नहीं खुलेंगी प्रदूषण फैलाने वाली शहर की लैदर फैक्टरियां

punjabkesari.in Sunday, Dec 15, 2019 - 08:50 AM (IST)

चंडीगढ़/जालंधर(हांडा): प्रदूषण फैलाने के कारण पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा लगभग अढ़ाई महीने पहले बंद करवा दी गई जालंधर लैदर कॉम्पलैक्स में स्थित लैदर फैक्टरियों को पुन: खोलने की याचिका पर फिलहाल हाईकोर्ट ने कोई राहत नहीं दी है। इन फैक्टरियों में से निकलने वाले कैमिकल्स से फैल रहे प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों की अनुपालना पर हलफनामा मांगते हुए जस्टिस राजीव शर्मा और जस्टिस हरिंद्र सिंह सिद्धू की खंडपीठ ने सुनवाई को 17 दिसम्बर तक स्थगित कर दिया है। इस मामले में सुनवाई के दौरान पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मैंबर सैक्रेटरी द्वारा दायर हलफनामे में इन फैक्टरियों के लिए प्रदूषण नियंत्रण संबंधी छह नए नियम बताए गए हैं।

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गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 29 अक्तूबर के आदेशों में प्रदूषण नियंत्रण पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1974 और जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम-1974 के नियमों का उल्लंघन करने के लिए जालंधर के लैदर कॉम्पलैक्स में स्थित फैक्टरियों को बंद करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद 61 लैदर फैक्टरियों को बंद करवा दिया गया था। हाईकोर्ट ने यह आदेश पंजाब एफ्लुएंट ट्रीटमैंट सोसायटी फॉर टैनरीज और अन्य द्वारा दायर याचिका पर दिया था, जिसमें लैदर फैडरेशन के सदस्यों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के नियमों की अनदेखी करने के आरोप लगाए गए थे और कहा गया था कि लैदर कॉम्पलैक्स में चल रही लैदर फैक्टरियों से काला संघियां ड्रेन में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। 

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गौरतलब है कि काला संघियां में जल प्रदूषण को कम करने के लिए हाईकोर्ट ने इससे पहले भी सीवरेज डिस्पोजल बोर्ड, पी.एस.आई.ई.सी. के चीफ इंजीनियर और जालंधर नगर निगम के संयुक्त आयुक्त को ऐसा तरीका ढूंढने को कहा था, जिससे जालंधर की फैक्टरियों और बूचड़खानों से निकलने वाले द्रव्य कचरे को सीवरेज लाइन में डाले जाने से पहले शोधित किया जा सके।

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Sunita sarangal