प्रकाश सिंह बादल को दरवेश बादशाह कहने पर मचा हड़कंप

punjabkesari.in Monday, Sep 10, 2018 - 07:12 PM (IST)

मानसा (मित्तल): पूर्व सीनियर विधायक अजीतइंद्र सिंह मोफर ने आज यहां प्रैस कांफ्रेंस के दौरान सवाल खड़ा किया कि सीनियर अकाली नेता बलविन्दर सिंह भून्दड़ की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को दरवेश बादशाह कहना सिख कौम के लिए बेहद मंदभागी की बात है।

वह सिख कौम को खुद ही बताएं कि उनको यह कहने के पीछे क्या मजबूरी बनी, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री बादल इस समय पर बहबल कांड के आरोपों में घिरे हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सिख कौम सिर्फ सरबंसदानी श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी को दरवेश बादशाह कहकर पुकारती है। उनके साथ प्रकाश सिंह बादल की तुलना करके सिख कौम के मन को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि भून्दड़ साहिब सच में ही सिख पंथ के हितैषी हैं तो उनको खुद श्री अकाल तख्त साहब जी, पर पहुंचकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के चरणों में माथा टेककर सिख कौम से निमरता से माफी मांग लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जब 1978 में निरंकारी कांड में 13 लोग शहीद हो गए थे, तो यह घटना होने पर श्री अकाल तख्त साहिब जी से सिख जत्थेदारों ने निरंकारियों का बायकाट कर दिया था, परन्तु सिख कौम के बायकाट के बावजूद बलविन्दर सिंह भून्दड़ निरंकारी दरबार में गए।

उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब किया। उन्होंने उस समय पर श्री अकाल तख्त साहिब जी से सजा भुगतनी पड़ी थी। श्री अकाल तख्त साहिब के हमले के बारे में बात छेड़ते उन्होंने कहा कि अकाली नेता हमेशा इस हमले का आरोप कांग्रेस पार्टी पर लगा रहे हैं, परन्तु इस हमले से पहले 5 जून को पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, अकाली दल के प्रधान रहे संत हरचन्द सिंह लोंगोवाल व शिरोमणि कमेटी के तत्कालीन प्रधान गुरचरन सिंह टोहड़ा ने दिल्ली में कांग्रेस के सेक्रेटरी आर.के. धवन को एक पत्र दिया कि संत जरनैल सिंह भिंडरावाले व उनके गर्म ख्याली समर्थक श्री अकाल तख्त साहिब जी के अंदर दाखिल हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में पंजाब के हालात बिगड़ सकते हैं। संत हरचन्द सिंह लोंगोवाल, गुरचरन सिंह टोहड़ा व अन्य अकाली नेताओं की किसी समय पर भी हत्या हो सकती है।

उन्हें श्री दरबार साहिब से बाहर निकालने की कार्रवाई की जाए। जस्टिस रणजीत सिंह जी की रिपोर्ट के बारे में किए सवाल के जवाब में श्री मोफर ने कहा कि अब बहबल कांड में उस समय के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने गर्म ख्याली सिख नेताओं को दबाने के लिए चर्चित पुलिस अधिकारी सुमेध सैनी को बुलाकर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए। जिसमें शांतमई रोष धरने पर बैठे सिखों पर गोलियां चलाई गई, 2 सिख नौजवानों की जान चली गई।

उन्होंने बताया कि उस समय पर गृह विभाग सुखबीर सिंह बादल के पास था। यह हो ही नहीं सकता कि उन्हें इस बारे में जानकारी न हो। उस समय पर ही सिख कौम के हितों को देखते सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाली तख्त साहिब जी व सिख पंथ से निरमता के साथ माफी मांग लेनी चाहिए थी। यदि ऐसा कर लेते तो आज शिरोमणि अकाली दल व उन्हें यह हलात न देखने पड़ते। अब वह पंजाब में गदर मचाकर अपने आप को सच्चा साबित करने के लिए तुले हुए हैं और जस्टिस रणजीत सिंह को ‘रणजीते को देख लेंगे’ कह कर भद्दी शब्दावली का इस्तेमाल कर रहे हैं। दूसरी तरफ इस संबंधी जब राज सभा मैंबर बलविन्दर सिंह भून्दड़ के साथ बात की तो उन्होंने कहा कि स. बादल को दरवेश सियास्तदान कहना चाहते थे परन्तु उनकी जुबान फिसल जाने के कारण वह पूरी सिख संगत से माफी मांगते हैं।
 

Des raj