प्रदूषण बोर्ड का मंडी गोबिंदगढ़ रोलिंग मिलों को झटका

punjabkesari.in Friday, Nov 22, 2019 - 06:36 PM (IST)

मंडी गोबिंदगढ़/खन्ना(सुरेश, शाही, कमल): पंजाब प्रदूषण बोर्ड ने एक आदेश पारित कर मंडी गोबिंदगढ़ में लोहा गर्म करने के लिए रोलिंग मिलों द्वारा प्रयोग किए जा रहे कोयले और फर्नेस आयल पर पाबंदी लगा कर केवल पी.एन.जी. (पाइप्ड नैचुरल गैस) प्रयोग करने के आदेश पारित कर दिए हैं।

बोर्ड के चेयरमैन सतिन्द्र सिंह मरमाहा ने कहा कि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार मंडी गोबिंदगढ़ में प्रदूषण कम करने के लिए एक्शन प्लान तैयार करने के आदेश बोर्ड को जारी किए गए थे। आदेशों के अनुसार इस क्षेत्र के 5 किलोमीटर दायरे में 250 के लगभग रोलिंग मिलें हैं जोकि प्रतिदिन औसतन 1 हजार टन कोयला व गैस प्रयोग करती हैं जिससे क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ता है। अब जबकि आई.आर.एम. एनर्जी प्रा.लि. कम्पनी द्वारा पूरे क्षेत्र में गैस पाइप लाइन बिछा दी गई है तो 1 अप्रैल, 2020 से रोलिंग मिलें केवल इस कम्पनी द्वारा सप्लाई की गई गैस ही प्रयोग करेंगी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली एन.सी.आर. में पहले से ही रोलिंग मिलों पर कोयला व फर्नेस आयल के प्रयोग करने पर पाबंदी लग चुकी है।

खन्ना में भी अगले साल से लागू हो जाएंगे आदेश 
पंजाब प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव करूनेश गर्ग ने कहा कि आदेशों में मंडी गोबिंदगढ़ की रोलिंग मिलों कोयला व फर्नेस आयल प्रयोग करने पर पाबंदी लगाई गई है। गर्ग ने स्पष्ट किया कि मंडी गोबिंदगढ और इसके आसपास के क्षेत्र में जहां-जहां पर पाइप लाइन बिछा दी गई है वहां उस क्षेत्र की रोलिंग मिलों को केवल गैस ही प्रयोग करनी होगी। खन्ना में क्योंकि गैस पाइप लाइन बिछाने का काम अभी चल रहा है और एक साल के भीतर पूरा हो जाएगा वहां पर अभी यह आदेश लागू नहीं होंगे।

क्या कहना है कम्पनी प्रतिनिधि का
आई.आर.एम. एनर्जी कम्पनी के प्रतिनिधि प्रेरित गुप्ता ने बताया कि मंडी गोबिंदगढ़ में जी.टी. रोड, फोकल प्वाइंट, अमलोह रोड, तलवाड़ा रोड क्षेत्र में पाइप लाइन बिछा दी गई है। अगर कोई रोलिंग मिल उस सड़क से 400-500 मीटर दूरी पर है तो उसे गैस कनैक्शन देते समय पाइप लाइन बिछा कर दी जाएगी।

मंडी गोबिंदगढ़ की रोलिंग मिलों के लिए लोहे की उत्पादन कॉस्ट 300 से 400 प्रति टन बढ़ेगी : विनोद वशिष्ठ
आल इंडिया स्टील री-रोलर्ज एसोसिएशन के प्रधान विनोद वशिष्ठ ने बताया कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोयला गैस प्रयोग पर पाबंदी लगाने से पहले संबंधित लोगों से ऐतराज मांगे थे। उनकी एसोसिएशन ने लिखित ऐतराज दाखिल कर कहा था कि अगर रोलिंग मिलों पर यह आदेश लागू होते हैं तो कोयला और फर्नेस आयल के मुकाबले पी.एन.जी. गैस 500 प्रति टन महंगी पड़ेगी जिससे मिलें देश के अन्य क्षेत्र की मिलों से प्रतिस्पर्द्धा में पीछे रह जाएंगी और बंद हो जाएंगी। उसके बाद पंजाब सरकार ने पी.एन.जी. गैस पर वैट 14 प्रतिशत से कम कर 3 प्रतिशत किया है, उससे केवल 150 रुपए प्रति टन उत्पादन लागत कम हुई है जिससे अब भी गैस प्रयोग करने पर मिलों को 300 से 400 रुपए प्रति टन महंगी पड़ेगी।

बोर्ड ने एसोसिएशन के लिखित सुझावों को नजरअंदाज कर कोई भी बैठक नहीं की। उन्होंने बताया बोर्ड का कहना है कि दिल्ली में भी यह पाबंदी लग चुकी है क्योंकि दिल्ली में ट्रैफिक अधिक होने से वातावरण में सल्फर की मात्रा अधिक होती है जिससे केवल गैस के प्रयोग करने के आदेश जारी हुए हैं जबकि मंडी गोबिंदगढ़ में ऐसा नहीं है। उन्होंने मांग की कि बोर्ड को आदेश लागू करने से पहले एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से बैठक कर उनकी मांगों पर विचार करना चाहिए।

लोहे के बढ़ेंगे दाम, पूरे भारत पर पड़ेगा असर 
स्माल स्केल स्टील री-रोलर्ज एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष प्रदीप भल्ला ने बताया कि केवल मंडी गोबिंदगढ़ की रोलिंग मिलों पर कोयला और फर्नेस आयल प्रयोग करने पर पाबंदी लगाने से पूरे क्षेत्र की मिलें बंद हो जाएंगी, क्योंकि देश की अन्य रोलिंग मिलें यहां तक कि खन्ना की मिलों की उत्पादन लागत भी इन मिलों से 300 से 400 रुपए प्रति टन कम होगी तो केवल उनका माल ही बिकेगा। मंडी गोबिंदगढ़ से पूरे भारत को एंगल, चैनल, सरिया आदि भेजा जाता है। गैस प्रयोग करने के बाद लोहे के दामों का पूरे भारत पर असर पड़ेगा और देश में लोहा महंगा हो जाएगा जिससे आम आदमी के लिए घर निर्माण का सपना पूरा करना अधूरा रह जाएगा। भल्ला ने भी प्रदूषण बोर्ड से मांग की कि आदेश लागू करने से पहले रोलिंग मिलों के प्रतिनिधियों से बैठक कर उनके विचार सुनने चाहिएं।

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Sunita sarangal