बर्ड फ्लू ने तोड़ी पोल्ट्री उद्योग की कमर

punjabkesari.in Saturday, Jan 09, 2021 - 01:19 PM (IST)

जालंधर(पाहवा): पंजाब के पड़ोसी राज्यों हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद राज्य में पोल्ट्री उद्योग की कमर टूट गई है। पोल्टी उत्पादों की हॉल सेल कीमतों में 40 फीसदी तक गिर गई है और राज्य सरकार द्वारा पंजाब को कंट्रोल्ड एरिया घोषित करने के बाद अब पोल्ट्री इंडस्ट्री के हालात और बिगड़ने का अंदेशा है। हालांकि पंजाब में फिलहाल चिकन में बर्ड फ्लू के किसी मामले की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन लोगों ने एहतियात के तौर पर चिकन और अंडे खाना काम कर दिया है जिसके कारण पिछले चार दिन में ही पंजाब में पोल्ट्री उद्योग में मांग कम हो कर पचास फीसदी रह गई है।  

पंजाब में बायलर के होलसेल रेट चार दिन पहले 90 रूपए प्रति किलो के आस पास थे जो शुक्रवार को कम हो कर 54 रूपए रह गए। इसी प्रकार करीब 550 रूपए प्रति सैंकड़ा बिकने वाला अंडा शुक्रवार को 360 रूपए तक पहुंच गया। पंजाब सरकार द्वारा शुक्रवार शाम हुई पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात पर पाबन्दी वाले नोटिफिकेशन अभी बाजार में नहीं पहुंची है और शनिवार को इसकी सूचना बाजार में पहुंचने के बाद दाम और लुढ़क सकते हैं। हालांकि मुर्गे और अंडे के खुदरा दाम में फिलहाल ज्यादा कमी नहीं दर्ज की गई है और अगले सप्ताह में रिटेल मार्किट में भी इसका असर दिखना शुरू हो सकता है। 

पंजाब में 6000 करोड़ का कारोबार 
पंजाब में पोल्ट्री उद्योग करीब 6 हजार करोड़ रूपए का है और हर महीने मुर्गे और अंडे को मिला कर करीब 500 करोड़ रूपए का कारोबार होता है। राज्य में रोजाना करीब डेढ़ लाख मुर्गे बिकते थे और यह मांग अब कम हो कर आधी रह गई है। जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में पंजाब से ही चिकन की आपूर्ति होती है लेकिन अब इन राज्यों में भी आपूर्ति लगभग ठप हो गई है। इंडस्ट्री को अब 2005 में फैले बर्ड फ्लू के दिनों की याद आने लगी है। उस दौरान पोल्ट्री उद्योग काफी कठिन दौर से गुजरा था और मुर्गे के दाम 30 रूपए प्रति किलो तक लुढ़क गए थे। इस संकट से उबरने में ही पोल्ट्री उद्योग को कई साल लग गए थे।  

पंजाब के चिकन में बर्ड फ्लू नहीं : एम.पी. सिंह 
जालंधर स्थित नार्थ रीजनल डिसीसीज डायगनोस्टिक लैब के ज्वाइंट डायरेक्टर एम.पी. सिंह का कहना है कि पंजाब में फिलहाल किसी भी जंगली या पोल्ट्री पक्षी में बर्ड फ्लू होने का मामला सामने नहीं आया है लेकिन पड़ोसी राज्यों की स्थिति को देखते हुए विभाग और सरकार एहतियात बरत रही है और राज्य में विभिन स्थानों से जंगली और पोल्ट्री पक्षियों के नमूने लिए जा रहे हैं।


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Sunita sarangal

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