4 घंटे तक बच्चों को गटर में तलाशती रही पुलिस, बाद में पता चला कि सूचना देने वाला था दिमागी मरीज
punjabkesari.in Thursday, Aug 27, 2020 - 10:07 AM (IST)
लुधियाना (राज): चंडीगढ़ रोड स्थित फेस-7 में सुबह एक मानसिक तौर पर परेशान व्यक्ति ने पुलिस को उलझन में डाल दिया। व्यक्ति ने कहा कि उसके बच्चे डांट के डर से गटर की नाली में चले गए है। जिस पर पुलिस ने तुरंत मौके पर क्रेन मंगवाकर बच्चों को निकालने के लिए कई फुट कर नाली खुदवा डाली। मगर कुछ नहीं मिला। व्यक्ति पुलिस को 4 घंटे तक छकाता रहा। मगर बाद में पता चला कि व्यक्ति मानसिक तौर पर परेशान है और उसके बच्चे गांव में सही सलामत है।
फिर पुलिस उसे चौकी ले गई और उसके रिश्तेदार के आने के बाद ही उसे छोड़ा। फोकल प्वाइंट के इलाके फेस-7 में एक व्यक्ति रोड के किनारे बने एक गटर के अंदर आ-जा रहा था। उसे देखकर लोग इकट्ठे हो गए। लोगों के पूछने पर उसने बताया कि उसके बच्चे गटर के अंदर चले गए, वह उसे निकाल रहा है। यह सुनकर लोगों ने पुलिस को बताया। इसके बाद थाना फोकल प्वांइट के अंतर्गत चौकी जीवन नगर के ए.एस.आई. गुरमीत सिंह, मुलाजिमों के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने उससे सारी बात पूछी, तब व्यक्ति ने बताया कि वह अपनी मां और बच्चों के साथ बिहार से लुधियाना आया था। उसके बच्चे खाने को मांग रहे थे। इसलिए उसने बच्चे को डांट दिया।इसके बाद उसके डर कर बच्चे गटर की नाली के अंदर चले गए। पुलिस ने बच्चो को बचाने के लिए तुरंत क्रेन मंगवा ली और नाली को खुदवाना शुरू कर दिया। कई फुट तक नाली खोदने के बावजूद बच्चो को कुछ पता नहीं चला। इस दौरान 4 घंटे बीत गए तो पुलिस ने दोबारा उस व्यक्ति से पूछताछ की । तब व्यक्ति बार-बार अपनी बात बदल रहा था। पुलिस को उस पर शक हो गया।
परेशान व्यक्ति बिना बताया गांव से आया, रिश्तेदार को सौंपा
ए.एस.आई. गुरमीत सिंह ने बताया कि व्यक्ति का नाम दिलीप सैनी है, जोकि बिहार के मऊगढ़ के गांव थरौली का रहने वाला है। उसके पास कोई दस्तावेज नहीं थे। पूछताछ में उससे एक मोबाइल नंबर मिसा। जोकि गांव में रह रहे साले का था। उस पर संपर्क करने से पता चला कि उसकी मां और बच्चे गांव में है और सही सलामत है। वह झूठ बोल रहा था कि उसके साथ मां और बच्चे थे। उसके साले परदेसी सैनी ने पुलिस को बताया कि दिलीप सैनी दिमागी तौर पर परेशान है। जोकि बिना बताए गांव से लुधियाना पहुंच गया। इसके बाद उन्होंने मुंडिया कलां में रहने वाले एक अन्य रिश्तेदार का नंबर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने उसके रिश्तेदार को चौकी बुलाया और फिर दिलीप को उसके हवासे किया।