चहेते डिफाल्टर मिलरों के 2500 करोड़ रुपए माफ करने की तैयारी में पंजाब सरकार

punjabkesari.in Tuesday, Sep 17, 2019 - 08:53 AM (IST)

जालंधर(नरेन्द्र मोहन): आखिरकार पंजाब सरकार ने अपने चहेते डिफाल्टर राइस मिलरों को राहत देने के लिए एकमुश्त निपटारा (वन टाइम सैटलमैंट) की संशोधित योजना को स्वीकृति दे ही दी। वित्त विभाग की आपत्ति के चलते यह फाइल पिछले 11 महीने से अटकी हुई थी। 

सूत्र बताते हैं कि यह बात काफी हद तक तय हो चुकी है कि डिफाल्टर राइस मिल मालिकों को इस योजना में करीब 2500 करोड़ रुपए माफ  करने की तैयारी है। मिल डिफाल्टरों की सूची में दर्जनों कांग्रेस के करीबी लोग भी शामिल हैं और एक सबसे बड़ा मिल डिफाल्टर जिला फतेहगढ़ साहिब में है जिनके लिए कांग्रेस के मंत्रियों और कांग्रेस के नेताओं ने पुरजोर सिफारिशें कर रखी हैं। जानकारी के अनुसार राज्य की 1961 राइस मिलों की तरफ  सरकार का 7670 करोड़ रुपए बकाया चला आ रहा है। सरकार ने 7 सितम्बर 2017 को भी वन टाइम सैटलमैंट योजना शुरू की थी।

तब केवल 123 राइस मिलों ने 70 करोड़ रुपए की देनदारी को 32.40 करोड़ रुपए में निपटवाया था परन्तु बड़े डिफाल्टर इस सौदे से दूर ही रहे, क्योंकि जिस ढंग से वे बड़ी राशि की देनदारी से मुक्ति चाहते थे, वह योजना उनके मुताबिक नहीं थी। इन डिफाल्टर मिल मालिकों में कुछ ऐसे प्रभावशाली लोग भी शामिल थे जिन्होंने सत्ता में आने से पूर्व कांग्रेस को चुनावी फंडिंग की थी। सूत्र बताते हैं कि यह उन्हीं का दबाव था कि सरकार पर वन टाइम सैटलमैंट में संशोधन का दबाव पड़ा। वास्तव में डिफाल्टर राशि 7670 करोड़ तो थी परन्तु ब्याज के साथ थी जबकि मूल राशि 2042 करोड़ रुपए थी और शेष ब्याज था। 

नई योजना के मुताबिक ब्याज की राशि मूल राशि से कम होगी और फालतू ब्याज को समाप्त किया जाएगा। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया था जिसमें फूड सप्लाई मंत्री, वित्त मंत्री व एक अन्य मंत्री भी शामिल था। करीब 11 महीनों के प्रयासों के बाद पंजाब सरकार इस नई वन टाइम सैटलमैंट की संशोधित योजना को मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिए ला पाई है। सरकार की इस संशोधित योजना में वे 123 मिलर फायदा मांगने की बात नहीं कर सकेंगे जो इस योजना को कठोर रूप में हल करवा चुके हैं। 

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