IPL की आड़ में छिपे नकाबपोश,पुलिस पहुंच से बाहर

punjabkesari.in Thursday, Apr 12, 2018 - 08:12 AM (IST)

जालंधर (रविंदर): आई.पी.एल. शुरू होते ही बुकियों की बहार आ जाती है जिन्होंने शहर में चारों ओर अपना जाल फैला रखा है। बुकियों की हजारों लाइनें मैच शुरू होते ही ऑन हो जाती हैं और प्रत्येक बाल पर सट्टे का बाजार गर्म होने लगता है। इन बुकियों के पास शहर के बड़े-बड़े सफेदपोश न केवल सट्टा खेलते हैं, बल्कि कईयों की तो इनके साथ भागीदारी भी है। 

 

मखदूमपुरा से गिरफ्तार किए गए बुकियों के जरिए पुलिस इस खेल से जुड़ी बड़ी मछलियों तक पहुंचने में कामयाब हो सकती थी, मगर पुलिस की कमजोर प्रोसीक्यूशन कहें या फिर बुकियों की ऊंची पहुंच कि अदालत से पुलिस को गिरफ्तार बुकियों का रिमांड तक नहीं मिल पाया। रिमांड न मिलने के कारण शायद पुलिस के लंबे हाथ अब इन बड़ी मछलियों तक न पहुंच सकें। 

 

हालांकि पूरे केस में लगाई धारा-420 को पुलिस अदालत में स्पष्ट नहीं कर पाई जिसका फायदा आरोपियों को अदालत में मिला।  गौरतलब है कि पुलिस ने सोमवार रात को मखदूमपुरा में छापा मारकर एक ही समय चल रही 8 लाइनों का पर्दाफाश किया था। मौके से ही पुलिस ने इन लाइनों के अलावा 27 मोबाइल, एक लैपटॉप, 2 हुक्के व नोट गिनने वाली मशीन भी बरामद की थी। 


बरामद डायरी खोल सकती है कई गहरे राज
छापामारी के दौरान पुलिस के हाथ पूरे खेल से जुड़ी एक महत्वपूर्ण डायरी हाथ लगी है। हालांकि पुलिस अभी इस डायरी के बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, मगर बताया जा रहा है कि बुकियों की ओर से इस डायरी में न केवल पूरा हिसाब-किताब रखा जाता था, बल्कि बुक लगाने वालों के नाम और फोन नंबर भी इस डायरी में हैं। यह स्पैशल डायरी आने वाले दिनों में कई गहरे राज खोल सकती है और शहर के कई सफेदपोश बेनकाब हो सकते हैं। 


कुछ दिन के शोर-शराबे के बाद दब तो नहीं जाएगा मामला!
पुलिस खुद मान रही है कि गिरफ्तार 6 आरोपी महज इस सट्टे के खेल के प्यादे भर हैं, महानगर में सट्टे के किंगपिन तो पर्दे के पीछे से सारा खेल चला रहे हैं जिन तक पहुंचने के लिए पुलिस मौके से बरामद लैपटॉप व मोबाइल के जरिए जाल बिछाने का प्रयास कर रही है। आई.टी. एक्सपर्ट के जरिए पुलिस लैपटॉप में छुपे राज को सामने लाने की कोशिश में जुट गई है, मगर पुलिस की अगली जांच को इस बात ने झटका दे दिया है कि आरोपियों का रिमांड तक नहीं मिल पाया। रिमांड न मिलने के कारण पुलिस पूरे खेल के किंगपिन तक पहुंचने से वंचित भी रह सकती है और कुछ दिनों के शोर-शराबे के बाद पूरा मामला दब सकता है।

 

दिनभर  घनघनाते रहे अधिकारियों के मोबाइल
 हालांकि ए.डी.सी.पी. सिटी-1 मंदीप सिंह का कहना है कि पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों का रिमांड मांगा था, मगर अदालत ने नहीं दिया। गिरफ्तार बुकियों की पहुंच का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरा दिन अधिकारियों के मोबाइल पर न केवल फोन घनघनाते रहे, बल्कि थाना-4 पूरा दिन कई बड़ी राजनीतिक व सामाजिक हस्तियों का गवाह भी बना रहा।  

Sonia Goswami