पूर्व कारिंदे ने ही साथी के साथ मिलकर की थी ठेकेदार की हत्या

punjabkesari.in Sunday, Aug 05, 2018 - 02:46 PM (IST)

बरनाला (सिंधवानी, गोयल) : आखिरकार पुलिस ने शराब के ठेकेदार हिमांशु दानियां के हत्यारों को गिरफ्तार कर ही लिया। दानियां की हत्या करने वाला ठेके का पूर्व कारिंदा ही निकला, जिसने अपने साथी के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था। इनमें से एक का संबंध गैंगस्टरों के साथ भी बताया जा रहा है। पत्रकार वार्ता दौरान जानकारी देते हुए एस.एस.पी. हरजीत सिंह ने बताया कि सी.आई.ए. स्टाफ के इंचार्ज बलजीत सिंह को खुफिया सूचना मिली थी कि सुखपाल सिंह पुत्र दल सिंह वासी धनौला और कर्मजीत सिंह उर्फ कर्मा पुत्र हरबंस सिंह वासी धनौला ने एकजुट होकर गत 5 जुलाई को हिमांशु दानियां की हत्या करके 5 लाख रुपए की लूट की घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की।

पूछताछ दौरान लूट में 1 लाख 20 हजार रुपए, एक 32 बोर का देसी रिवाल्वर, तीन जिंदा कारतूस, एक खोल कारतूस, घटना में प्रयोग किया गया मोटरसाइकिल भी उनकी निशानदेही पर बरामद किया गया। एस.एस.पी. ने बताया कि इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए जिला बरनाला के समूह गजटिड अफसरों और मुख्य अफसरों ने सख्त मेहनत की है।

उन्होंने कहा कि केस की बारीकी से छानबीन करने के लिए एस.पी. डी. सुखदेव सिंह विर्क के नेतृत्व में राजेश कुमार छिब्बर डी.एस.पी., थानेदार बलजीत सिंह इंचार्ज सी.आई.ए. और मुख्य अफसर थाना सिटी गुरवीर सिंह की एक सिट का गठन किया गया था व पुलिस करीब एक महीने की सख्त मेहनत के पश्चात कातिलों तक पहुंचने में सफल हुई है। वर्णनीय है कि पंजाब केसरी अखबार ने ही खबर प्रकाशित की थी कि पुलिस हिमांशु दानियां के हत्यारों तक पहुंच गई है। जल्द ही पुलिस इस बात का खुलासा कर 
सकती है जोकि सच साबित हुआ।

ठेके से हटाने के पश्चात सुखपाल सिंह रखता था दिल में रंजिश
एस.एस.पी. हरजीत सिंह ने बताया कि आरोपी सुखपाल सिंह ने ठेकेदारों के पास अप्रैल महीने में तीन-चार दिन कार्य किया था। इस दौरान किसी महिला ने उस पर आरोप लगाया कि इसने मेरे साथ छेड़छाड़ की है। इसके बाद शराब के ठेकेदारों को उसके क्रिमीनल रिकार्ड के बारे में पता चला क्योंकि सुखपाल सिंह विरुद्ध 12 केस दर्ज हैं जबकि उसके साथी कर्मा विरुद्ध तीन केस दर्ज हैं। वह धनौला के गैंगस्टर काला गिरोह के साथ जुड़ा हुआ था। ठेके से हटाने के बाद उसकी रोजी-रोटी चली गई और इस बात की वह रंजिश रखने लगा। उसने अपने साथी कर्मजीत सिंह कर्मा के साथ मिलकर घटना को अंजाम देने की योजना बनाई। उन्होंने तीन-चार बार बस स्टैंड के शराब के ठेके की रेकी भी की थी, क्योंकि सुखपाल इसी ठेके पर कार्य करके गया था।

5 जुलाई की रात को जब हिमांशु दानियां अपने साथी संजीव कुमार के साथ बस स्टैंड के शराब के ठेके से पैसे एकत्रित कर अपनी कोठी की तरफ जा रहे थे तो ये दोनों व्यक्ति मोटरसाइकिल पर सवार होकर शनिदेव मंदिर की गली में खड़े थे। सुखपाल सिंह के हाथ में रिवाल्वर था, जबकि कर्मा ने मोटरसाइकिल स्टार्ट कर रखा हुआ था। सुखपाल ने हिमांशु दानियां की तरफ रिवाल्वर कर गोली चला दी जिससे उसकी मौत हो गई और वे 5 लाख रुपए लूट कर फरार हो गए।

वारदात करने के बाद ज्यादा नशा करने लग गए थे आरोपी
एस.पी. डी. सुखदेव सिंह विर्क ने बताया कि दोनों आरोपी नौजवान नशा करने के आदी हैं। पुलिस पूछताछ दौरान उन्होंने बताया कि जिस दिन हमने घटना को अंजाम दिया उस दिन भी हमने नशा किया हुआ था पर घटना के बाद हम ज्यादा नशा करने लग गए। पूछताछ दौरान उन्होंने बताया कि घटना में प्रयोग किया गया मोटरसाइकिल हम फरवाही वाले सूए में फैंक आए। उनकी निशानदेही पर ही मोटरसाइकिल बरामद किया गया। मोटरसाइकिल पर कोई नंबर प्लेट नही। यह मोटरसाइकिल भी चोरी का प्रतीत होता है।

घटना में प्रयोग की रिवाल्वर हनुमानगढ़ के एक व्यक्ति से ली गई थी
एस.पी. डी. विर्क ने बताया कि हत्यारों को ट्रेस करने के लिए पुलिस ने दिन-रात एक किया हुआ था। इस कार्य के लिए हमने 150 पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई। अंत में खुफिया सूत्रों द्वारा आरोपियों का पता लगा। आरोपियों ने घटना में प्रयोग की गई रिवाल्वर हनुमानगढ़ के एक व्यक्ति से ली थी जोकि अवैध हथियार था। पुलिस उस व्यक्ति की भी तलाश कर रही है। पूछताछ दौरान आरोपियों ने घटना को अंजाम देने की बात मानी। इस मौके पर डी.एस.पी. राजेश कुमार छिब्बर, सी.आई.ए. स्टाफ के मुखी इंस्पैक्टर बलजीत सिंह और थाना सिटी के इंचार्ज गुरबीर सिंह आदि भी मौजूद थे।

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