राजघाट पर धरने लगाने की घोषणा राजनीतिक फोटोशूटः तरुण चुघ

punjabkesari.in Tuesday, Nov 03, 2020 - 09:14 PM (IST)

चंडीगढ़ः भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा अपने विधायकों के साथ दिल्ली राजघाट पर धरने लगाने की घोषणा को राजनीतिक स्टंट करार दिया है। साथ ही यह अनैतिक एवं महात्मा गांधी जी के अहिंसा के सिद्वांतों के विपरित बताते हुए कांग्रेस की धरना राजनीतिक को केवल फोटोशूट करार दिया।

चुघ ने कहा कि कोरोना काल के बाद उभरने का प्रयास कर रही अर्थव्यवस्था को किसान आंदोलन के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर सोची समझी साजिश के अधीन पूरे पंजाब की आर्थिक नाकेबंदी करने की कुचेष्ठा में कैप्टन सरकार सबसे आगे खड़ी नजर आ रही है। यही कारण है कि ऐसा अनुभव हो रहा है कि पंजाब के आंदोलन में अर्बन नकसलवाद की घुसपैठ हो चुकी है क्योंकि नकसलवाद हमेशा विकास का बाधक रहा है। 

चुघ ने इन हालातों के लिए पंजाब की कैप्टन सरकार को दोषी करार देते हुए कहा कि अपने 42 महीनों के शासनकाल में सभी मोर्चो पर विफल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों में सरकार विरोधी रूजानों (एण्टी इन्कमबैंसी) से पंजाब की जनता का ध्यान हटाने के लिए कैप्टन सरकार ने सभी 31 किसान यूनियन को इकट्ठा करके एक प्लेटफार्म पर लाकर मोदी सरकार के किसान हितैषी बिलों का विरोध करने के लिए सारी सरकारी तंत्र की ताकत झौंक दी।

चुघ ने कहा कि भाजपा के पंजाब प्रधान अश्वनि शर्मा के साथ व उन पर खुद पर भी हमला हो चुका है। अमृतसर, लुधियाना में आपकी पार्टी के नेताओं द्वारा भाजपा कार्यालयों में घुस कर उसे जलाने व तोड़फोड़ करने की घटना को आपका प्रशासन संरक्षण देता हुआ दिख रहा है। चुघ ने कहा कि किसानों के आन्दोलन से किसानों का खुद बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है, क्योकि गेहूं की बिजाई कि लिए जरूरी डी-ए-पी, यूरिया भी नहीं आ पा रहा। अगर यही हाल रहा तो सभी की दीवाली फीकी रहेगी। 

चुघ ने कहा कि किसान वोटों की चाहत ने कांग्रेस, आम आदमी पार्टी तथा अकाली दल को इतना अंधा कर दिया कि उन्हें 40-41 दिनों से किसान संगठनों द्वारा रोकी गई रेलों, मालगाडियों के कारण तबाह हो रहा व्यापार, कारोबार, उद्योग, सरकारी राजस्व, पंजाब की आर्थिक नाकेबंदी दिखाई ही नहीं दे रही। 

Mohit