्फ दो अधिकारियों को चार्जशीट किया है। चीमा ने आरोप लगाया कि राहुल भंडारी वाली समिति की रिपोर्ट ने पूरे घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश की है और अपनी ‘क्लोजर रिपोर्ट’ में सिर्फ दो अधिकारियों के विरुद्ध चार्जशीट भी आंखों में धूल झोंकने से ज्यादा कुछ नहीं है।  चीमा ने मांग की कि हाईकोर्ट के मौजूदा जज की निगरानी में इस घोटाले की सी.बी.आई. को समयबद्ध जांच सौंपी जाए तथा आरोपी अधिकारियों इनके रिश्तेदारों/पारिवारिक सदस्यों की संपत्ति अटैच की जाए। उन्होंने कहा कि घोटाले के सूत्रधार चीफ जनरल मैनेजर को ही जब अपने विरुद्ध शुरू हुई विजीलैंस जांच का नोडल अधिकारी बना दिया गया तो उसने अनगिनत फर्जी प्लॉट विजीलैंस जांच में शामिल ही नहीं किए। कई बिल्कुल सही प्लांटों को जांच में शामिल कर दिया, जिससे जांच को भटकाया जा सके। 

10 अक्तूबर तक जांच सी.बी.आई. को न सौंपी तो कोर्ट जाएगी ‘आप’ : चीमा
पार्टी नेताओं के साथ पत्रकार सम्मेलन में चीमा ने कहा कि यदि 10 अक्तूबर तक घोटाले की जांच सी.बी.आई. को न सौंपी गई तो आम आदमी पार्टी अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। 
पार्टी विधायक कुलवंत सिंह पंडोरी, कोर समिति मैंबर सुखविंद्र सुखी, मनजीत सिंह सिद्धू, नरिंद्र सिंह शेरगिल, हलका बाबा बकाला के प्रधान दलबीर सिंह टोंग, लीगल विंग संगरूर के प्रधान तपिंद्र सिंह सोही की मौजूदगी में चीमा ने राहुल भंडारी वाली समिति की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ मीडिया को जारी की। चीमा ने दावा किया कि यह रिपोर्ट काफी हड़बड़ाहट में ठीक उसी दिन 10 सितम्बर को पेश की गई, जिस दिन आम आदमी पार्टी ने मीडिया के समक्ष इस सनसनीखेज घोटाले की विजीलैंस जांच रिपोर्ट जारी कर पर्दाफाश किया था।

मोहाली के प्लॉटों के आबंटन की जांच पर खुलेंगे बड़े भेद 
चीमा ने कहा कि सिर्फ मोहाली के ही डी-203, डी-204, डी -209, एफ -550, डी -224, डी -225, डी -226, डी -227, एफ -307, एफ -308, एफ -459, एफ -460, एफ -462, एफ -464, एफ -465, एफ -466, एफ -467, ई -260 -ए, ई -260, ई -261, डी -230, सी -193, सी -194, सी -195, डी -249, ई -237 -ए, सी -196, सी -209, सी -210, सी -192, डी -263 प्लॉटों के आबंटन की जांच होने पर और भी बड़े भेद खुलेंगे। इनमें बहुत से विजीलैंस जांच से भी बाहर रखे गए हंै। इनकी जांच अलॉटमैंट के लिए विज्ञापन जारी होने से लेकर अरनैस्ट मनी (बयाना) के लिए इस्तेमाल किए गए बैंक अकाऊंट और कंपनियों की बजाय इन कंपनियों के मालिकों के नामों की जांच सी.बी.आई. के हवाले हो।

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