पावरकॉम ने रैगुलेटरी कमीशन को भेजा संशोधित प्रस्ताव, घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने का प्रयास

punjabkesari.in Wednesday, Feb 19, 2020 - 11:48 AM (IST)

चंडीगढ़(शर्मा): राज्य में महंगी बिजली दरों को लेकर चौतरफा विरोध झेल रही पंजाब सरकार विशेषकर दिल्ली में अन्य मुद्दों के अलावा सस्ती बिजली दरों के दम पर सत्ता पर काबिज हुई आम आदमी पार्टी के असर से अब पंजाब में कांग्रेस सरकार भी दबाव में है। इसी के चलते अब राज्य में बिजली दरों में कुछ राहत प्रदान करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। वर्ष 2020-21 की बिजली दरें निश्चित करने  के लिए पंजाब पावरकॉम ने गत नवम्बर माह में रैगुलेटरी  कमीशन के पास दायर पटीशन में बिजली दरों में औसतन 13 प्रतिशत बढ़ौतरी का प्रस्ताव किया था लेकिन अब बदली परिस्थितियों में पावरकॉम ने रैगुलेटरी कमीशन के पास संशोधित प्रस्ताव भेज कर न सिर्फ क्रॉस सबसिडी की व्यवस्था को समाप्त करने या तर्कसंगत बनाने की अपील की है बल्कि सरकार द्वारा मुफ्त बिजली के बदले दी जाने वाली सबसिडी को भी डायरैक्ट ट्रांसफर के माध्यम से लाभपात्रियों को प्रदान किए जाने की वकालत की है। 

पावरकॉम ने अपने संशोधित टैरिफ प्रस्ताव में इस बात पर भी जोर दिया है कि सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सबसिडी के वार्षिक तौर पर बकाया का भुगतान नए वित्त वर्ष के पहले महीने में सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा माहवार सबसिडी का भुगतान किसानों द्वारा बिजली की खपत के अनुसार किया जाए क्योंकि किसानों द्वारा साल के पहले 6 महीनों में विशेषकर धान रोपाई के सीजन में बिजली की अधिक खपत की जाती है, जबकि सबसिडी का भुगतान माहवार प्रस्तावित होता है और उसमें भी सरकार डिफाल्ट करती है। पावरकॉम द्वारा रैगुलेटरी कमीशन के पास दायर किए गए संशोधित प्रस्ताव में घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने की बात कही गई है। 

ये है संशोधित प्रस्ताव के अनुसार दी जाने वाली राहत

  •  2 किलोवाट बिजली लोड वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें पहले 100 यूनिट तक 4.25 रुपए प्रति यूनिट।
  • 101 से 300 यूनिट तक 6.30 रुपए प्रति यूनिट।
  • 301 से अधिक खपत पर यह दर 6.90 रुपए प्रति यूनिट निश्चित करने का प्रस्ताव किया गया है। 
  • इस श्रेणी के उपभोक्ताओं से निश्चित शुल्क के रूप में मंजूर बिजली लोड के अनुसार 35 रुपए प्रति किलोवाट वसूलने की बात कही गई है।
  • 2 किलोवाट से 50 किलोवाट के बिजली लोड वाले उपभोक्ताओं के लिए निश्चित शुल्क के रूप में जहां 55 रुपए प्रति किलोवाट की सिफारिश की गई है, वहीं इस श्रेणी के उपभोक्ताओं पर भी बिजली की दरें खपत के  अनुसार 2 किलोवाट मंजूर बिजली लोड के उपभोक्ताओं की तर्ज पर ही निश्चित करने की सिफारिश की गई है। 
  • 50 किलोवाट से 100 के.वी.ए. बिजली लोड के उपभोक्ताओं के लिए जहां निश्चित शुल्क 100 रुपए प्रति के.वी.ए. प्रस्तावित किया गया है, वहीं बिजली की दरें 6.85 रुपए प्रस्तावित हैं, जबकि 100 के.वी.ए. से अधिक बिजली लोड वाले उपभोक्ताओं के लिए दर 7.00 रुपए निश्चित करने की सिफारिश की गई है।

  • हरिमंदिर साहिब व दुग्र्याणा मंदिर के लिए पहले 2000 यूनिट फ्री देने का प्रस्ताव

प्रस्ताव के अनुसार हरिमंदिर साहिब व दुग्र्याणा मंदिर के लिए पहले 2000 यूनिट फ्री देने व इससे अधिक यूनिट की दरें 6.50 रुपए प्रति यूनिट निश्चित करने की सिफारिश की गई है। इंडस्ट्री की विभिन्न श्रेणियों के लिए बिजली दरें निश्चित शुल्क के अलावा 5.55 रुपए से लेकर 6.95 रुपए तक निश्चित करने की सिफारिश की गई है। 

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