पावरकॉम ऑफिसरों और मैनेजमैंट में तकरार: सरकार को बदनाम करने के लिए लगाए जा रहे पॉवरकट

punjabkesari.in Saturday, Jul 10, 2021 - 11:38 AM (IST)

खन्ना (शाही): पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन (पावरकॉम) और ऑफिसरों के बीच बहुत से मुद्दों को लेकर तकरार चल रही है। सभी ऑफिसरों ने इस बाबत असहयोग आंदोलन चलाया हुआ है जिसके चलते पावरकॉम द्वारा बनाए गए सभी विभागीय व्हाट्सएप ग्रुपों से ऑफिसर निकल गए हैं और फिर से इन ग्रुपों में शामिल नहीं हुए हैं।

पिछले कल पावरकॉम के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ए. वेणु प्रसाद द्वारा बयान देना कि उद्योग बंद होने के चलते पावर कट नहीं लग सकते और लोकल समस्या के चलते बिजली बंद को पावर कट का नाम दिया जा रहा है, भी इसी कड़ी का नतीजा है। सूत्रों के अनुसार ऑफिसरों और मैनेजमैंट के बीच तकरार के चलते सरकार को बदनाम करने के लिए पावर कट लगाए जा रहे हैं।

ऑफिसरों ने मीडिया के फोन न उठाने का लिया फैसला
पावरकॉम के ऑफिसरों को पता चल चुका है कि जब राज्य में 80 प्रतिशत बिजली की खपत करने वाले उद्योग बंद पड़े हैं और केवल 20 प्रतिशत बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ता बचे हैं तो इन हालातों में पावर कट नहीं लग सकते। मीडिया के सवालों के जवाब से बचने के लिए पावरकॉम के आला ऑफिसरों ने प्रैस के फोन उठाने बंद कर दिए हैं जबकि कुछ पत्रकारों के फोन नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाल दिए गए हैं।

पंजाब में पावर कटों पर फैसला चीफ इंजीनियर पी.पी.आर. (पावर परचेज एंड रैगुलेशन) ने लेना होता है जिनका फोन जब से उद्योग बंद हुए हैं, नो रिप्लाई जा रहा है। आज उनके फोन पर व्हाट्सएप संदेश भेज कर जब पूछा गया कि केवल 20 प्रतिशत उपभोक्ता बचे हंै बिजली का प्रयोग करने वाले तो इन हालातों में पावर कट क्यों लगाए जा रहे हैं? क्या आप कोई स्पष्टीकरण देंगे? ऑफिसर द्वारा संदेश पढऩे की पुष्टि तो हो गई लेकिन जनाब ने कोई उत्तर नहीं दिया।

बिजली उत्पादन भी कर रहा है संकेत पावर कट न लगने का
पंजाब स्टेट लोड डिस्पैच सैंटर जो कि अपनी साइट पर पंजाब के पल-पल के बिजली निर्माण की जानकारी दे रहा है, के अनुसार भी उद्योगों को बंद करने के फैसले से पहले पंजाब में केवल 2 यूनिट रोपड़ और तलवंडी साबो बंद पड़े थे। इसके बाद 7 जुलाई को तलवंडी साबो का एक यूनिट और बंद हुआ है। इन हालातों में देखा जाए तो उद्योगों के बंद होने से 80 प्रतिशत बिजली की खपत घटी है तो पावर कट लग ही नहीं सकते। 

लोड डिस्पैच सैंटर के आंकड़ों के अनुसार पंजाब के अपने थर्मल प्लांटों में से रोपड़ के 840 मैगावाट कैपेसिटी के 4 यूनिटों में से 3 में 582 मैगावाट, लहरा मुहब्बत के 920 मैगावाट कैपेसिटी के 2 यूनिटों में 837 मैगावाट बिजली का निर्माण हो रहा है। हाइड्रो पावर प्लांटों के 6 यूनिटों से 764 मैगावाट और राजपुरा, तलवंडी साबो और गोइंदवाल 3 प्राइवेट पावर प्लांटों से 1816 मैगावाट बिजली खरीदी जा रही है। 

इस प्रकार सोलर पावर और अन्य स्रोतों से 230 मैगावाट उत्पादन के साथ पावरकॅाम का अपना उत्पादन 4320 मैगावाट यूनिट हो रहा है। केन्द्रीय पूल से मिलने वाली बिजली और अपने उत्पादन को मिला कर पंजाब में उद्योगों के बंद होने से पावर कटों का लगना बहुत-सी शंकाओं को उत्पन्न कर रहा है। अगर पावरकॅाम के ऑफिसर फोन नहीं उठाते तो पंजाब सरकार जिसकी बहुत ज्यादा किरकिरी हो रही है, उसे आगे आकर लोगों की शंकाओं का समाधान करना चाहिए।

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Content Writer

Tania pathak

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