नेहा अहलावत मर्डर केस में पुलिस फेल, 9 साल बाद केस की फाइल बंद

punjabkesari.in Monday, Feb 17, 2020 - 12:48 PM (IST)

चंडीगढ़(सुशील): सैक्टर-38 वैस्ट निवासी नेहा अहलावत के हत्यारों का सुराग लगाने में चंडीगढ़ पुलिस बिल्कुल फेल हो गई। थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच द्वारा हत्या का केस सुलझाने के लिए 9 साल तक कई थ्योरी पर काम किया गया, लेकिन कोई थ्योरी कामयाब नहीं हुई। 9 साल बाद चंडीगढ़ पुलिस ने नेहा अहलावत की हत्या का केस बंद कर दिया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने नेहा अहलावत केस में जिला अदालत में क्लोजर रिपोर्ट पेश की। जिला अदालत में अब क्लोजर रिपोर्ट पर सुनवाई होगी। अगर मामले में शिकायतकत्र्ता पुलिस की जांच से संतुष्ट होगा तो केस फाइल बंद कर दी जाएगी और अगर शिकायतकत्र्ता ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाया तो अदालत मामले में दोबारा जांच के आदेश दे सकती है। 

30 जुलाई 2010 में हुई थी नेहा की हत्या 
डी.ए.वी. कालेज की छात्रा सैक्टर-38 निवासी नेहा 30 जुलाई 2010 को कोङ्क्षचग के बाद जब देर शाम तक घर नहीं पहुंची तो परिजन उसे ढूंढने निकले। परिजनों ने नेहा को लहूलुहान हालत में घर से थोड़ी दूर करण टैक्सी स्टैंड के पास पड़ा पाया। वह उसे पी.जी.आई. ले गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे। सैक्टर-39 थाना पुलिस ने हत्या का केस दर्ज जांच शुरू की थी। बाद में जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी थी।

फिंगर प्रिंट रिपोर्ट थी आखिरी उम्मीद 
नेहा अहलावत मर्डर केस में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एन.सी.आर.बी.) की फिंगर प्रिंट रिपोर्ट आखिरी उम्मीद थी। एन.सी.आर.बी. ने अपनी रिपोर्ट नैगेटिव भेजी है, जिसमें लिखा है कि चंडीगढ़ पुलिस द्वारा नेहा अहलावत के पास मिले मोबाइल फोन पर मिले फिंगर प्रिंट किसी भी अपराधी से मेल नहीं खाते हैं। पुलिस को नेहा अहलावत के शव के पास से मिले मोबाइल से हत्यारों के फिंगर प्रिंट बरामद हुए थे। यही प्रिंट पुलिस ने जांच के लिए एन.सी.आर.बी. को भेजे थे। 

हत्यारों तक पहुंचने के लिए कई थ्योरी पर काम किया
नेहा मर्डर केस को सुलझाने के लिए क्राइम ब्रांच और थाना पुलिस ने कई थ्योरी पर काम किया। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास मोबाइल डंप उठाया। इसके बाद पुलिस ने 150 से ज्यादा नशेडिय़ों और पुराने अपराधियों को राऊंडअप किया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। नेहा के दोस्त कुनाल और सनेश के ब्लड सैंपल जांच के लिए सी.एफ.एस.एल. भेजे, लेकिन विशेषज्ञों ने मामले में नैगेटिव रिपोर्ट आई। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने नेहा के दोस्त बितेश, सचिन, हितेश, सागर और एक अन्य दोस्त का नार्को और ब्रेन मैपिंग टैस्ट करवाया, लेकिन गांधी नगर लैब ने उन्हें क्लीन चिट दे दी। पुलिस को पीड़िता के कपड़े से वीर्य भी बरामद हुआ था। पुलिस ने मौके से मिले डी.एन.ए. और 2 संदिग्धों के नमूने सी.एफ.एस.एल. को भेजे थे, लेकिन मैच नहीं हुए। 

सी.एफ.एस.एल. रिपोर्ट के बाद रेप की जोड़ी धारा 
चंडीगढ़ पुलिस ने नेहा की हत्या के बाद उसके कपड़े जांच के लिए सी.एफ.एस.एल. भेजे थे। सी.एफ.एस.एल. टीम ने कपड़ों की जांच की और नेहा के कपड़ों पर वीर्य बरामद हुआ। विशेषज्ञों ने साफ किया कि नेहा की हत्या से पहले एक युवक ने उससे रेप किया है। 2013 में सी.एफ.एस.एल. रिपोर्ट आने के बाद नेहा अहलावत के केस में हत्या के बाद रेप की धारा जोड़ी थी। 


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Vaneet

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