15 वर्ष के मुकाबले कम वोटिंग होने से चक्रव्यूह में फंसे सियासी पंडित

punjabkesari.in Monday, Feb 21, 2022 - 03:14 PM (IST)

लुधियाना (हितेश): पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान 15 वर्ष के मुकाबले कम वोटिंग होने से सियासी पंडित चक्रव्यूह में फंस गए हैं। आम तौर पर ज्यादा वोटिंग को बदलाव के साथ जोड़कर देखा जाता है। अब जब पंजाब में बदलाव का शोर सबसे ज्यादा सुनने को मिल रहा था तो वोटिंग का आंकड़ा 15 साल के मुकाबले सबसे डाउन आया है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी व अकाली दल सबसे ज्यादा परेशान नजर आ रहे हैं क्योंकि अगर इतिहास की बात करें तो जब भी ज्यादा वोटिंग होती है तो अकाली दल की सत्ता में वापसी हुई है लेकिन इस बार अकाली दल की स्थिति कमजोर मानी जा रही थी तो आम आदमी पार्टी द्वारा भारी बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा किया जा रहा था लेकिन उसके मुताबिक वोटिंग को लेकर लोगों में जोश नजर नहीं आया।

यह भी पढ़ेंः 175 उम्मीदवारों का भविष्य EVM में कैद, छिटपुट घटनाओं में इतने प्रतिशत पड़े वोट

उधर, कांग्रेस को कम वोटिंग होने पर एंटी इंकम्बेंसी का ज्यादा असर न होने की आस है लेकिन साथ ही इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि शहरी क्षेत्र में भाजपा द्वारा खेले हिन्दू कार्ड का जो प्रभाव देखने को मिला है उससे कांग्रेस या आम आदमी पार्टी में से किसके वोट बैंक को नुकसान पहुंचा है।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here

 

News Editor

Urmila